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मैकलांचल में हो रहा खनिज संपदा का अवैध उत्खनन



मैकलांचल में हो रहा खनिज संपदा का अवैध उत्खनन

अनूपपुर@राजेन्द्रग्राम / प्राकृतिक सौदर्य का अनूंठा संग्रह तथा पहाड़ी क्षेत्र में लगे हरे-भरे पौधो से आच्छादित पुष्पराजगढ़ में माफियाओं द्वारा खुलेआम पहाड़ी क्षेत्र को खोद कर पत्थर निकाला जा रहा है, जिसके बाद अवैध परिवहन कर इसे क्रेशरोतक पहुंचा दिया जाता है, पुष्पराजगढ़ में हो रहे इस अवैध उत्खनन की शिकायत ग्रामीणो द्वारा कई बार प्रशासन का रूख भी इस ओर कराया गया था, बावजूद इसके अब तक कोई भी बडी कार्यवाही नही हुई.

इन ग्रामों मे हो अवैध उत्खनन 

पुष्पराजगढ़ जनपद अंतर्गत अवैधानिक रूप से खनिज पदार्थो का दोहन कर खनिज माफियाओं द्वारा अवैध तरीके से उत्खनन किया जा रहा है जिसको परिवहन कर राजेन्द्रग्राम, हर्राटोला, परसेल, उफरी, विचारपुर, लांघा टोला, भेजरी, धरहरकला, पटना, पमरा, ताली, दोनिया, लालपुर, पिपरटोला, घेटई  खुर्द, पौनी सहित मेढाखार के क्रेशरो में गलाया जा रहा है. वहीं खनिज माफियाओ द्वारा लेढऱा, भमरहा, हर्राटोला, परसेल, सोनियामार सहित क्रेशर  संचालक द्वारा अपने अगल- बगल के वन विभाग तथा निजी भूमियो में अवैध रूप से उत्खन्न कर  रहे है तथा पास ही  स्थित क्रेशरो में पत्थर को पहुंचा दिया जाता है. जिसमें क्रेशर संचालको की मिलीभगत भी सामने आई है. वहीं राजस्व विभाग व खनिज विभाग द्वारा ग्रामीणो की बार-बार शिकायतो व ओव्हर लोड वाहनो के परिवहन से हो रही परेशानियो के की शिकायत के बाद अब तक किसी तर ह की कार्यवाही न ही की जा सकी है.

पुष्पराजगढ़ की सुंदरता को  बारूद से कर रहे खोखला

गरामीणो ने शिकायत में बताया की पुष्पराजगढ़ के कई स्थानो पर खनिज माफिया द्वारा अवैध उत्खन्न की कार्य बड़े जोरो से की जा रही है, जिसके बाद यहां पर  खनिज माफिया द्वारा बिना किसी भय के पत्थर तोडने के लिए बारूद का उपयोग किया जा रहा है. लेकिन अब तक इस मामले में जिला प्रशासन द्वारा किसी तरह की  कार्यवाही नही की गई,वहीं बारूद के उपयोग से जहां आसपास के ग्रामीण क्षेत्रो में लोगो के घरो में दरारे पड रही है वहीं खनिज माफिया द्वारा खुलेआम पहाडी क्षेत्र को खोखला कर ने में लगे हुए है.

ग्रामीणों को दे रहे रोजगार का  लालच

मैकलांचल  क्षेत्र मे चल रहे अवैध उत्खनन में माफियाओं द्वारा पत्थर की खोदाई में ग्रामों के लोगो को लगा रखा है, जो जगह-जगह पर अवैध तरीके से खोदाई कर पत्थर को निकल रहे है, वहीं इस काम के लिये जमीन के मालिक को २०० रूपयें प्रति उत्खनन में लगे मजदूरों को ६०० रूपयें दिया जाता है, और इसके बाद अवैध रूप से डंपरों मे परिवहन कर क्रेशरो तक पहुंच दिया जाता है. जहां उन्हें प्रति वाहन लगभग ३५०० से ४००० रूपयें क्रेशर संचालको द्वारा दिया जाता है.

विभाग की उदासीनता से पनप रहे खनन माफिया

पुष्पराजगढ़ क्षेत्र में अवैध उत्खनन को रोकने के लिये खनिज विभाग पुष्पराजगढ़ में बेवश साबित हो रहा है. पर्याप्त संसाधन होने के बाद भी जिले में सिर्फ अपने कार्यालय में बैठ कुर्सी तोडऩे नजर आते है और शिकायत मिलने पर चुप्पी साध लेते है. जिसके कारण खनिज माफियाओं का हौसला बुलंद होता जा रहा है. शिकायत के बाद जिले एवं स्थानीय अधिकारी आते तो है और दिखावा के लिये एक दो डम्फर टेक्टर पकड़ थाने में खड़ा कर चले जाते फिर एक या दो दिनों में ही माफिया अपने वाहनों को छोड़ा कर लेजाता है और पुनः ही रोज की तरह अपने काले कारनामो को अंजाम देने लगता है अगर ऐसे ही हमारी प्रशास रही तो पुष्पराजगढ़ क्षेत्र  नसते नाबूद मिटा देंगे ये  खनन माफिया

मन चाहे जगहों पर होता है अवैध उत्खनन


पुष्पराजगढ़ क्षेत्र  में खनन माफियोओ का हौसला इतना बुलंद है कि फिर चाहे वो वन भूमि हो या फिर भूमि सुधार या राजस्व की हो इससे माफियोओ को कोई फर्क नही पड़ता कि स्थान ऐसे है जहां खुलेआम न केवल उत्खनन बल्कि अवैध भंडारण भी होता है जब कोई बड़ी घटना प्रकाश में आती है तब कार्यवाही के नाम खाना पूर्ति की जाती शेष समय यहां मन के मालिक खनन माफिया

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