चीन ने कहा- तनावक्षेत्र में भारत के सैनिक ‘बड़ी संख्या में’ मौजूद
भारत के अधिकृत बयान के इतर चीन ने 2 अगस्त को कहा था कि तनाव क्षेत्र में भारत के 48 सैनिक शेष हैं और 3 अगस्त को बयान दिया कि उनके पीछे ‘बड़ी संख्या में’ सैनिक मौजूद हैं। बता दें कि भारत ने स्पष्ट किया है कि तनाव क्षेत्र में दोनों देशों के 400-400 सैनिक मौजूद हैं और भारत इनमें से एक ही सैनिक कम करने के मूड में नहीं है। इससे पहले भारत की विदेश मंत्री ने शांति की बात की थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने जवाब दिया है कि शांति की सिर्फ बात नहीं होनी चाहिए। उस पर काम भी होना चाहिए ।
एक बयान में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि भारतीय पक्ष के कदम ‘गैरजिम्मेदाराना और लापरवाह’ लगते हैं। उन्होंने कहा कि बुधवार (2 अगस्त) तक डोकलाम क्षेत्र में ‘48 भारतीय सैनिक और एक बुलडोजर’ था। उन्होंने इसे चीन की सीमा में घुसपैठ बताया। गेंग ने कहा कि इसके अलावा, सीमा पर और सीमा के भारतीय तरफ अब भी बड़ी संख्या में भारतीय सैन्य बल मौजूद है। प्रवक्ता ने कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि कितने भारतीय सैनिको ने अवैध रूप से सीमा पार की और अभी भी चीनी क्षेत्र में हैं, यह चीन की क्षेत्रीय अखंडता के गंभीर उल्लंघन तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उल्लंघन की प्रकृति को नहीं बदलता है। यह घटना अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध है। भारतीय पक्ष को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
गेंग ने गुरुवार (3 अगस्त) को फिर दोहराया कि 18 जून को करीब 270 भारतीय सैनिक चीन की सीमा में सड़क निर्माण में बाधा पहुंचाने के लिए चीन की जमीन पर सौ मीटर से अधिक अंदर घुस आए। विदेश मंत्रालय के बुधवार (2 अगस्त) के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कि भारत चीन सीमा पर शांति द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू विकास के लिए महत्वपूर्ण पूर्व शर्त है, गेंग ने कहा कि भारत को अपने शब्दों को ‘काम में बदलते’ भी दिखाना चाहिए। गेंग ने बयान में कहा कि भारतीय पक्ष हमेशा शांति की बात करता है लेकिन हमे केवल शब्दों को नहीं सुनना चाहिए बल्कि उसके कामों पर भी ध्यान देना चाहिए।
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