रील लाइफ के हीरो अक्षय कुमार ने किया वो जिसे सुन आप भी करेंगे सलाम
एक्टर अक्षय कुमार ने असम के उल्फा उग्रवादियों के साथ हुए एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए जवान नरपत सिंह के परिवार को 9 लाख रुपए की मदद दी है।
शुक्रवार को उन्होंने शहीद के घर फोन किया और शहीद की पत्नी से बात करके उन्हें सांत्वना भी दी। शहीद के भाई आईदान सिंह तथा भोमसिंह ने यह जानकारी दी है। नरपत सिंह 19 नवंबर की सुबह असम में तिनसुकिया के पेनगिरी एरिया में एडम ड्यूटी के लिए गाड़ियां लेकर बटालियन एरिया जा रहे थे। रास्ते में उग्रवादियों ने हमला बोल दिया तथा जवानों पर आईईडी ब्लास्ट किया।
उसके बाद उग्रवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। नरपत सिंह ने इलाके से अपने वाहन को बाहर निकाला तथा जवाबी फायरिंग की। इस दौरान एक गोली उनके कंधे पर लगी। उग्रवादियों ने आरपीजी फायर किया जिसके टुकड़े उनके शरीर में घुस गए। उग्रवादी घने कोहरे और जंगल का फायदा उठाकर वहां से भाग गए। नरपत को मौके पर ही फर्स्टएड दिया गया और प्लेन से मिलिट्री हॉस्पिटल लाया गया। लेकिन ज्यादा खून बह जाने के कारण वे रास्ते में ही शहीद हो गए।
शहीद की पत्नी से क्या हुई अक्षय की बात
शुक्रवार को अक्षय ने शहीद के भाई आईदान सिंह को फोन किया। उन्होंने आईदान सिंह और शहीद की पत्नी से बात की।
पढ़ें अक्षयकुमार के शहीद के परिजनों से बातचीत के कुछ अंश...
अक्षय- हैलो, मैं बाॅलीवुड एक्टर अक्षय कुमार बात कर रहा हूं।
शहीद की पत्नी- जी!
अक्षय- आपके पति व शहीद नरपत सिंह के बारें में मीडिया से जानकारी मिली, उन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है। मैं दुख की इस घड़ी में आपके परिवार के साथ हूं।
शहीद की पत्नी - (रूआंसे स्वर में झुंझलाती आवाज में) जी, आपका बहुत बहुत धन्यवाद, इस दुखद घड़ी में आपने हमारे परिवार को सहयोग दिया।
अक्षय- नहीं जी, इसमें कोई धन्यवाद जैसी बात नहीं हैं, यह तो मेरा फर्ज है।
शहीद की पत्नी- जी
अक्षय- हम रील लाइफ के हीरो हैं लेकिन नरपत सिंहजी जैसे शहीद वाकई रीयल लाइफ हीरो होते हैं। मेरी संवेदनाएं आपके परिवार के साथ हैं। भविष्य में भी आपके परिवार से जुड़े रहने की कोशिश करूंगा।
अंतिम संस्कार के दौरान शहीद का बेटा बोला था- पापा को जलाओ मत, दर्द होगा
सोमवार 21 नवंबर को शहीद का जैसलमेर में अंतिम संस्कार हुआ था। इस मौके पर माहौल बेहद भावुक हो गया था। नरपत सिंह के बेटे फूल सिंह को जब पिता को आग देने के लिए कहा गया तो वह बोला- 'पापा को मत जलाओ, उन्हें दर्द होगा।'
बेटा बोला, आज पापा घर आ रहे हैं क्या?
शहीद नरपत सिंह के बेटे फूल सिंह को अपने पिता की शहादत का पता नहीं था। रविवार रात को नरपत सिंह की बॉडी जैसलमेर में उनके घर आई। घर पर लोगों को आता देख फूल सिंह ने चाचा से पूछा- ‘मेरे पापा आज घर आ रहे हैं?
शहीद के पिता और चाचा भी थे आर्मी में
शहीद के बुजुर्ग पिता सवाई सिंह और चाचा तने सिंह आर्मी से रिटायर्ड हैं। वहीं एक और चाचा दलपत सिंह ने 10 गार्ड भारतीय सेना के लिए सेवाएं दी थीं। शहीद की मां उदय कंवर हाउसवाइफ हैं। पत्नी भंवर कंवर घर के काम करने के अलावा बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देती हैं। शहीद के 4 बच्चे हैं जिनमें से 1 लड़का और 3 लड़कियां है। बेटा फूल सिंह फलसूण्ड के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहा है। रिटायर्ड हवलदार तने सिंह ने कहा- 'देश सेवा का जज्बा हमारी रगों में दौड़ता है।'
शुक्रवार को उन्होंने शहीद के घर फोन किया और शहीद की पत्नी से बात करके उन्हें सांत्वना भी दी। शहीद के भाई आईदान सिंह तथा भोमसिंह ने यह जानकारी दी है। नरपत सिंह 19 नवंबर की सुबह असम में तिनसुकिया के पेनगिरी एरिया में एडम ड्यूटी के लिए गाड़ियां लेकर बटालियन एरिया जा रहे थे। रास्ते में उग्रवादियों ने हमला बोल दिया तथा जवानों पर आईईडी ब्लास्ट किया।
उसके बाद उग्रवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। नरपत सिंह ने इलाके से अपने वाहन को बाहर निकाला तथा जवाबी फायरिंग की। इस दौरान एक गोली उनके कंधे पर लगी। उग्रवादियों ने आरपीजी फायर किया जिसके टुकड़े उनके शरीर में घुस गए। उग्रवादी घने कोहरे और जंगल का फायदा उठाकर वहां से भाग गए। नरपत को मौके पर ही फर्स्टएड दिया गया और प्लेन से मिलिट्री हॉस्पिटल लाया गया। लेकिन ज्यादा खून बह जाने के कारण वे रास्ते में ही शहीद हो गए।
शहीद की पत्नी से क्या हुई अक्षय की बात
शुक्रवार को अक्षय ने शहीद के भाई आईदान सिंह को फोन किया। उन्होंने आईदान सिंह और शहीद की पत्नी से बात की।
पढ़ें अक्षयकुमार के शहीद के परिजनों से बातचीत के कुछ अंश...
अक्षय- हैलो, मैं बाॅलीवुड एक्टर अक्षय कुमार बात कर रहा हूं।
शहीद की पत्नी- जी!
अक्षय- आपके पति व शहीद नरपत सिंह के बारें में मीडिया से जानकारी मिली, उन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है। मैं दुख की इस घड़ी में आपके परिवार के साथ हूं।
शहीद की पत्नी - (रूआंसे स्वर में झुंझलाती आवाज में) जी, आपका बहुत बहुत धन्यवाद, इस दुखद घड़ी में आपने हमारे परिवार को सहयोग दिया।
अक्षय- नहीं जी, इसमें कोई धन्यवाद जैसी बात नहीं हैं, यह तो मेरा फर्ज है।
शहीद की पत्नी- जी
अक्षय- हम रील लाइफ के हीरो हैं लेकिन नरपत सिंहजी जैसे शहीद वाकई रीयल लाइफ हीरो होते हैं। मेरी संवेदनाएं आपके परिवार के साथ हैं। भविष्य में भी आपके परिवार से जुड़े रहने की कोशिश करूंगा।
अंतिम संस्कार के दौरान शहीद का बेटा बोला था- पापा को जलाओ मत, दर्द होगा
सोमवार 21 नवंबर को शहीद का जैसलमेर में अंतिम संस्कार हुआ था। इस मौके पर माहौल बेहद भावुक हो गया था। नरपत सिंह के बेटे फूल सिंह को जब पिता को आग देने के लिए कहा गया तो वह बोला- 'पापा को मत जलाओ, उन्हें दर्द होगा।'
बेटा बोला, आज पापा घर आ रहे हैं क्या?
शहीद नरपत सिंह के बेटे फूल सिंह को अपने पिता की शहादत का पता नहीं था। रविवार रात को नरपत सिंह की बॉडी जैसलमेर में उनके घर आई। घर पर लोगों को आता देख फूल सिंह ने चाचा से पूछा- ‘मेरे पापा आज घर आ रहे हैं?
शहीद के पिता और चाचा भी थे आर्मी में
शहीद के बुजुर्ग पिता सवाई सिंह और चाचा तने सिंह आर्मी से रिटायर्ड हैं। वहीं एक और चाचा दलपत सिंह ने 10 गार्ड भारतीय सेना के लिए सेवाएं दी थीं। शहीद की मां उदय कंवर हाउसवाइफ हैं। पत्नी भंवर कंवर घर के काम करने के अलावा बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देती हैं। शहीद के 4 बच्चे हैं जिनमें से 1 लड़का और 3 लड़कियां है। बेटा फूल सिंह फलसूण्ड के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहा है। रिटायर्ड हवलदार तने सिंह ने कहा- 'देश सेवा का जज्बा हमारी रगों में दौड़ता है।'
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