लखनऊ में हुआ चमत्कार, डॉक्टरों ने नवजात को दिया नया जीवनदान
लखनऊ : लखनऊ में एक चमत्कार हुआ है. यह चमत्कार किया है धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने, जिन्होंने एक 10 माह के नवजात के गले में फसी सेफ्टी पिन निकाल कर उसे नया जीवनदान दिया है. मामला लखनऊ के केजीएमयू का है. जहां हरदोई के निवासी राम शंकर के पुत्र प्रिंस के गले में एक सेफ्टीपिन अटक गई थी. रामशंकर के मुताबिक उन्होंने हरदोई के कई अस्पतालों में खाक छानी परंतु सभी ने इस जटिल मामले से हाथ खड़े कर दिए.
किसी तरह रात के लगभग 3:00 बजे वह लखनऊ पहुंचे बेहोश प्रिंस को देखते ही केजीएमयू के डॉक्टर ने ईएनटी विभाग को केस रेफर कर दिया जहां के डॉक्टर नीतिका गुप्ता, डॉक्टर मोहिनी, डॉक्टर अर्चित, डॉक्टर जिया, डॉक्टर अभिषेक, डॉ मनीष चंद्रा, डॉक्टर वीरेंद्र वर्मा सभी ने मिलकर मासूम के गले से एंडोस्कोपी एवं अन्य उपकरणों के सहारे एक जटिल ऑपरेशन कर दिखाया. मासूम अब खतरे से बाहर है. उसके पिता रामशंकर बताते हैं कि मैंने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी सिर्फ भगवान का सहारा था और मेरे लिए केजीएमयू के डॉक्टर भगवान से कम नहीं है.
केजीएमयू के डॉक्टरों के अनुसार सेफ्टी पिन मासूम के गले के अंदर जाकर खुल गई थी जिससे उसकी सांस की नली और खाने की नली दोनों में ही रुकावट आ गई थी. बच्चे का पिता इस बात से अनजान था की नवजात ने कोई चीज निगल ली है. जब डॉक्टरों ने परीक्षण किया तब जानकारी मिली कि बच्चे के गले में सेफ्टीपिन है आनन फानन में ऑपरेशन की तैयारियां की गई और मासूम को सुरक्षित बचा लिया गया.
नवजात के प्रति माताओं को जागरूक करने वाली संस्था की सदस्य शिखा सिंह के अनुसार अक्सर नवजात शिशु किसी भी चीज को अपने मुंह में डाल लेते हैं ऐसे में उनके अभिभावकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि नवजात के आसपास किसी प्रकार का कोई ऐसा सामान ना रखें जो उसके लिए नुकसानदायक हो.
किसी तरह रात के लगभग 3:00 बजे वह लखनऊ पहुंचे बेहोश प्रिंस को देखते ही केजीएमयू के डॉक्टर ने ईएनटी विभाग को केस रेफर कर दिया जहां के डॉक्टर नीतिका गुप्ता, डॉक्टर मोहिनी, डॉक्टर अर्चित, डॉक्टर जिया, डॉक्टर अभिषेक, डॉ मनीष चंद्रा, डॉक्टर वीरेंद्र वर्मा सभी ने मिलकर मासूम के गले से एंडोस्कोपी एवं अन्य उपकरणों के सहारे एक जटिल ऑपरेशन कर दिखाया. मासूम अब खतरे से बाहर है. उसके पिता रामशंकर बताते हैं कि मैंने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी सिर्फ भगवान का सहारा था और मेरे लिए केजीएमयू के डॉक्टर भगवान से कम नहीं है.
केजीएमयू के डॉक्टरों के अनुसार सेफ्टी पिन मासूम के गले के अंदर जाकर खुल गई थी जिससे उसकी सांस की नली और खाने की नली दोनों में ही रुकावट आ गई थी. बच्चे का पिता इस बात से अनजान था की नवजात ने कोई चीज निगल ली है. जब डॉक्टरों ने परीक्षण किया तब जानकारी मिली कि बच्चे के गले में सेफ्टीपिन है आनन फानन में ऑपरेशन की तैयारियां की गई और मासूम को सुरक्षित बचा लिया गया.
नवजात के प्रति माताओं को जागरूक करने वाली संस्था की सदस्य शिखा सिंह के अनुसार अक्सर नवजात शिशु किसी भी चीज को अपने मुंह में डाल लेते हैं ऐसे में उनके अभिभावकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि नवजात के आसपास किसी प्रकार का कोई ऐसा सामान ना रखें जो उसके लिए नुकसानदायक हो.
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