GST लागू होने के बाद MP को केंद्र सरकार से मिली कम मदद
भोपाल। देशभर में जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व भरपाई के लिए राज्य सरकार को केंद्र से मिलने वाली मदद कम हो गई है। इसका कारण होटल टैक्स, बिक्री, व्यापार आदि पर कर, माल तथा यात्रियों पर कर एवं मनोरंजन कर केंद्र के खाते में चला जाना है। पहले इनसे राज्य को आय होती थी।
हालांकि इसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के लिए प्रतिमाह 1660 करोड़ रुपए सुरक्षित राजस्व देने का वादा किया है, लेकिन अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2017 में 941 करोड़, 949 करोड़ व 1234 करोड़ रुपए प्राप्ति हुई जो कि सुरक्षित राजस्व से माहवार 43, 43 और 26 प्रतिशत कम है। भविष्य में महीनों में भी प्राप्त राजस्व, सुरक्षित राजस्व से कम रहने का अनुमान है।
वर्ष 2017-18 के पहले छमाही के दौरान बजट से संबंधित आय और व्यय की समीक्षा रिपोर्ट में सरकार की ओर से वित्त मंत्री जयंत मलैया ने इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 2017-18 में राजकोषीय घाटा 10689.14 करोड़ रुपए है, जो सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत अनुसार 3.49 फीसदी है। चौदहवें वित्त आयोग ने कुछ शर्तों के पूर्ण होने पर 3.50 फीसदी राजकोषीय घाटा अनुमानित है। वहीं सरकार ने माना कि वर्ष 2017-18 में सरकार का खर्च ज्यादा है। ऐसे में राजस्व अधिक बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा।
हालांकि इसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के लिए प्रतिमाह 1660 करोड़ रुपए सुरक्षित राजस्व देने का वादा किया है, लेकिन अगस्त, सितंबर और अक्टूबर 2017 में 941 करोड़, 949 करोड़ व 1234 करोड़ रुपए प्राप्ति हुई जो कि सुरक्षित राजस्व से माहवार 43, 43 और 26 प्रतिशत कम है। भविष्य में महीनों में भी प्राप्त राजस्व, सुरक्षित राजस्व से कम रहने का अनुमान है।
वर्ष 2017-18 के पहले छमाही के दौरान बजट से संबंधित आय और व्यय की समीक्षा रिपोर्ट में सरकार की ओर से वित्त मंत्री जयंत मलैया ने इसका खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 2017-18 में राजकोषीय घाटा 10689.14 करोड़ रुपए है, जो सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत अनुसार 3.49 फीसदी है। चौदहवें वित्त आयोग ने कुछ शर्तों के पूर्ण होने पर 3.50 फीसदी राजकोषीय घाटा अनुमानित है। वहीं सरकार ने माना कि वर्ष 2017-18 में सरकार का खर्च ज्यादा है। ऐसे में राजस्व अधिक बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा।
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