रातों-रात धमाल मचाने वाला ये भजन फंसा विवादो में
रातों-रात धमाल मचाने वाला भजन बता मेरे यार सुदामा रे... विवादों में आ गया है। अब इस पर खूब बवाल हो रहा है। दरअसल, रोहतक के सांघी गांव के स्कूल की लड़कियों का गाया चर्चित भजन बता मेरे यार सुदामा रे... विवादों में आ गया है। गिरावड़ गांव के भजन गायक कृष्णलाल ने दावा किया है कि यह भजन उन्होंने साल 1984 में लिखा था। इसकी ऑडियो कैसेट भी रिलीज हो चुकी है। कृष्णलाल का कहना है कि उन्होंने यह भजन अपने फौजी भाई को समर्पित किया था। भजन एक किताब में भी प्रकाशित हो चुका है। उनका आरोप है कि सांघी स्कूल की लड़कियों द्वारा गाये गये भजन में उनके भाई और उनका नाम हटा दिया गया है। उन्हें गीत गाने पर ऐतराज नहीं है, लेकिन अपना और भाई का नाम हटाने का मलाल है। बता दें कि कुछ दिन पहले बता मेरे यार सुदामा रे... भजन सांघी गांव के स्कूल की छात्राओं ने गाया था। इसका म्यूजिक एमडीयू के रिसर्च स्कॉलर सोमेश जांगड़ा ने दिया है। सांघी के स्कूल की बेटियों की आवाज में यह भजन इतना प्रसिद्ध हुआ कि यू-ट्यूब पर काफी संख्या में पसंद किया गया। इस भजन को गाने के लिए लड़कियों का जगह-जगह सम्मान किया जा रहा है। लेकिन भजन में गीतकार के नाम का उल्लेख नहीं होने से कृष्णलाल आहत हैं। उनका कहना है कि यह भजन उन्होंने काफी समय पहले लिखा और गाया था। भजन की आखिरी पंक्ति में उन्होंने अपने फौजी भाई अमि सिंह और इसके बाद अपना नाम कृष्ण शर्मा जोड़ा था। साल 1998 में प्रकाशित एक पुस्तक में भी यह भजन प्रकाशित हुआ है। इसके वह प्रमाण भी दिखाते हैं। श्रीकृष्ण धाम सेवा समिति के सदस्य कृष्णलाल अब तक काफी भजन लिख चुके हैं। उनका कहना है कि जिन बेटियों ने भजन गाया है उनसे कोई शिकायत नहीं है। बेटियों की बदौलत कम से कम उनका भजन आज हर व्यक्ति की जुबां पर है, लेकिन दुख इस बात का है कि जिसने भजन तैयार किया उन्होंने भजन से उनका और उनके भाई का नाम हटा दिया। कृष्णलाल का कहना है कि यह कानूनन गलत है, लेकिन वह कोई कार्रवाई नहीं चाहते। उनका केवल इतना कहना है कि भजन से उनका और उनके भाई का नाम नहीं हटना चाहिए।
किसी द्वेष से नाम नहीं हटाया
सांघी स्कूल की लड़कियों द्वारा गाये गये भजन बता मेरे यार सुदामा रे... का म्यूजिक तैयार करने वाले एमडीयू के रिसर्च स्कॉलर सोमेश जांगड़ा का कहना है कि लंबे समय से वह यह भजन गांवों में सुनते आ रहे थे। इसी आधार पर इसका संगीत तैयार किया है। किसी द्वेष भाव से गीतकार का नाम नहीं हटाया है।
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