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नए सिरे से पीजीडीएम कोर्स चलाने की अनुमति नहीं



अप्रूवल प्रोसेस हैंडबुक 2018-19 के नए नियम, जिनमें पहले से ही चलाया जा रहा है, उन्हें ही अप्रूवल

इंदौर. ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) अब नए कॉलेजों को पीजीडीएम कोर्स चलाने की अनुमति नहीं देगी। हालांकि पहले से ही डिप्लोमा कोर्स चलाने वाले कॉलेजों को अप्रूवल मिलती रहेगी, लेकिन नए सिरे से पीजीडीएम कोर्स चलाने की अनुमति नहीं मिलेगी। यह निर्णय काउंसिल ने ‘अप्रूवल प्रोसेस हैंडबुक 2018-19 में संशोधनों पर मुहर लगाते हुए लिया है।

काउंसिल के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि एआईसीटीई से जुड़े कॉलेजों में डिग्री के बजाय डिप्लोमा का रुझान कम हो रहा है, एेसे में यह निर्णय लिया गया है। इसके तहत नए या पुराने कॉलेजों को नए सिरे से पीजीडीएम कोर्स चलाने की अप्रूवल नहीं मिलेगी। हालांकि कॉलेज चाहें तो डिप्लोमा कोर्स चलाने के बजाय डिग्री में कन्वर्ट कर सकते हैं, लेकिन इसकी बाध्यता नहीं होगी। हालांकि इसके लिए डिग्री अप्रूवल के लिए तय मापदंड पूरे करने होंगे। उल्लेखनीय है कि लोकसभा में जुलाई में पास हुए आईआईएम विधेयक में आईआईएम को डिग्री देने का अधिकार मिल गया है। वैसे आंकड़ों की मानें तो ऑटोनॉमस संस्थानों में अब भी पीजीडीएम का रुझान ज्यादा दिखाई दे रहा है।

एक ही बिल्डिंग में चला सकेंगे डिग्री-डिप्लोमा इसके साथ ही फार्मेसी कॉलेजों के लिए एआईसीटीई ने बड़ा निर्णय लिया है। नए अप्रूवल प्रोसेस के अनुसार अब एक ही लैंड पर फार्मेसी का डिग्री और डिप्लोमा कॉलेज चलाया जा सकेगा। पहले अलग-अलग लैंड पर ये कॉलेज चलाने होते थे, लेकिन काउंसिल ने कॉलेजों को लैंड शेयरिंग जैसी छूट देने का फैसला लिया है, यानी फार्मेसी के डिग्री और डिप्लोमा कॉलेज अब एक ही बिल्डिंग में चलाए जा सकेंगे। हालांकि डिग्री कॉलेज के लिए क्लासरूम और लैब संबंधी मिनिमम रिक्वायरमेंट पूरी करनी होंगी। एक कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार डिप्लोमा कॉलेज के लिए दो क्लासरूम चार लैब और डिग्री कॉलेज के लिए चार क्लासरूम व 12 लैब के साथ ही अन्य रूम होना जरूरी है। नए नियमों के अनुसार, इन मिनिमम फेसिलिटी की इन शर्तों को भी पूरा करना होगा। नए कॉलेजों को पीजीडीएम कोर्स की अप्रूवल नहीं मिलेगी। इसकी एक वजह रुझान कम होना भी है। साथ ही प्रोसेसिंग फीस बढ़ाने संबंधी भी निर्णय लिए गए हैं।
प्रो. ए.पी. मित्तल, मेंबर सेक्रेटरी, एआईसीटीई

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