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आतंकी हमला; PM मोदी ने कहा-बख्शे नहीं जाएंगे हमले के दोषी

उरी (जम्मू कश्मीर) : हाल के वर्षों में सेना पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक में रविवार सुबह भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने कश्मीर के उरी में सेना के एक आधार शिविर पर हमला किया जिसमें 17 जवान शहीद हो गए। हमले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर दिया कि जो लोग इसके लिए दोषी हैं, वे सजा से नहीं बच पाएंगे।

संदेह है कि हमलावर आतंकवादी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जेईएम के सदस्य थे।

सेना का यह शिविर नियंत्रण रेखा से कुछ ही किलोमीटर दूर है जबकि श्रीनगर से करीब 70 किलोमीटर दूर है। चार आतंकवादियों ने सुबह करीब साढ़े पांच बजे हमला किया जिससे डोगरा रेजिमेंट को खासी क्षति हुयी और उसके 17 जवान शहीद हो गए जबकि 20 अन्य जवान घायल हो गए जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। उन्हें हवाई मार्ग से सेना के श्रीनगर स्थित बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

तीन घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद चार आतंकवादियों को मार गिराया गया और सेना यह सुनिश्चित करने के लिए तलाशी अभियान चला रही है कि कोई और आतंकवादी नहीं बच पाए। हमले के समय जवान तंबुओं में सो रहे थे जिनमें आग लग गयी। इस वजह से अधितकर जवान हताहत हुए।

जम्मू कश्मीर में करीब 25 साल से जारी आतंकवाद के दौरान सेना पर सबसे घातक हमले को लेकर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस हमले को लेकर जहां रोष व्यक्त किया गया है वहीं मोदी ने इसकी तीखी निंदा की है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘हम उरी में कायराना आतंकी हमले की तीखी निंदा करते हैं। मैं देश को आश्वस्त करता हूं कि इस घृणित हमले के पीछे जो लोग हैं, वे सजा से नहीं बच पाएंगे।’

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीधे पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए उसे ‘आतंकवादी देश’ बताया और कहा कि उसे अलग-थलग किया जाना चाहिए। वहीं भाजपा नेता राम माधव ने कहा कि रणनीतिक संयम के दिन पूरे हो गए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस हमले के बाद ‘एक दांत के लिए पूरा जबड़ा’ की नीति अपनायी जानी चाहिए। हमले की खबर आने के तुरंत बाद थलसेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग उरी रवाना हो गए। इसके बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर अपनी गोवा यात्रा को बीच में ही समाप्त कर श्रीनगर रवाना हो गए। पर्रिकर को श्रीनगर में सेना मुख्यालय में हमले के बारे में जानकारी दी गयी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित विभिन्न दलों के नेताओं ने हमले की निंदा की। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत ऐसे हमलों से नहीं झुकेगा और हम आतंकवादियों और उन्हें मदद पहुंचाने वालों के नापाक मंसूबों को विफल कर देंगे।

सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने 10 डोगरा रेजिमेंट के प्रशासनिक बेस पर हमले को ‘भारी झटका’ बताया। यह हमला सुबह करीब साढ़े पांच बजे शुरू हुआ और साढ़े आठ बजे समाप्त हुआ इसमें चार आतंकवादी मारे गए और 17 जवान शहीद हो गए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आतंकी हमले के साथ ही विस्फोटों की आवाज सुनाई दी और मुठभेड़ शुरू हो गयी। हमले की चपेट में आया स्थल सेना के ब्रिगेड मुख्यालय से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित है।

सूत्रों ने बताया कि हमले के समय डोगरा रेजीमेंट के जवान एक तंबू में सोए हुए थे जिसमें विस्फोट के चलते आग लग गई। आग पास में स्थित बैरकों तक भी फैल गयी। इस आतंकी हमले के बाद डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने पाकिस्तान में अपने समकक्ष को फोन किया और हमला करने वाले आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए गए उपकरणों पर पाकिस्तान में निर्मित होने के निशान पाये जाने को लेकर ‘गंभीर चिंता’ प्रकट की।

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने दिल्ली में एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘मारे गए सभी चार आतंकवादी विदेशी थे और जो सामान वे लोग लेकर आए थे उन पर पाकिस्तान निर्मित होने के निशान हैं। शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिलते हैं कि मारे गए आतंकवादियों का ताल्लुक जैश-ए-मोहम्मद संगठन से है।’ उन्होंने कहा कि ‘आतंकवादियों के पास से मिली वस्तुओं पर पाकिस्तान निर्मित होने के निशान थे, ऐसे में मैंने पाकिस्तानी डीजीएमओ से बात की और इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की।’

डीजीएमओ ने कहा कि आतंकवादियों ने अत्याधुनिक हथियारों से गोलीबारी की जिससे सेना के तंबुओं और अस्थायी शिविरों में आग लग गयी। उन्होंने कहा कि कुल 17 जवान शहीद हो गए जिनमें 13-14 लोगों की मौत तंबुओं में आग लगने के कारण हुयी। इस हमले को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में एक आपात बैठक बुलायी।

ले. जनरल रणबीर सिंह ने कहा कि भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के समूह से चार एके 47 राइफल, चार अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर और भारी मात्रा में युद्धकाल में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री बरामद की गयी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में तलाशी अभियान अब भी जारी है। उरी के सैन्य परिसर के आसपास पूरे क्षेत्र में गहन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

ले. जनरल सिंह ने कहा कि अभी आपरेशन का पूरा ब्यौरा उपलब्ध नहीं है। हालांकि भारतीय सेना काफी पेशेवर तरीके से अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के सफाए के दौरान सेना के कर्मियों ने अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय दिया। हमले की आशंका के संबंध में खुफिया एजेंसियों से खबर मिलने की खबरों के बीच उन्होंने कहा कि खुफिया एजेंसियां सुरक्षा बलों के साथ तालमेल में काम करती हैं और संबंधित एजेंसियों से नियमित खुफिया जानकारी मिलती हैं तथा उसके अनुरूप आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने कहा कि थलसेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने आपरेशन स्थल का दौरा किया और स्थिति का जमीनी आकलन किया है।

उन्होंने कहा, ‘भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा का पालन करते हुए हमारे बहादुर सैनिकों द्वारा सर्वोच्च बलिदान किए जाने का हम नमन करते हैं।’ इसके पहले सेना ने एक बयान में कहा कि भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने उरी स्थित एक यूनिट के प्रशासनिक बेस के पिछले हिस्से को निशाना बनाया।

बयान में कहा गया, ‘प्रशासनिक बेस में विभिन्न यूनिटों के बड़ी संख्या में सैनिक मौजूद थे जो अपनी ड्यूटी बदल रहे थे। वे तंबुओं और अस्थाई शिविरों में थे जिनमें आग लग गई और परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग हताहत हुए। हम 17 सैनिकों के बलिदान को नमन करते हैं जो अभियान में शहीद हो गए।’

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