संगठन के पदाधिकारियों को मिले स्थानांतरण में छूट
एमपी ऑनलाइन न्यूज़ रिपोर्टर राज पंत
शिक्षक कांग्रेस ने सौंपा मांगों को लेकर ज्ञापन
गुना। शिक्षक कांग्रेस द्वारा अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि तीस वर्षों से अधिक नियमित सेवा के बाद भी सहायक शिक्षक पदोन्नति से वंचित रहे कर्मचारियों को शिक्षक पद नाम दिया जाए। क्योंकि वह 24 वर्ष क्रमोन्नत वेतनमान ले चुके हैं इसमें शासन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं आएगा। इसके अलावा शिक्षक संवर्गों में समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिला है जबकि सीधी भर्ती व्याख्याताओं को मिल चुका है। अत: शिक्षक संवर्गों में भेदभाव समाप्त कर सबको समयमान वेतनमान दिया जाए। अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों में बीएड, डीएड की बाध्यता शर्तों को समाप्त किया जाए, अध्यापक संवर्ग को शासकीय सेवा में संविलियन किया जाए, अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षक भर्ती में अवसर दिया जाए, शैक्षणिक गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शिक्षकों को अध्यापन कार्यों के अतिरिक्त अन्य बेकार के कार्यांे पर रोक लगाई जाए। इसके अलावा आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत समस्त शिक्षकों को समयमान वेतनमान एवं रिक्त पदों पर पदोन्नति दी जाए। ज्ञापन में मांग की गई कि शिक्षकों को युक्तिकरण प्रक्रिया में मान्यता प्राप्त संगठनों में पदाधिकारियों को स्थानांतरण में छूट प्रदान की जाए। ज्ञापन देने वालों में किशनलाल रजक प्रांतीय महामंत्री, सत्यप्रकाश शर्मा जिला महामंत्री, राजेन्द्र सिंह गुजराती जिलाध्यक्ष के अलावा अन्य शिक्षक उपस्थित थे।
शिक्षक कांग्रेस ने सौंपा मांगों को लेकर ज्ञापन
गुना। शिक्षक कांग्रेस द्वारा अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि तीस वर्षों से अधिक नियमित सेवा के बाद भी सहायक शिक्षक पदोन्नति से वंचित रहे कर्मचारियों को शिक्षक पद नाम दिया जाए। क्योंकि वह 24 वर्ष क्रमोन्नत वेतनमान ले चुके हैं इसमें शासन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं आएगा। इसके अलावा शिक्षक संवर्गों में समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिला है जबकि सीधी भर्ती व्याख्याताओं को मिल चुका है। अत: शिक्षक संवर्गों में भेदभाव समाप्त कर सबको समयमान वेतनमान दिया जाए। अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों में बीएड, डीएड की बाध्यता शर्तों को समाप्त किया जाए, अध्यापक संवर्ग को शासकीय सेवा में संविलियन किया जाए, अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षक भर्ती में अवसर दिया जाए, शैक्षणिक गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शिक्षकों को अध्यापन कार्यों के अतिरिक्त अन्य बेकार के कार्यांे पर रोक लगाई जाए। इसके अलावा आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत समस्त शिक्षकों को समयमान वेतनमान एवं रिक्त पदों पर पदोन्नति दी जाए। ज्ञापन में मांग की गई कि शिक्षकों को युक्तिकरण प्रक्रिया में मान्यता प्राप्त संगठनों में पदाधिकारियों को स्थानांतरण में छूट प्रदान की जाए। ज्ञापन देने वालों में किशनलाल रजक प्रांतीय महामंत्री, सत्यप्रकाश शर्मा जिला महामंत्री, राजेन्द्र सिंह गुजराती जिलाध्यक्ष के अलावा अन्य शिक्षक उपस्थित थे।
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