पत्रकारिता के गिरते स्तर को सुधारने के लिए सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने उठाया ये कदम!
दिनों दिन पत्रकारिता का स्तर गिरता जा रहा है। दरअसल इसकी मूल वजह है पत्रकारिता जगत में असामाजिक तत्वों का प्रवेश। सूचना-प्रसारण मंत्रालय इन्हीं असामाजिक तत्वों को खत्म करने के लिए समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण, साथ ही टीवी चैनलों, न्यूज एजेंसियों और समाचार पत्र-पत्रिकाओं द्वारा जारी प्रेस कार्ड की मौजूदा नियमावली में संशोधन की तैयारी कर रही है।
देश में जिस तरह से समाचार पत्र-पत्रिकाओं की संख्या बढ़ रही हैं उसी तेजी से पत्रकारों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है, लेकिन इन सबके बीच, कुछ ऐसे चेहरों ने भी पत्रकारिता जगत में दस्तक दे दी है, जिसके कारण पत्रकारिता पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं।
पत्रकारिता क्षेत्र में शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य
समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण के बाद प्रकाशक और संपादक एक-दो अंक प्रकाशित कर कुछ ऐसे लोगों को भी प्रेस कार्ड जारी कर देते है, जिनका पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं होता, इन्हीं की वजह से पत्रकारिता पर उंगलियां उठती हैं। इसी के चलते अब केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्रालय समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण के लिए आवेदक की शैक्षणिक योग्यता पत्रकारिता में डिग्री की शर्त को अनिवार्य करने जा रहा है।
समाचार पत्रों का प्रकाशन बंद कर सकती है केंद्र सरकार
दैनिक समाचार पत्र-पत्रिकाओं, न्यूज एजेंसियों और टीवी चैनलों के रिपोर्टरों के लिए संबंधित जिला मजिस्ट्रेट की स्वीकृति और उसकी पुलिस वैरीफिकेशन होने के बाद जिला सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रेस कार्ड और प्रेस स्टीकर जारी किए जाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अन्य समाचार पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशक और संपादक का प्रेस कार्ड सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा। सरकारी तंत्र द्वारा जारी प्रेस कार्ड व प्रेस स्टीकर ही मान्य होंगे। वहीं ये भी खबर है कि केंद्र सरकार द्वारा उन समाचार पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन बंद किया जा सकता है, जिन्होंने पिछले तीन वर्ष से अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा नहीं करवाई।
प्रेस कार्ड बेचने वालों पर दर्ज होगा अपराधिक मामला
खबर ये भी है कि किसी भी क्षेत्र से अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने वाला दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल, न्यूज एजेंसी को प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट को आवेदन करना होगा, जो जिला सूचना व संपर्क अधिकारी की हस्तक्षेप के बाद स्वीकृति प्रदान करेंगे। जिला सूचना व संपर्क अधिकारी अपनी रिपोर्ट में दर्शाएंगे कि अमूक दैनिक समाचार पत्रों, न्यूज चैनलों, न्यूज एजेंसियों को इस क्षेत्र से प्रतिनिधि की जरूरत है।
संशोधित नियमावाली के चलते प्रेस कार्ड की खरीद-फरोख्त और प्रेस लिखे वाहनों पर सरकारी तंत्र की नजर रहेगी। तथ्य पाए जाने के उपरांत अपराधिक मामला कार्ड धारक, कार्ड जारी करने वाले के हस्ताक्षर और प्रेस लिखे वाहन के मालिक पर दर्ज होगा।
source :- samachar4media.com
देश में जिस तरह से समाचार पत्र-पत्रिकाओं की संख्या बढ़ रही हैं उसी तेजी से पत्रकारों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है, लेकिन इन सबके बीच, कुछ ऐसे चेहरों ने भी पत्रकारिता जगत में दस्तक दे दी है, जिसके कारण पत्रकारिता पर सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं।
पत्रकारिता क्षेत्र में शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य
समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण के बाद प्रकाशक और संपादक एक-दो अंक प्रकाशित कर कुछ ऐसे लोगों को भी प्रेस कार्ड जारी कर देते है, जिनका पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं होता, इन्हीं की वजह से पत्रकारिता पर उंगलियां उठती हैं। इसी के चलते अब केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्रालय समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण के लिए आवेदक की शैक्षणिक योग्यता पत्रकारिता में डिग्री की शर्त को अनिवार्य करने जा रहा है।
समाचार पत्रों का प्रकाशन बंद कर सकती है केंद्र सरकार
दैनिक समाचार पत्र-पत्रिकाओं, न्यूज एजेंसियों और टीवी चैनलों के रिपोर्टरों के लिए संबंधित जिला मजिस्ट्रेट की स्वीकृति और उसकी पुलिस वैरीफिकेशन होने के बाद जिला सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा प्रेस कार्ड और प्रेस स्टीकर जारी किए जाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अन्य समाचार पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशक और संपादक का प्रेस कार्ड सूचना-प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा। सरकारी तंत्र द्वारा जारी प्रेस कार्ड व प्रेस स्टीकर ही मान्य होंगे। वहीं ये भी खबर है कि केंद्र सरकार द्वारा उन समाचार पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन बंद किया जा सकता है, जिन्होंने पिछले तीन वर्ष से अपनी वार्षिक रिपोर्ट जमा नहीं करवाई।
प्रेस कार्ड बेचने वालों पर दर्ज होगा अपराधिक मामला
खबर ये भी है कि किसी भी क्षेत्र से अपना प्रतिनिधि नियुक्त करने वाला दैनिक समाचार पत्र, न्यूज चैनल, न्यूज एजेंसी को प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट को आवेदन करना होगा, जो जिला सूचना व संपर्क अधिकारी की हस्तक्षेप के बाद स्वीकृति प्रदान करेंगे। जिला सूचना व संपर्क अधिकारी अपनी रिपोर्ट में दर्शाएंगे कि अमूक दैनिक समाचार पत्रों, न्यूज चैनलों, न्यूज एजेंसियों को इस क्षेत्र से प्रतिनिधि की जरूरत है।
संशोधित नियमावाली के चलते प्रेस कार्ड की खरीद-फरोख्त और प्रेस लिखे वाहनों पर सरकारी तंत्र की नजर रहेगी। तथ्य पाए जाने के उपरांत अपराधिक मामला कार्ड धारक, कार्ड जारी करने वाले के हस्ताक्षर और प्रेस लिखे वाहन के मालिक पर दर्ज होगा।
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