जांच के नाम पर हर दिन प्रताड़ित हो रही पीड़िता..सरकार शर्म करे : सिंधिया
भोपाल : राजधानी भोपाल में छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के मामले में पुलिस विभाग के कई अधिकारियों पर गाज गिरी है, इस घटना ने जहां प्रदेश भर को झकझोर कर रख दिया है, वहीं पीड़िता को अब भी मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है। न्याय के लिए पीड़िता अब भी माता-पिता के साथ थानों के चक्कर काट रही है। वहीं पुलिस अब तक चौथे आरोपी को पकड़ने में नाकबायब रही है। मामले पर राजनीति गरमाई हुई है। विपक्ष लगातार सरकार को घेरे हुए है, वहीं कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फिर सरकार पर हमला बोला है।
लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने के बाद भी पुलिस की कार्यप्रणाली में कोई अंतर नहीं आया है। जांच के नाम पर पीड़िता को बार बार परेशान किया जा रहा है, घटना से सम्बंधित सवालों के बार बार पूछे जाने से पीड़ित छात्रा को मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है।
सिंधिया ने ट्वीट कर पुलिस की कार्यप्रणांली पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है "पहले एफआइआर दर्ज कराने के किए संघर्ष, अब बयान के लिए थाने और जाँच के किए अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर।" "सामूहिक ज़्यादती की शिकार छात्रा को जाँच के नाम पर हर दिन प्रताड़ित किया जा रहा है। मप्र सरकार के किए इससे बड़ी शर्म की बात नहीं हो सकती।""पुलिस अधिकारियों का ऐसा रवैया देखकर उनसे क्या न्याय की उम्मीद की जा सकती है?"
आरोपियों को तो चौराहे पर फांसी हो
मीडिया के सामने आकर पीड़ित ने कहा कि ऐसे दरिंदों को चौराहे पर फांसी पर लटका देना चाहिए। वहीं पीड़िता ने खुलकर पुलिस की लापरवाही और संवेदनशीलता को उजागर किया है। पीएससी की तैयारी कर रही छात्रा ने कहा अब मेरे आईपीएस बनने का सपना और भी मजबूत हुआ है। पीड़िता ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि पुलिस का व्यवहार बहुत ही बुरा था। वह एक थाने से दूसरे थाने तक बार-बार चक्कर लगाती रही लेकिन कोई भी उसकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं था। पीड़िता ने कहा सिर्फ हबीबगंज थाने के टीआई रविंद्र यादव ने उनकी मदद की। पुलिस भी दोषी है, जीआरपी टीआई और सब इंस्पेक्टर ने मेरे साथ बहुत अभद्रता की| वहीं एसपी रेल अनीता मालवीय को लेकर भी उन्होंने कहा कि ऐसी महिला वर्दी के लायक नहीं है, उनके शरीर पर वर्दी नहीं रहना चाहिए। पीएससी की तैयारी कर रही छात्रा ने कहा कि अब आईपीएस बनने का मेरा सपना और मजबूत हुआ है और आईपीएस बनने के बाद मेरी प्राथमिकता महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को ख़त्म करना हो गए| राक्षसों के खिलाफ लड़ाई लड़ूंगी और उन्हें सजा दिलवाऊंगी।
लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने के बाद भी पुलिस की कार्यप्रणाली में कोई अंतर नहीं आया है। जांच के नाम पर पीड़िता को बार बार परेशान किया जा रहा है, घटना से सम्बंधित सवालों के बार बार पूछे जाने से पीड़ित छात्रा को मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है।
सिंधिया ने ट्वीट कर पुलिस की कार्यप्रणांली पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है "पहले एफआइआर दर्ज कराने के किए संघर्ष, अब बयान के लिए थाने और जाँच के किए अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर।" "सामूहिक ज़्यादती की शिकार छात्रा को जाँच के नाम पर हर दिन प्रताड़ित किया जा रहा है। मप्र सरकार के किए इससे बड़ी शर्म की बात नहीं हो सकती।""पुलिस अधिकारियों का ऐसा रवैया देखकर उनसे क्या न्याय की उम्मीद की जा सकती है?"
आरोपियों को तो चौराहे पर फांसी हो
मीडिया के सामने आकर पीड़ित ने कहा कि ऐसे दरिंदों को चौराहे पर फांसी पर लटका देना चाहिए। वहीं पीड़िता ने खुलकर पुलिस की लापरवाही और संवेदनशीलता को उजागर किया है। पीएससी की तैयारी कर रही छात्रा ने कहा अब मेरे आईपीएस बनने का सपना और भी मजबूत हुआ है। पीड़िता ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि पुलिस का व्यवहार बहुत ही बुरा था। वह एक थाने से दूसरे थाने तक बार-बार चक्कर लगाती रही लेकिन कोई भी उसकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं था। पीड़िता ने कहा सिर्फ हबीबगंज थाने के टीआई रविंद्र यादव ने उनकी मदद की। पुलिस भी दोषी है, जीआरपी टीआई और सब इंस्पेक्टर ने मेरे साथ बहुत अभद्रता की| वहीं एसपी रेल अनीता मालवीय को लेकर भी उन्होंने कहा कि ऐसी महिला वर्दी के लायक नहीं है, उनके शरीर पर वर्दी नहीं रहना चाहिए। पीएससी की तैयारी कर रही छात्रा ने कहा कि अब आईपीएस बनने का मेरा सपना और मजबूत हुआ है और आईपीएस बनने के बाद मेरी प्राथमिकता महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को ख़त्म करना हो गए| राक्षसों के खिलाफ लड़ाई लड़ूंगी और उन्हें सजा दिलवाऊंगी।
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