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क्या है सर्जिकल स्ट्राइक ? कैसे दिया जाता हैं इसे अंजाम ?

नई दिल्ली: भारत ने बीती रात नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकी शिविरों पर सर्जिकल हमले किए जिनमें आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचा है और अनेक आतंकवादी मारे गए हैं । सेना द्वारा आतंकवादियों को निशाना बनाने के लिए अचानक की गई इस कार्रवाई के बारे में घोषणा सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने आनन-फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में की। संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप भी मौजूद थे ।

सर्जिकल हमलों की अवधि या यह किस समय किए गए और किस स्थान पर किए गए , इस बारे में जानकारी तत्काल साझा नहीं की गई है । सिंह ने कहा, ‘भारतीय सेना ने बीती रात नियंत्रण रेखा के पार आतंकी लांच पैडों पर सर्जिकल हमले किए ।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी भी तरह की स्थिति के लिए तैयार है।

सर्जिकल स्ट्राइक क्या है?

किसी भी सीमित क्षेत्र में सेना जब दुश्मनों और आतंकियों को नुकसान पहुंचाने और उन्हें मार गिराने के लिए सैन्य कार्रवाई करती है तो उसे सर्जिकल स्ट्राइक कहा जाता हैं। दरअसल जहां भी सर्जिकल स्ट्राइक किया जाता है वहां के बारे में पुख्ता जानकारी पहले जुटाई जाती है। उसके बाद समय तय किया जाता है कि सर्जिकल स्ट्राइक कब करना है। फिर इस अभियान की जानकारी बेहद गोपनीय रखी जाती है जिसकी सूचना सिर्फ चुनिंदा लोगों तक ही होती है।

सर्जिकल स्ट्राइक में इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि जिस जगह या इलाके में आतंकी या दुश्मन छिपे हुए हैं सिर्फ उसी जगह को निशाना बनाया जाए या फिर स्ट्राइक किया जाए और इससे बाकी लोगों यानी नागरिकों को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचे। भारतीय सेना ने जो सर्जिकल स्ट्राइक की है उसमें भी यही हुआ है कि आतंकी ठिकानों और आतंकियों को भारी नुकसान पहुंचा है। हमले में कई आतंकी मारे गए है। सूत्रों के मुताबिक इस एलओसी पार जो सर्जिकल स्ट्राइक किया गया है उसे  भारतीय सेना के स्पेशल कमांडों दस्ते ने अंजाम दिया है।

बीते साल जून में भी भारतीय सेना ने म्यांमार सेना में दाखिल होकर पूर्वोत्तर में सक्रिय उग्रवादी गुट एनएससीएन (के) के शिविरों को निशाना बनाया था। हमले में उग्रवादियों को सेना ने मार गिराया था। 'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक उग्रवादी संगठन एनएससीएन पर हमला करते समय भारतीय सेना म्‍यांमार सीमा में सैंकड़ों मीटर तक अंदर चली गई थी। सूत्रों के अनुसार सेना की 12 पैरा ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिलर 151 के पास चेन मोहो गांव के पास से म्‍यांमार में प्रवेश किया।

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