रीवा इस मामले में प्रदेश का चौथा सबसे फिसड्डी जिला बन गया
रीवा। शिक्षा अधिकारियों का काम भी निराला है। जिले में एक ओर जहां अभी तक 215 स्कूलों की नवीन मान्यता और मान्यता नवीनीकरण का प्रस्ताव लंबित है, वहीं अधिकारियों ने आरटीई के तहत नि:शुल्क प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में अभिभावकों के लिए इन स्कूलों में चाहते हुए भी प्रवेश ले पाना मुमकिन नहीं होगा।
शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत शुरू हुई प्रक्रिया के तहत स्थानीय शिक्षा अधिकारियों को मान्यता प्राप्त स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश के लिए आरक्षित सीटों की संख्या सत्यापन के साथ एजूकेशन पोर्टल पर उपलब्ध कराना है, ताकि अभिभावक अपनी सुविधा अनुसार स्कूल का चयन कर बच्चे के प्रवेश के लिए आवेदन कर सकें।
स्कूलों को मान्यता नहीं मिलने की स्थिति में न ही उनका नाम आरटीई के पोर्टल पर होगा और न ही स्कूल प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हो पाएंगे। ऐसे अभिभावकों के समक्ष भारी संख्या में सीटों का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। चाहते हुए भी बच्चे इन स्कूलों में प्रवेश से वंचित रह जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि स्कूल व वहां आरक्षित सीटों की संख्या पोर्टल पर जारी करने की तिथि मान्यता जारी करने की तिथि से पहले की खत्म हो जाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को नवीन मान्यता व मान्यता नवीनीकरण का लंबित प्रकरण 10 मई तक निस्तारित करने का समय दिया है, जबकि आरटीई के तहत मान्यता प्राप्त स्कूलों व वहां आरक्षित सीटों की संख्या ऑनलाइन उपलब्ध कराने की अंतिम तिथि नौ मई है।
लंबित प्रकरणों के मामले में रीवा की स्थिति संभाग में सबसे खराब है। प्रदेश के फिसड्डी जिलों में रीवा चौथे नंबर पर है। पन्ना में 278, भिंड में 249 व जबलपुर में 239 प्रकरण लंबित हैं। रीवा में यह संख्या 215 है। सतना में 135, सीधी में 127 व सिंगरौली में 48 प्रकरण लंबित हैं।
मान्यता संबंधित लंबित प्रकरण
प्रकरण बीआरसीसी स्तर पर डीईओ स्तर पर
मान्यता नवीनीकरण 43 प्रकरण 128 प्रकरण
नवीन मान्यता 16 प्रकरण 28 प्रकरण
नि:शुल्क प्रवेश संबंधी समय-सारणी
9 मई तक स्कूलों में आरक्षित सीटों की जानकारी व सत्यापन
15 मई से 31 मई तक पोर्टल पर प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन
31 मई तक ऑनलाइन आवेदन की त्रुटि में सुधार का मौका
5 जून को रेंडम पद्धति से ऑनलाइन लॉटरी द्वारा सीट का आवंटन
15 जून तक आवेदकों द्वारा आवंटन पत्र डाउनलोड करने का मौका
7 जून से 20 जून तक पात्र छात्रों का स्कूलों में प्रवेश दिलाने की प्रक्रिया
No comments
सोशल मीडिया पर सर्वाधिक लोकप्रियता प्राप्त करते हुए एमपी ऑनलाइन न्यूज़ मप्र का सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला रीजनल हिन्दी न्यूज पोर्टल बना हुआ है। अपने मजबूत नेटवर्क के अलावा मप्र के कई स्वतंत्र पत्रकार एवं जागरुक नागरिक भी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ से सीधे जुड़े हुए हैं। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ एक ऐसा न्यूज पोर्टल है जो अपनी ही खबरों का खंडन भी आमंत्रित करता है एवं किसी भी विषय पर सभी पक्षों को सादर आमंत्रित करते हुए प्रमुखता के साथ प्रकाशित करता है। एमपी ऑनलाइन न्यूज़ की अपनी कोई समाचार नीति नहीं है। जो भी मप्र के हित में हो, प्रकाशन हेतु स्वीकार्य है। सूचनाएँ, समाचार, आरोप, प्रत्यारोप, लेख, विचार एवं हमारे संपादक से संपर्क करने के लिए कृपया मेल करें Email- editor@mponlinenews.com/ mponlinenews2013@gmail.com