आनंद उत्सव का आगाज बोले सीएम शिवराज...
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज ने आज टीटी नगर स्टेडियम में 'आनंद उत्सव'कार्यक्रम का आगाज किया। गौरतलब है कि राज्य शासन ने आनंद विभाग तथा उसके अंतर्गत पंजीकृत सोसायटी के रूप में राज्य आनंद संस्थान का गठन किया गया है। उत्सव में किसान, युवा और अनारक्षित वर्ग के लोग शामिल हुए हैं।
शिवराज सिंह ने कहा कि, खुश रहना सबका हक है। हम संतों से खुशी रहने सीख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फकीरी में जो आनंद है, वो अमीरी में कहां। गरीबों से ज्यादा अमीर लोग दु:खी हैं। सबको बेहतर शिक्षा मिले। लोग आनंदम केंद्र में जरूरी सामान जमा कर सकते हैं। यह सामान जरूरतमंदों के काम आएगा।
यह विभाग शासकीय तथा अशासकीय संस्थाओं के माध्यम से हमें परिपूर्ण जीवन जीने की कला सिखाने वाली विभिन्न गतिविधियां संचालित करेगा। आनंद उत्सव इन्हीं गतिविधियों की श्रंखला की एक कड़ी है। यह उत्सव प्रदेश में 14 से 21 जनवरी के बीच पंचायत अथवा 3-4 पंचायतों के समूह स्तर पर किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत अथवा समूह स्तर पर चयनित स्थल पर सांस्कृतिक तथा खेल गतिविधियां होंगी। इसमें लोक-संगीत, नृत्य, गायन, भजन-कीर्तन, नाटक आदि तथा खेलकूद की गतिविधियां की जा रही हैं। इसमें सभी आयु वर्ग की महिलाएं और पुरुष शामिल होंगे। पंचायत में सामूहिक-स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में पंचायतों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक सांस्कृतिक/खेलकूद होंगे।
जरूरतमंद व्यक्तियों को नि:शुल्क वस्तुएं उपलब्ध करवाने की स्वयंसेवी व्यवस्था को विभिन्न जिलों में विभिन्न नामों के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है। राज्य शासन ने इस व्यवस्था को 'आनंदम' नाम दिया है। हर जिले में इस व्यवस्था के लिए स्थल चयन कर बड़े अक्षरों में 'आनंदम्' डिस्प्ले किया जाएगा। निर्णय अनुसार जिला मुख्यालयों पर जहां 'आनंदम्' की व्यवस्था की गई है, वहां कार्यक्रम होगा। सीएम सभी जिलों को इस समय एक साथ संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री के उद्बोधन को लाइव देखा और सुना जा सकेगा। जन-प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन एवं आनंदकों की सक्रिय भागीदारी से यह जनता का कार्यक्रम बनेगा।
उत्सव के दौरान ग्राम-स्तर पर आनंददायी खेलों का आयोजन होगा। इसमें, 100 और 200 मीटर दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, कुश्ती, व्हाली-बॉल, 5 किलोमीटर साइकिलिंग, चम्मच/नींबू दौड़, बोरा रेस, हेण्ड-बॉल, थ्रो-बॉल और स्थानीय-स्तर का कोई भी अन्य खेल, को शामिल किया गया है। इन सभी विधाओं में महिलाओं और पुरुषों के तीन आयु समूह वर्ग में स्पर्धाएं होंगी। प्रथम समूह के लिये 18 साल तक, द्वितीय समूह के लिए 18 से 35 साल तक और तृतीय समूह में 35 से अधिक आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा।
खेलकूद में विजेता तथा अन्य सभी टीम के सभी सदस्यों को एक निर्धारित प्रारूप में प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। खेलकूद प्रतियोगिताओं में महिलाओं की जो भी टीम विजेता होगी, उन्हें मेडल मिलेंगे। प्रत्येक विकास खण्ड में जिन पंचायत अथवा पंचायतों के समूह द्वारा उत्कृष्ट कार्यक्रम होगा, उसका ब्यौरा अनुविभागीय अधिकारी जिला कलेक्टर को देगा। इस प्रतिवेदन में उन कारणों का स्पष्ट उल्लेख किया जाए, जिसके आधार पर उस पंचायत अथवा पंचायत समूह का चयन किया गया है। ऐसी पंचायतों की आयोजन समिति को जिला-स्तर पर सांसद, प्रभारी मंत्री अथवा उनके द्वारा नामांकित विधायक द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा। यह कार्यक्रम 30 जनवरी 2017 को मुख्यालय पर किया जाएगा।
आनंद विभाग देश में अपनी तरह की अनूठी पहल है। इसका उद्देश्य आनंद और कुशलता के पैमाने की पहचान कर उन्हें परिभाषित करना तथा उनका क्रियान्वयन कर जन-जन का जीवन आनंदमयी बनाना है। मध्यप्रदेश के जन-जन का जीवन आनंदमयी एवं परिपूर्ण बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 मई 2016 को आनंद विभाग गठित किया।
शिवराज सिंह ने कहा कि, खुश रहना सबका हक है। हम संतों से खुशी रहने सीख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फकीरी में जो आनंद है, वो अमीरी में कहां। गरीबों से ज्यादा अमीर लोग दु:खी हैं। सबको बेहतर शिक्षा मिले। लोग आनंदम केंद्र में जरूरी सामान जमा कर सकते हैं। यह सामान जरूरतमंदों के काम आएगा।
यह विभाग शासकीय तथा अशासकीय संस्थाओं के माध्यम से हमें परिपूर्ण जीवन जीने की कला सिखाने वाली विभिन्न गतिविधियां संचालित करेगा। आनंद उत्सव इन्हीं गतिविधियों की श्रंखला की एक कड़ी है। यह उत्सव प्रदेश में 14 से 21 जनवरी के बीच पंचायत अथवा 3-4 पंचायतों के समूह स्तर पर किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत अथवा समूह स्तर पर चयनित स्थल पर सांस्कृतिक तथा खेल गतिविधियां होंगी। इसमें लोक-संगीत, नृत्य, गायन, भजन-कीर्तन, नाटक आदि तथा खेलकूद की गतिविधियां की जा रही हैं। इसमें सभी आयु वर्ग की महिलाएं और पुरुष शामिल होंगे। पंचायत में सामूहिक-स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में पंचायतों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक सांस्कृतिक/खेलकूद होंगे।
जरूरतमंद व्यक्तियों को नि:शुल्क वस्तुएं उपलब्ध करवाने की स्वयंसेवी व्यवस्था को विभिन्न जिलों में विभिन्न नामों के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है। राज्य शासन ने इस व्यवस्था को 'आनंदम' नाम दिया है। हर जिले में इस व्यवस्था के लिए स्थल चयन कर बड़े अक्षरों में 'आनंदम्' डिस्प्ले किया जाएगा। निर्णय अनुसार जिला मुख्यालयों पर जहां 'आनंदम्' की व्यवस्था की गई है, वहां कार्यक्रम होगा। सीएम सभी जिलों को इस समय एक साथ संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री के उद्बोधन को लाइव देखा और सुना जा सकेगा। जन-प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन एवं आनंदकों की सक्रिय भागीदारी से यह जनता का कार्यक्रम बनेगा।
उत्सव के दौरान ग्राम-स्तर पर आनंददायी खेलों का आयोजन होगा। इसमें, 100 और 200 मीटर दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, कुश्ती, व्हाली-बॉल, 5 किलोमीटर साइकिलिंग, चम्मच/नींबू दौड़, बोरा रेस, हेण्ड-बॉल, थ्रो-बॉल और स्थानीय-स्तर का कोई भी अन्य खेल, को शामिल किया गया है। इन सभी विधाओं में महिलाओं और पुरुषों के तीन आयु समूह वर्ग में स्पर्धाएं होंगी। प्रथम समूह के लिये 18 साल तक, द्वितीय समूह के लिए 18 से 35 साल तक और तृतीय समूह में 35 से अधिक आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा।
खेलकूद में विजेता तथा अन्य सभी टीम के सभी सदस्यों को एक निर्धारित प्रारूप में प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। खेलकूद प्रतियोगिताओं में महिलाओं की जो भी टीम विजेता होगी, उन्हें मेडल मिलेंगे। प्रत्येक विकास खण्ड में जिन पंचायत अथवा पंचायतों के समूह द्वारा उत्कृष्ट कार्यक्रम होगा, उसका ब्यौरा अनुविभागीय अधिकारी जिला कलेक्टर को देगा। इस प्रतिवेदन में उन कारणों का स्पष्ट उल्लेख किया जाए, जिसके आधार पर उस पंचायत अथवा पंचायत समूह का चयन किया गया है। ऐसी पंचायतों की आयोजन समिति को जिला-स्तर पर सांसद, प्रभारी मंत्री अथवा उनके द्वारा नामांकित विधायक द्वारा प्रस्तुत किया जायेगा। यह कार्यक्रम 30 जनवरी 2017 को मुख्यालय पर किया जाएगा।
आनंद विभाग देश में अपनी तरह की अनूठी पहल है। इसका उद्देश्य आनंद और कुशलता के पैमाने की पहचान कर उन्हें परिभाषित करना तथा उनका क्रियान्वयन कर जन-जन का जीवन आनंदमयी बनाना है। मध्यप्रदेश के जन-जन का जीवन आनंदमयी एवं परिपूर्ण बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 मई 2016 को आनंद विभाग गठित किया।
आनंद के मायने-
प्रदेश का किसान वर्ग : प्रदेश का किसान वर्ग, जो समाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, उसे आनंद मिलता है उसकी अच्छी फसल के लिये अच्छी खाद, कीटनाशक और सिंचाई के साधन से। इन सभी साधनों के अलावा भी एक महत्वपूर्ण चीज है, वो है फसलों का सही दाम। अत: प्रदेश के किसान वर्ग के लिये आनंद मंत्रालय तो वो है, जो उनके हित के लिये कदम उठाये, जिससे उनको फसल की अच्छी उपज में मदद मिले और उनकी फसल का सही मूल्य उन्हें मिले।
प्रदेश का युवा वर्ग :प्रदेश का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण वर्ग युवा वर्ग है। उसे आनंद मिलता है उच्च-स्तरीय शिक्षा और उसके बाद रोजगार या स्व-रोजगार से, जिससे वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सके। प्रदेश के युवा वर्ग के लिये आनंद मंत्रालय तो वो है, जो उनके हित के लिये कदम उठाये, जिससे उनको उच्च-स्तरीय शिक्षा और उसके बाद रोजगार और स्व-रोजगार की प्राप्ति हो।
प्रदेश का अनारक्षित वर्ग : समाज में आज आरक्षण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। आरक्षण की ऐसी होड़ लगी है कि समाज के सक्षम वर्ग भी आरक्षण की मांग करने लगे हैं। अत: प्रदेश के अनारक्षित वर्ग के लिये आनंद मंत्रालय तो वो है, जो उनके हित के लिये कदम उठाये अर्थात आरक्षण की वजह से प्रदेश की प्रतिभा रोजगार से वंचित न रह जाये और आरक्षण उन्हें ही मिले, जो सच में इसके हकदार हैं।
प्रदेश का किसान वर्ग : प्रदेश का किसान वर्ग, जो समाज का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, उसे आनंद मिलता है उसकी अच्छी फसल के लिये अच्छी खाद, कीटनाशक और सिंचाई के साधन से। इन सभी साधनों के अलावा भी एक महत्वपूर्ण चीज है, वो है फसलों का सही दाम। अत: प्रदेश के किसान वर्ग के लिये आनंद मंत्रालय तो वो है, जो उनके हित के लिये कदम उठाये, जिससे उनको फसल की अच्छी उपज में मदद मिले और उनकी फसल का सही मूल्य उन्हें मिले।
प्रदेश का युवा वर्ग :प्रदेश का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण वर्ग युवा वर्ग है। उसे आनंद मिलता है उच्च-स्तरीय शिक्षा और उसके बाद रोजगार या स्व-रोजगार से, जिससे वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सके। प्रदेश के युवा वर्ग के लिये आनंद मंत्रालय तो वो है, जो उनके हित के लिये कदम उठाये, जिससे उनको उच्च-स्तरीय शिक्षा और उसके बाद रोजगार और स्व-रोजगार की प्राप्ति हो।
प्रदेश का अनारक्षित वर्ग : समाज में आज आरक्षण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। आरक्षण की ऐसी होड़ लगी है कि समाज के सक्षम वर्ग भी आरक्षण की मांग करने लगे हैं। अत: प्रदेश के अनारक्षित वर्ग के लिये आनंद मंत्रालय तो वो है, जो उनके हित के लिये कदम उठाये अर्थात आरक्षण की वजह से प्रदेश की प्रतिभा रोजगार से वंचित न रह जाये और आरक्षण उन्हें ही मिले, जो सच में इसके हकदार हैं।
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