जिला पंचायत के अधिकारियो की भ्रस्टाचार की खुली पोल
रीवा : रीवा जिले के जिला पंचायत कार्यालय के अधिकारियों का भ्रस्ताचार अपने चरम में चल रहा है। पीड़ित परी एक्युरियम संचालक संदीप सोनी जो पेशे से मोबाइल रिपेयरिंग की और पड़ी एकुरियम् की दुकान चला कर पालन पोषण करते है। पीड़ित संदीप सोनी ने बताया की दिनांक 11 - 04 -017 को रीवा न्यू कलेक्ट्रेट भवन का उदघाटन करने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को रीवा आना था । इसी को लेकर के रीवा जिला पंचायत कार्यालय के लेखापाल बाबू धीरेन्द्र शुक्ला संदीप परी एक्यूरियम पहुंचा और बोला कि हमें एक सुझाव बॉक्स बनवाना है जिससे जो भी व्यक्ति या कर्मचारी गुटखा पान खाते है वो गुटखा लेकर के अंदर ना जाये अतः इसी बॉक्स में डाल दे फिर जब बाहर जाने लगे तो अपनी अपनी गुटखा व पान मशाला की पाउच को ले ले। कम समय की वजह से लेखापाल बाबू धीरेन्द्र शुक्ला ने बोला की जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी मेरा काम कर दो मै इसके पैसे नकद दूंगा
मगर जैसे ही बॉक्स बनकर तैयार हो गया जो की पूरा काँच का था जिसकी कीमत लगभग 5000 रु. बताई गई है। मगर काम होने के बाद भ्रष्टाचार बाबू धीरेन्द्र शुक्ला ने बोला कि मैं अभी 500 रुपए आपको दे रहा हूं और बाकी का शाम होने से पहले नकद कर दूंगा अभी मेरे पास सिर्फ 500 रु. है। पीड़ित दुकानदार ने भरोसा करके उस भ्रष्ट कर्मचारी लेखापाल धीरेन्द्र शुक्ला को कांच का सुझाव बॉक्स बना करके दे दिया मगर दुकानदार को यह जानकारी नहीं थी कि यह उसके साथ ठगी कर रहा है जब इस मामले की जानकारी लेने जिला पंचायत के कार्यालय में लेखपाल अधिकारी धीरेंद्र शुक्ला जो लेखापाल के पद पर है उनसे जब पीड़ित संदीप सोनी अपना बाकी का 4500 सौ रुपए लेने गए तो पीड़ित संदीप सोनी को वह इधर से उधर घुमाने लगा और बोला कि इससे मुझे कोई मतलब नहीं है तुम अपना बाक्स लो और चले जाओ और मेरे 500 रुपए दे दो ऊपर से बिल पास नहीं हो रहा है जो तुम्हारी दुकान के नाम से आएगा और आरोपी भ्रष्ट लेखापाल धीरेन्द्र शुक्ला अपने अधिकारियों के ऊपर आरोप लगाने लगा बोला कि इसके जिम्मेदार नाजीर बाबू पाण्डेय जी है उन्होंने ही मुझे कहा था कि तुम सुझाव बॉक्स पेटी बनवा लो जिसमे सभी कर्मचारी गुटखा व पान को रखे साथ में लेकर अंदर न जाये। और जब बात नहीं बनी तो भ्रष्ट बाबू लेखापाल SDM साहब के ऊपर आरोप लगाने लगा बोला की उनके आदेशों का पालन किया गया उन्हों ने ही कहा था कि एक सुझाव बॉक्स ला लो जब जनसंदेश मीडिया की टीम जिला पंचायत कार्यालय पहुची तो बाबू अपना बचाव करने लगा और बोला की नजीर बाबू पांडे जी के कहने पर मैंने बॉक्स बनबाया था। जब ऊपर से ही वर्मा जी बिल नहीं पास कर रहे है तो क्या करू ।इन भ्रष्टाचार बाबुओं की वजह से ईमानदार अधिकारियों के दामन पर दाग आ रहे हैं जो अपना बचाव करने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर ही आरोप लगाने लगते हैं। न्यू कलेक्ट्रेट भवन में महज 2 घंटे के लिए ही वह बॉक्स रखा गया और जैसे ही कलेक्ट्रेट भवन का उद्घाटन करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जाते हैं कि थोड़ी ही देर में लेखापाल बाबू वह सुझाव बॉक्स ले जाकर अपने दफ्तर में किनारे रख लेते है। इन भ्रष्टाचार बाबू के ऊपर पता नहीं कब होगी कार्यवाही जो कि अपना बचाव करने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों के ऊपर ही आरोप लगाने लगते हैं ।
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