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रात भर ऑपरेशन रूप में जागते रहे दलबीर सिंह सुहाग और सुबह...

नई दिल्ली : भारत ने जितना बड़ा सर्जिकल स्ट्राइक किया है उतना बड़ा सर्जिकल स्ट्राइक आज तक किसी भी देश की सेना से नहीं किया है यहाँ तक की अमेरिका भी इस मामले में पीछे हो गया, उसने अपना सबसे बड़ा सर्जिकल स्ट्राइक ओसामा बिन लादेन को पकड़ने के लिए किया था जिसमें ओसामा सहित करीब पांच लोगों को मार दिया गया था लेकिन भारतीय सेना ने 38 आतंकियों को मारने के साथ साथ 7 आतंकी ठिकाने भी तबाह कर डाले।

नियंत्रण रेखा के पार हुए सैन्य अभियान पर सेना के अधिकारियों ने साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय के 'ऑपरेशंस रूम' से नजर रखी।  खुद सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग खुद बुधवार रात ऑपरेशंस रूम में मौजूद थे, जब उत्तरी कमान की चौथी व नौवीं बटालियन के स्पेशल फोर्सेज पारा कमांडो ने आधी रात के आसपास सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। अभियान गुरुवार सुबह 4.30 बजे के आसपास खत्म हुआ। सुबह जब जनरल दलबीर सिंह सुहाग ऑपरेशन रूम से बाहर निकले तो उनका सीना गर्व से फूल चुका था और सबसे बड़ा ऑपरेशन करके वे दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना के आर्मी चीफ बन चुके थे। 

सूत्रों ने कहा कि कमांडो को नियंत्रण रेखा के निकट एयर ड्रॉप किया गया और उन्होंने पुंछ व कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पार दो से तीन किलोमीटर अंदर पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकवादियों के सात लॉन्च पैडों को ध्वस्त किया।

सूत्रों ने पुष्टि की है कि कश्मीर व कई मेट्रो शहरों को निशाना बनाने की योजना बना रहे आतंकवादियों को भारी क्षति पहुंची है। सेना ने हालांकि इस पर विस्तृत जानकारी नहीं दी है। कुछ खबरों के मुताबिक, अभियान के दौैरान 38 आतंकवादियों को मार गिराया गया।

सूत्रों ने कहा कि इससे पहले बुधवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने तीनों सेना प्रमुखों से शाम पांच बजे के आसपास अपने कार्यालय में मुलाकात की। इसके बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिले।

सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने सेना व वायुसेना के प्रमुख व नौसेना के उप प्रमुख से शनिवार 24 सितम्बर को मुलाकात की थी। उन्होंने सोमवार को ऑपरेशंस रूम का भी दौरा किया था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि तब सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनी थी या नहीं।

इस महीने की शुरुआत में उड़ी में सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हमले के बाद सरकार ने कई उच्चस्तरीय बैठकों को अंजाम दिया।

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