धोनी के साथ क्रिकेट करियर शुरू करने वाले अन्य क्रिकेटर आज कहां हैं जानिए
महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2004 में टीम इंडिया के लिए पहला मैच खेला। पदार्पण के 3 साल बाद ही धोनी टीम के कप्तान बन गए। इसके बाद धोनी को पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी और उन्होंने एक के बाद एक सफलता का स्वाद चखा। बांग्लादेश के खिलाफ वनडे से का आगाज करने वाले धोनी का सफर बेहद सुहाना रहा है। धोनी के अलावा साल 2004 में कई युवा चेहरों ने टीम में दस्तक दी थी। मगर धोनी के अलावा कोई भी ज्यादा दिन तक टॉप पर नहीं टिका। धोनी के साथ करियर की शुरुआत करने वाले ये सब खिलाड़ी आज कितने सफल हैं, यह तय कर पाना मुश्किल हैं। प्रतिभा होने के बावजूद ये खिलाड़ी, बड़े मंच पक खुद को साबित नहीं कर पाए।
जानिए कौन हैं ये खिलाड़ी:
इरफान पठान
इरफान का टेस्ट करियर 2003 में शुरू हुआ, मगर वनडे में उन्होंने पहली बार 2009 में कदम रखा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में पहला वनडे खेलते हुए इरफान ने 10 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 61 रन दिए। मगर इसके बाद पठान ने टीम को कई मैचौं में जीत दिलाई। अपनी बल्लेबाजी को बेहतर करने के चक्कर में पठान अपनी लय खो बैठे और साल 2012 से ही टीम से बाहर हैं।
रोहन गावस्कर
सुनील गावस्कर के पुत्र रोहन गावस्कर ने भी टीम इंडिया के लिए कुछ वनडे मैच खेले। मगर रोहन अपने पिता की विरासत को उस मुकाम पर नहीं जा पाए, जिसकी उनसे उम्मीद थी। बाएं हाथ के बल्लेबाज रोहन गावस्कर ने टीम इंडिया के लिए पहला वनडे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में खेला। 11 वनडे में रोहन ने सिर्फ अर्धशतक लगाया। रोहन घरेलु क्रिकेट जैसा प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय मंच पर नहीं कर सके और 9 महीनों के भीतर ही टीम ने बाहर हो गए।
रमेश पोवार
भारी शरीर और चेहरे पर रंगीन चश्मा पहने इस क्रिकेटर को देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकते कि ये भी ये खिलाड़ी क्रिकेटर हो सकता है। इस ऑफ स्पिनर ने 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू किया। इसके बाद पोवार ने 30 वनडे और 2 टेस्ट मैच और खेले, मगर कुल 40 विकेट ही अपने नाम कर सके। पोवार ने टीम के लिए एक फिफ्टी भी बनाई। पोवार ने आखिरी प्रथम श्रेणी मैच 2015 में खेला था।
दिनेश कार्तिक
धोनी से पहले टीम इंडिया के पास कोई पर्मानेंट विकेटकीपर नहीं था। इस कुर्सी पर कार्तिक भी कुछ समय के लिए बैठे और उन्होंने दिखाया कि वो लंबे समय तक ऐसा टीम के लिए विकेट के पीछे रह सकते हैं। कार्तिन ने विकेटकीपर के तौर पर अच्छा खेल दिखाया, मगर प्रदर्शन में निरंतरता की कमी ने उन्हें जल्द ही बाहर कर दिया। 2014 के बाद टीम इंडिया के लिए नहीं खेले।
जोगिंदर शर्मा
जोगिंदर शर्मा को टी-20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल का आखिरी ओवर फेंकने के लिए ही याद किया जाता है। जोगिंदर और धोनी ने एक ही मैच में डेब्यू किया था, मगर जोगिंदर अपने पूरे वनडे करियर में सिर्फ 4 वनडे ही खेल पाए और इतने ही विकेट अपने नाम किए। जोगिंदर भले अब टीम इंडिया के लिए खेलते नजर न आए, मगर वो हरियाणा पुलिस के डीसीपी के रूप में सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं।
इरफान पठान
इरफान का टेस्ट करियर 2003 में शुरू हुआ, मगर वनडे में उन्होंने पहली बार 2009 में कदम रखा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में पहला वनडे खेलते हुए इरफान ने 10 ओवर में बिना कोई विकेट लिए 61 रन दिए। मगर इसके बाद पठान ने टीम को कई मैचौं में जीत दिलाई। अपनी बल्लेबाजी को बेहतर करने के चक्कर में पठान अपनी लय खो बैठे और साल 2012 से ही टीम से बाहर हैं।
रोहन गावस्कर
सुनील गावस्कर के पुत्र रोहन गावस्कर ने भी टीम इंडिया के लिए कुछ वनडे मैच खेले। मगर रोहन अपने पिता की विरासत को उस मुकाम पर नहीं जा पाए, जिसकी उनसे उम्मीद थी। बाएं हाथ के बल्लेबाज रोहन गावस्कर ने टीम इंडिया के लिए पहला वनडे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में खेला। 11 वनडे में रोहन ने सिर्फ अर्धशतक लगाया। रोहन घरेलु क्रिकेट जैसा प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय मंच पर नहीं कर सके और 9 महीनों के भीतर ही टीम ने बाहर हो गए।
रमेश पोवार
भारी शरीर और चेहरे पर रंगीन चश्मा पहने इस क्रिकेटर को देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकते कि ये भी ये खिलाड़ी क्रिकेटर हो सकता है। इस ऑफ स्पिनर ने 2004 में पाकिस्तान के खिलाफ डेब्यू किया। इसके बाद पोवार ने 30 वनडे और 2 टेस्ट मैच और खेले, मगर कुल 40 विकेट ही अपने नाम कर सके। पोवार ने टीम के लिए एक फिफ्टी भी बनाई। पोवार ने आखिरी प्रथम श्रेणी मैच 2015 में खेला था।
दिनेश कार्तिक
धोनी से पहले टीम इंडिया के पास कोई पर्मानेंट विकेटकीपर नहीं था। इस कुर्सी पर कार्तिक भी कुछ समय के लिए बैठे और उन्होंने दिखाया कि वो लंबे समय तक ऐसा टीम के लिए विकेट के पीछे रह सकते हैं। कार्तिन ने विकेटकीपर के तौर पर अच्छा खेल दिखाया, मगर प्रदर्शन में निरंतरता की कमी ने उन्हें जल्द ही बाहर कर दिया। 2014 के बाद टीम इंडिया के लिए नहीं खेले।
जोगिंदर शर्मा
जोगिंदर शर्मा को टी-20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल का आखिरी ओवर फेंकने के लिए ही याद किया जाता है। जोगिंदर और धोनी ने एक ही मैच में डेब्यू किया था, मगर जोगिंदर अपने पूरे वनडे करियर में सिर्फ 4 वनडे ही खेल पाए और इतने ही विकेट अपने नाम किए। जोगिंदर भले अब टीम इंडिया के लिए खेलते नजर न आए, मगर वो हरियाणा पुलिस के डीसीपी के रूप में सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं।
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