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SC ने BCCI से पूछा, लोढ़ा पैनल की सिफारिशें लागू क्‍यों नहीं हुई


नई दिल्‍ली: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)में सुधार लागू न करने को लेकर बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना, सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया. इन तीनों ही पदाधिकारियों को 19 सितंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है.इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (COA) को BCCI के नए संविधान का ड्रॉफ्ट को तैयार करने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि इस ड्रॉफ्ट  को बाकी पक्षों को दिया जाए ताकि वे इस बारे में अपने सुझाव दे सकें

सुप्रीम कोर्ट ने BCCI और राज्य एसोसिएशनों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये कोई बैडमिंटन का 'शटल गेम' नहीं है. कोर्ट ने तल्‍ख लहजे में पूछा है किअभी तक लोढ़ा पैनल की कोई भी सिफारिश क्यों लागू नहीं की गई. दरअसल बीसीसीआई  का कामकाज देखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने न्यायालय के आदेशों का जानबूझकर पालन नहीं करने को लेकर बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना, सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को हटाने की मांग की है.

शीर्ष न्यायालय में इन तीन अधिकारियों के कामकाज का लेखा-जोखा पेश किया गया है. सीओए ने 26 जुलाई को आयोजित विशेष आम बैठक में हिस्सा लेने को लेकर बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी और कानूनी टीम को भी जमकर फटकार लगाई है. इतिहासकार रामचंद्र गुहा और बैंकर विक्रम लिमये के इस्तीफ़े के बाद प्रशासकों की समिति में पूर्व सीएजी विनोद राय और महिला क्रिकेटर डायना एडुलजी ने ये सिफ़ारिश की है. समिति ने चुनाव नहीं होने तक अदालत से 'बोर्ड का शासन, प्रबंध और प्रशासन' अपने हाथों में सौंपने की मांग की है.

विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि राज्य क्रिकेट संघ लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करना चाहते और इसमें बोर्ड के मौजूदा शीर्ष अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध हैं. उन्होंने इसे लागू करने को लेकर अपनी ओर से कोई प्रयास नहीं किया है.

साथ ही साथ सीओए ने 'कॉफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट' और ऑम्बड्समैन की नियुक्ति जैसे मूल मुद्दों का ध्यान नहीं रखने को लेकर भी बोर्ड अधिकारियों की खिंचाई की है.

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