राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जंगीपुर में फूड पार्क का उद्घाटन किया
जंगीपुर। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मुर्शिदाबाद के जंगीपुर में आज एक ‘मेगा फूड पार्क ’ का उदघाटन किया। इसका उद्देश्य पश्चिम बंगाल के इस पिछड़े क्षेत्र में किसानों को खाद्य प्रसंस्करण के लिए बुनियादी ढांचा मुहैया कराना है।
मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी और केंद्र एवं राज्य के मंत्रियों की मौजूदगी में फूड पार्क का उदघाटन करने के बाद कहा कि नया फूड पार्क खाद्य उत्पादों की बर्बादी को कम करेगा। मुखर्जी के बेटे एवं जंगीपुर से सांसद अभीजित भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दिसंबर 2008 में और आखिरी मंजूरी मार्च 2010 में मिली थी। इससे उत्तर 24 परगना, बीरभूम, मालदा और वद्र्धमान जिलों के किसानों को फायदा मिलेगा।
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि फल उत्पादन के मामले में ब्राजील के बाद भारत दूसरे स्थान पर है और सब्जी उत्पादन के मामले में चीन के बाद इसका स्थान आता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत इस जैसी परियोजनाओं के जरिए खाद्य उत्पादों की बर्बादी में कमी लाएगा।
उन्होंने कहा कि फूड पार्क से किसानों को अपने उत्पाद के लिए बेहतर कीमत पाने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि संप्रग सरकार के 2008 के वादे को राजग सरकार ने 2016 में पूरा किया है।
उन्होंने कहा कि यह पार्क खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में अतिरिक्त करीब 250 करोड़ रूपये लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। सालना 500 करोड़ रूपये का टर्नओवर होगा और 6,000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करेगा। इससे करीब 25 से 30 हजार परिवार लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि करीब 132. 71 करोड़ रूपये की लागत से 82. 11 एकड़ क्षेत्र में यह पार्क स्थापित किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के बाद दिल्ली लौटने से पहले राष्ट्रपति मुर्शिदाबाद स्थित मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के प्रथम दीक्षांत समारोह में भी शरीक हुए।
मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी और केंद्र एवं राज्य के मंत्रियों की मौजूदगी में फूड पार्क का उदघाटन करने के बाद कहा कि नया फूड पार्क खाद्य उत्पादों की बर्बादी को कम करेगा। मुखर्जी के बेटे एवं जंगीपुर से सांसद अभीजित भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इस परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी दिसंबर 2008 में और आखिरी मंजूरी मार्च 2010 में मिली थी। इससे उत्तर 24 परगना, बीरभूम, मालदा और वद्र्धमान जिलों के किसानों को फायदा मिलेगा।
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि फल उत्पादन के मामले में ब्राजील के बाद भारत दूसरे स्थान पर है और सब्जी उत्पादन के मामले में चीन के बाद इसका स्थान आता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत इस जैसी परियोजनाओं के जरिए खाद्य उत्पादों की बर्बादी में कमी लाएगा।
उन्होंने कहा कि फूड पार्क से किसानों को अपने उत्पाद के लिए बेहतर कीमत पाने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि संप्रग सरकार के 2008 के वादे को राजग सरकार ने 2016 में पूरा किया है।
उन्होंने कहा कि यह पार्क खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में अतिरिक्त करीब 250 करोड़ रूपये लाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। सालना 500 करोड़ रूपये का टर्नओवर होगा और 6,000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करेगा। इससे करीब 25 से 30 हजार परिवार लाभान्वित होंगे।
उन्होंने बताया कि करीब 132. 71 करोड़ रूपये की लागत से 82. 11 एकड़ क्षेत्र में यह पार्क स्थापित किया जा रहा है।
पश्चिम बंगाल की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के बाद दिल्ली लौटने से पहले राष्ट्रपति मुर्शिदाबाद स्थित मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के प्रथम दीक्षांत समारोह में भी शरीक हुए।
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