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जातिगत आरक्षण के विरोध में सासाराम में बंद समर्थकों पर लाठी चार्ज



सासाराम : जातीय आरक्षण के विरोध में देश में छिटपुट तौर होने वाले विरोध का रोहतास जिले में ट्रेलर दिखने लगा है. स्थानीय स्तर पर गठित जातीय आरक्षण विरोधी मोर्चा के सासाराम बंद के आह्वान पर सोमवार को जिला मुख्यालय में सड़क पर उतरे छात्रों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया. फिर भी छात्रों की टोलियां सड़क से हटी नहीं. सड़क यातायात को छोड़ बंद का आंशिक असर दिखा. सुबह में ही युवाओं की टोलियां शहर के पोस्ट ऑफिस चौराहा और करगहर मोड़ पर आ धमकी.

हमेशा व्यस्त रहने वाली जीटी रोड पर वाहनों को टेढ़ा-मेढ़ा कर यातायात बाधित कर दिया. जिससे वाहनों की लम्बी कतार लग गयी. देखते ही देखते पूरा शहर जाम हो गया. शहर जाम होने से सासाराम आरा, सासाराम बक्सर, सासाराम डेहरी, सासाराम कुदरा का शहर से संपर्क भंग हो गया. युवाओं का रौद्र रूप देख जीटी रोड पर अवस्थित अधिकांश दुकानों के शटर खुल तक नहीं पाए.

बंद का असर शहर के कई निजी स्कूलों पर भी दिखा. सरकारी कार्यालयों और न्यायालय पर भी बंद का असर थोड़ा बहुत दिखा. शहर के अधिकांश निजी विद्यालय पहले से ही बंद कर दिए गए थे. कुछ के बच्चों को ले जाने वाले बस सड़क जाम में फस जाने से बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाए.

मोर्चा के नेता अभय, नन्हे पाण्डेय, राकेश राय, सौरव उपद्याय, अनूप अभिषेक, आदित्य, शुभम, अनूप, अमन सहित अन्य ने बताया कि, दिनोदिन जातीयता के आधार पर दिए जा रहे आरक्षण से आम छात्रों में हीन भावना घर करने लगी है. संविधान ने इसके लिए एक नियत मियाद निर्धारित किया था. सामाजिक और शैक्षणिक आधार से पिछड़े लोगों के लिए पूर्व के प्रावधान को हम और कितने दिन झेलेंगे. अगर आरक्षित जमात में सात दशक में भी बदलाव नहीं लाया गया तो क्या गारंटी है कि आगे भी आरक्षण का लाभ मिलने से उनकी दशा सुधर जायेगी.

आज स्थिति यह है कि आरक्षण से वंचित तबके में दो जून की रोटी के भी लाले पड़ते जा रहे है. उनके बच्चे आर्थिक विप्प्न्नता से जूझते हुए स्कूल से आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे है. ऐसे में अब आवश्यक हो गया है कि जातीय आधार पर आरक्षण का विरोध हो. इसी के तहत आज सासाराम में बंद का आह्वान किया गया है. और सरकार की नीति देखिये कि शांतिपूर्ण आन्दोलन को कुचलने के लिए छात्रों पर लाठी चलवा रही है. सरकार की दमनकारी रवैये से भी अब यह आन्दोलन रुकने वाला नहीं है.

पोस्ट ऑफिस चौराहे पर मौजूद यहां के एसडीओ और डीएसपी ने छात्रों पर लाठी चार्ज की बात का खंडन करते हुए कहा कि काफी देर से बंद यातातात को सुचारू करने के लिए सड़क से बंद समर्थकों को हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. उन्होंने कहा कि किसी को भी क़ानून व्यवस्था से खेलने की छूट नहीं दी जा सकती.   

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