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प्रमुख सचिव के नाम से किसी ने नहीं मांगी घूस: मंत्री रामपाल

भोपाल। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल के नाम से रिश्वत मांगने वाले मामले में राज्य सरकार ने क्लीनचिट दे दी है। विभागीय मंत्री रामपाल सिंह ने विधायक जीतू पटवारी के सवाल के जवाब में बताया कि इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। मंत्री ने बताया कि इस प्रकरण की विस्तृत जांच लोकायुक्त संगठन द्वारा की जा रही है। 

विधायक ने पूछा कि दिसंबर 2015 में रीवा संभाग में लोनिवि में रिश्वत मांगने का मामला सामने आया था, जिसकी ऑडियो टेप भी जांच कराई गई। उस मामले में किसको जिम्मेदार माना गया। मंत्री ने जवाब में बताया कि इस प्रकरण की प्रारंभिक जांच मप्र सड़क विका निगम के एमडी के द्वारा जांच कराई गई। जांच में कोई जिम्मेदार नहीं पाया गया। ऐसे में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। ज्ञात हो कि रीवा संभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता द्वारा एसडीओ अनिल मिश्रा से दूरभाष पर साहब (प्रमुख सचिव)के नाम से 25 हजार रुपए की घूस मांगने का ऑडियो सामने आया था। इस मामले में मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे। सरकार ने ऑडियो टेप की जांच एमपीआरडीसी के एमडी मनीष रस्तोगी को सौंपी और 15 दिन में जांच रिपोर्ट मांगी। लेकिन रस्तोगी ने महीनों बाद कब सरकार को रिपोर्ट सौंपी, इसका पता ही नहीं चला। जबकि ऑडियो में अधिकारी अपने अधीनस्त से रुपए की मांग करता सुनाई पड़ रहा था। 

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