मन की बात में PM मोदी ने गांधी, पटेल और शास्त्री को किया
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में गांधी, पटेल और शास्त्री को याद किया. उन्होंने स्वच्छता अभियान के बारे में बात करते हुए कहा कि ये अभियान आंदोलन का रूप ले रहा है जिसे हर किसी ने संकल्प से सिद्धि के प्रण के साथ आगे बढ़ाया है. पीएम ने कहा स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े के पहले चार दिन में ही 75 लाख लोगों ने 40 हजार से अधिक पहल को आगे बढ़ाया है. आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता अभियान में हर कोई योगदान दे रहा है. देश के हर वर्ग ने इसे अपना काम माना है. हर कोई इससे जुड़ गया है. खेल से जुड़े लोग हों, सिने जगत के लोग हों, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय से जुड़े लोग हों, किसान हों, मजदूर हों, फौज के लोग हों सब इससे जुड़ गए हैं.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर भी इसका दबाव बढ़ा है. सार्वजनिक स्थान पर सफाई का खास ख्याल रखा जा रहा है. अब लोग टोकते हैं. गंदगी होने नहीं दे रहे हैं. स्वच्छता को स्वभाग बनाना है. ढाई करोड़ बच्चों ने स्वच्छता से जुड़ी मुहिम में हिस्सा लिया. पेंटिंग, निबंध आदि प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. मीडिया के लोगों ने इस अभियान को आगे बढ़ाया है. मैं इसे अच्छा मानता हूं.
पीएम ने कहा कि मन की बात में लोगों से उन्होंने संकल्प लेने का आग्रह किया था कि गांधी जयंती से पहले 15 दिन देश में स्वच्छता अभियान से जुड़ेंगे. आज हर कोई इस अभियान का हिस्सा बन रहा है. संकल्प से सिद्धी हो रही है. हर कोई इसे स्वीकारता है. राष्ट्रपति भी इस मुहिम से जुड़े हैं. उन्होंने कश्मीर के बिलाल डार का जिक्र करते हुए बताया कि वह इससे स्वच्छता के साथ साथ आजीविका कमा रहा है. श्रीनगर नगर निगम ने उसे अपना एंबेस्डर बनाया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि खादी के प्रति लोगों में रुचि बनी है. लोगों से मैंने खादी का उपयोग करने के लिए कहा और लोगों ने इसका सम्मान किया. खादी की बिक्री बढ़ी है. इससे गरीब के घर में रोजगार पहुंचा. दो अक्तूबर से खादी में रियायत मिलती है, इसे आगे बढ़ाना चाहिए. खादी खरीदकर गरीब के घर में दिया जलाएं.
उन्होंने कहा कि खादी की बिक्री बढ़ने से इस दिशा में लगे लोगों में उत्साह जागा है. नई तकनीक तलाशी जा रही है. वाराणसी में बंद पड़ा खादी का कारखाना फिर शुरू हुआ है. बड़े-बड़े कॉरपोरेट हाउस भी खादी का प्रयोग कर रहे हैं. लोगों को खादी के गिफ्ट दे रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि अक्टूबर का महीना खास है. महात्मा गांधी से लेकर सरदार पटेल तक अक्तूबर में जन्म लिया. 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है. 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती है. इसके साथ ही हम दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती मना रहे हैं. इन नेताओं ने देश के लिए कष्ट झेले हैं. सभी महापुरुषों का केंद्र बिंदु देश था. देश के लिए कुछ करना, इनके लिए मात्र उपदेश ही नहीं था बल्कि इन्होंने अपने जीवन के द्वारा देश के लिए कुछ कर के दिखलाया. उन्होंने कहा कि इनमें से कई महापुरुष सत्ता के गलियारों से दूर रहे हैं और सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय में लगे रहे. नाना जी देशमुख ने राजनीति छोड़कर लोगों की सेवा की. दीन दयाल जी भी समाज के आखिरी व्यक्ति के जीवन में बदलाव के लिए प्रयासरत थे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मौसम में लोग घूमने निकलते हैं. हमारे देश में कई लोग विदेशों में ही घूमने जाते हैं. हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है. आप विदेश जाएं ठीक है, लेकिन भारत में देखने के लिए बहुत कुछ हैं. पहले आप देश को समझ लें.
उन्होंने कहा ‘‘ देश के महापुरुषों ने पहले देश को घूमा, उसे समझा. पर्यटन में मूल्यवर्द्धन तब होगा जब हम विद्यार्थी के तौर पर घूमेंगे.’’ प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘500 से ज्यादा जिलों में मैं गया हूं. 450 से ज्यादा में मैं रुका हूं.’’ मोदी ने कहा कि विविधता में एकता केवल नारा नहीं है बल्कि यह भारत की अपार शक्ति का भंडार है, इसे अनुभव करें.
उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना इसमें निहित है. उन्होंने कहा कि अलग अलग जगह अलग अलग खानपान है. भारत को अपने भीतर आत्मसात कीजिए. इन अनुभवों से आपका जीवन समृद्ध होगा.
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर भी इसका दबाव बढ़ा है. सार्वजनिक स्थान पर सफाई का खास ख्याल रखा जा रहा है. अब लोग टोकते हैं. गंदगी होने नहीं दे रहे हैं. स्वच्छता को स्वभाग बनाना है. ढाई करोड़ बच्चों ने स्वच्छता से जुड़ी मुहिम में हिस्सा लिया. पेंटिंग, निबंध आदि प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया. मीडिया के लोगों ने इस अभियान को आगे बढ़ाया है. मैं इसे अच्छा मानता हूं.
पीएम ने कहा कि मन की बात में लोगों से उन्होंने संकल्प लेने का आग्रह किया था कि गांधी जयंती से पहले 15 दिन देश में स्वच्छता अभियान से जुड़ेंगे. आज हर कोई इस अभियान का हिस्सा बन रहा है. संकल्प से सिद्धी हो रही है. हर कोई इसे स्वीकारता है. राष्ट्रपति भी इस मुहिम से जुड़े हैं. उन्होंने कश्मीर के बिलाल डार का जिक्र करते हुए बताया कि वह इससे स्वच्छता के साथ साथ आजीविका कमा रहा है. श्रीनगर नगर निगम ने उसे अपना एंबेस्डर बनाया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि खादी के प्रति लोगों में रुचि बनी है. लोगों से मैंने खादी का उपयोग करने के लिए कहा और लोगों ने इसका सम्मान किया. खादी की बिक्री बढ़ी है. इससे गरीब के घर में रोजगार पहुंचा. दो अक्तूबर से खादी में रियायत मिलती है, इसे आगे बढ़ाना चाहिए. खादी खरीदकर गरीब के घर में दिया जलाएं.
उन्होंने कहा कि खादी की बिक्री बढ़ने से इस दिशा में लगे लोगों में उत्साह जागा है. नई तकनीक तलाशी जा रही है. वाराणसी में बंद पड़ा खादी का कारखाना फिर शुरू हुआ है. बड़े-बड़े कॉरपोरेट हाउस भी खादी का प्रयोग कर रहे हैं. लोगों को खादी के गिफ्ट दे रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि अक्टूबर का महीना खास है. महात्मा गांधी से लेकर सरदार पटेल तक अक्तूबर में जन्म लिया. 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है. 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती है. इसके साथ ही हम दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती मना रहे हैं. इन नेताओं ने देश के लिए कष्ट झेले हैं. सभी महापुरुषों का केंद्र बिंदु देश था. देश के लिए कुछ करना, इनके लिए मात्र उपदेश ही नहीं था बल्कि इन्होंने अपने जीवन के द्वारा देश के लिए कुछ कर के दिखलाया. उन्होंने कहा कि इनमें से कई महापुरुष सत्ता के गलियारों से दूर रहे हैं और सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय में लगे रहे. नाना जी देशमुख ने राजनीति छोड़कर लोगों की सेवा की. दीन दयाल जी भी समाज के आखिरी व्यक्ति के जीवन में बदलाव के लिए प्रयासरत थे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मौसम में लोग घूमने निकलते हैं. हमारे देश में कई लोग विदेशों में ही घूमने जाते हैं. हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है. आप विदेश जाएं ठीक है, लेकिन भारत में देखने के लिए बहुत कुछ हैं. पहले आप देश को समझ लें.
उन्होंने कहा ‘‘ देश के महापुरुषों ने पहले देश को घूमा, उसे समझा. पर्यटन में मूल्यवर्द्धन तब होगा जब हम विद्यार्थी के तौर पर घूमेंगे.’’ प्रधानमंत्री ने कहा ‘‘500 से ज्यादा जिलों में मैं गया हूं. 450 से ज्यादा में मैं रुका हूं.’’ मोदी ने कहा कि विविधता में एकता केवल नारा नहीं है बल्कि यह भारत की अपार शक्ति का भंडार है, इसे अनुभव करें.
उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत का सपना इसमें निहित है. उन्होंने कहा कि अलग अलग जगह अलग अलग खानपान है. भारत को अपने भीतर आत्मसात कीजिए. इन अनुभवों से आपका जीवन समृद्ध होगा.
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