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रसूखदारों की दीवार ढहाने में अतिक्रमण दस्ते की फूल रही सांसे

सतना। शहर को जलभराव एवं बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए जिला एवं ननि प्रशासन ने शहर के मुख्य खेरमाई नाले को अतिक्रमणमुक्त कराने बैठकें और दावे तो खूब किए लेकिन जब बात नाले में उतरकर कार्रवाई की आई तो एक बार फिर रसूखदारों के सामने प्रशासन की सांस फूलने लगी है। अभियान के पहले दिन एक भी अतिक्रमण हटाने में नाकाम रहा प्रशासन दूसरे दिन भी कार्रवाई की खानापूर्ति कर तीन घंटे में वापस लौट गया।

अभियान के पहले दिन शनिवार को पूरा जिला प्रशासन लाव-लस्कर के साथ 11 घंटे तक भरहुत नगर में नाले के ऊपर बैठा रहा, लेकिन शाम तक एक भी अतिक्रमण नहीं हटा। रसूख के सामने नतमस्तक ननि अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने की कार्र्रवाई का स्थान बदल दिया। नाले पर बना पहला अतिक्रमण आम आदमी का था, जिस पर पुलिस की मौजूदगी में ननि कर्मचारी छेनी हथौड़ा लेकर व कटर लेकर टूट पड़े।

लेकिन दोपहर बाद जब रसूख की बिल्डिंग गिराने की बारी आई तो दीवार पर पंजा चलने से पहले ही चैन माउंटेन मशीन फेल हो गई। शाम को प्रशासन यह कहते हुए लौट गया कि रविवार को नई मशीनों के साथ इसी स्थान से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होगी। लेकिन, दूसरे दिन भी लोगों को तब निराशा हाथ लगी जब रविवार को सुबह 8 बजे मौके पर पहुंचा ननि का अतिक्रमण दस्ता कार्रवाई के नाम पर सीता तिवारी का घर ढहा कर बैरंग लौट गया। 

स्थानीय लोगों ने बताया कि अतिक्रमणदस्ता प्रभारी रसूख की बहुमंजिला इमारत में हाथ डालने से बचते रहे। लगभग 11 बजे उन्होंने एमआईजी की बाउंड्रीवाल गिराने जेसीबी आगे बढ़वाई तो बिल्डिंग मालिक सामने खड़ा हो गया। उसने अतिक्रमण प्रभारी को दीवार टच न करनी की घुड़की दी। रसूख के विरोध का बहाना मिलते ही अतिक्रमण दस्ता प्रभारी ने इसकी सूचना ननि आयुक्त को दी और पुलिस बल न होने की बात कह बिना कारवाई किए वापस लौट गए।

नाले को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान दूसरे दिन बीच नाले पर खड़ी पांच मंजिला इमारत में जाकर फिर अटक गया। गौरतलब है, बीते साल भी इसी भवन को गिराने में शासन की सास फूल गई थी और इस भवन तक आकर जेसीबी के पंजे थम गए थे। हालांकि दूसरे दिन की कार्रवाई पर सफाई देते हुए ननि के अतिक्रमण दस्ता प्रभारी रामहर्ष मिश्रा ने बताया कि अधिकारियों एवं पुलिस की अनुपस्थिति के कारण बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी। सोमवार को आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इधर नाले का मजबूत अतिक्रमण तोडऩे ननि प्रशासन ने किराए पर लेकर जो चैन माउंटेन मशीन नाले में उतारी है उसकी मरम्मत ठेकेदार दूसरे दिन भी नहीं करा पाया। मैकेनिक रविवार को दिनभर इस मशीन की मरम्मत में जुटे रहे लेकिन क्या खराब है, शाम तक इसकी नब्ज नहीं पकड़ पाए। एेसे में चैन माउटेंन मशीन सोमवार को नाले में उतरेगी इसे लेकर अभी भी संशय बरकरार है।


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