रिपोर्ट से खुलासा : भारत में 2015 में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की सर्वाधिक मौत हुई
नई दिल्ली
: लांसेट के एक ताजा अध्ययन के अनुसार 2015 में भारत में पांच साल से कम
उम्र के बच्चों की सर्वाधिक मौत हुई है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि
देश ने तपेदिक और मातृ अस्तित्व के मामले में भी खराब प्रदर्शन किया है।
लांसेट में प्रकाशित ‘द ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज स्टडी 2015’ में कहा गया है
कि 2015 में पांच साल से कम उम्र के 10 लाख से अधिक बच्चों की मौत हुई।
लांसेट दुनिया में स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करती है। अध्ययन में कहा गया है कि भारत में हृदय संबंधी बीमारियों से बड़ी संख्या में और बढ़ते अनुपात में मौत हुई। अध्ययन में कहा गया है, ‘‘क्षेत्र में ज्यादातर देशों ने ( जैसे भारत और पाकिस्तान) ने स्ट्रोक्स से और निम्न श्वांस संबंधी संक्रमण (जैसे बांग्लादेश, नेपाल) से स्वास्थ्य को नुकसान को कम करने में अपेक्षा से अधिक बेहतर काम किया।’’
अध्ययन में कहा गया है, ‘‘तपेदिक पर भारत ने अपेक्षा से अधिक खराब प्रदर्शन किया जबकि बांग्लादेश ने डूबने पर खराब प्रदर्शन किया। क्षेत्र में सभी देशों ने पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के मामले में अपेक्षा से काफी खराब प्रदर्शन किया। भारत में 2015 में किसी भी देश की तुलना में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए। यह आंकड़ा 13 लाख का रहा।’’
लांसेट दुनिया में स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन करती है। अध्ययन में कहा गया है कि भारत में हृदय संबंधी बीमारियों से बड़ी संख्या में और बढ़ते अनुपात में मौत हुई। अध्ययन में कहा गया है, ‘‘क्षेत्र में ज्यादातर देशों ने ( जैसे भारत और पाकिस्तान) ने स्ट्रोक्स से और निम्न श्वांस संबंधी संक्रमण (जैसे बांग्लादेश, नेपाल) से स्वास्थ्य को नुकसान को कम करने में अपेक्षा से अधिक बेहतर काम किया।’’
अध्ययन में कहा गया है, ‘‘तपेदिक पर भारत ने अपेक्षा से अधिक खराब प्रदर्शन किया जबकि बांग्लादेश ने डूबने पर खराब प्रदर्शन किया। क्षेत्र में सभी देशों ने पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के मामले में अपेक्षा से काफी खराब प्रदर्शन किया। भारत में 2015 में किसी भी देश की तुलना में पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए। यह आंकड़ा 13 लाख का रहा।’’
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