शोपियां गोलीबारी मामले में परस्पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जाए : कांग्रेस
नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर के शोपियां में हाल में हुई गोलीबारी की घटना के बारे में कांग्रेस ने आज कहा कि इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से परस्पर प्राथमिकी दर्ज करवायी जानी चाहिए और मामले की पूरी जांच हो।उच्चतम न्यायालय ने इस घटना में जम्मू कश्मीर पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए सेना के अधिकारी मेजर आदित्य के पिता की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने पर आज ही सहमति दी है।
इस बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि हमने यह बात स्पष्ट तौर पर कही है कि सेना के अधिकारियों का एक मत है जो राज्य की पीडीपी-भाजपा सरकार के बिल्कुल विपरीत है। जब दोनों तरफ के लोगों के अलग अलग मत होते हैं तो आम तौर पर परस्पर प्राथमिकता दर्ज करायी जाती है। साथ ही मामले की जांच की जानी चाहिए अन्यथा इसमें न्याय नहीं हो पाएगा।’’
उन्होंने कहा कि मेजर आदित्य और भारतीय सेना की एक निश्चित राय है और वह उसका बचाव करना चाहते हैं। यह एक सरल सा सवाल है कि उस मत की जांच क्यों नहीं करायी जानी चाहिए?
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ भाजपा की दोमुंही बात करने की पुरानी आदत है। भाजपा जम्मू कश्मीर में अलगावादियों की भाषा बोलती है और दिल्ली में आक्रामक भाषा बोलती है।’’
मेजर आदित्य के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह ने उच्चतम न्यायालय में दी गयी याचिका में कहा है कि 10 गढ़वाल राइफल्स में उनके मेजर बेटे का इस घटना की प्राथमिकी में गलत तरीके से और मनमाने ढंग से नाम दर्ज किया गया। यह घटना सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत इलाके में सैन्य ड्यूटी पर तैनात सेना के एक काफिले से जुड़ी है जिस पर अनियंत्रित भीड़ ने पथराव किया जिससे सैन्य वाहनों को नुकसान पहुंचा।
शोपियां के गनोवपुरा गांव में पथराव कर रही भीड़ पर सैन्यकर्मी की गोलीबारी में दो नागरिक मारे गए थे। बाद में राज्य की मुख्यमंत्री ने इस घटना की जांच के आदेश दिये थे।मेजर आदित्य सहित समेत 10 गढ़वाल राइफल्स के जवानों के खिलाफ रणबीर दंड संहिता की धारा 302 और 307 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
इस बारे में प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि हमने यह बात स्पष्ट तौर पर कही है कि सेना के अधिकारियों का एक मत है जो राज्य की पीडीपी-भाजपा सरकार के बिल्कुल विपरीत है। जब दोनों तरफ के लोगों के अलग अलग मत होते हैं तो आम तौर पर परस्पर प्राथमिकता दर्ज करायी जाती है। साथ ही मामले की जांच की जानी चाहिए अन्यथा इसमें न्याय नहीं हो पाएगा।’’
उन्होंने कहा कि मेजर आदित्य और भारतीय सेना की एक निश्चित राय है और वह उसका बचाव करना चाहते हैं। यह एक सरल सा सवाल है कि उस मत की जांच क्यों नहीं करायी जानी चाहिए?
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ भाजपा की दोमुंही बात करने की पुरानी आदत है। भाजपा जम्मू कश्मीर में अलगावादियों की भाषा बोलती है और दिल्ली में आक्रामक भाषा बोलती है।’’
मेजर आदित्य के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह ने उच्चतम न्यायालय में दी गयी याचिका में कहा है कि 10 गढ़वाल राइफल्स में उनके मेजर बेटे का इस घटना की प्राथमिकी में गलत तरीके से और मनमाने ढंग से नाम दर्ज किया गया। यह घटना सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के तहत इलाके में सैन्य ड्यूटी पर तैनात सेना के एक काफिले से जुड़ी है जिस पर अनियंत्रित भीड़ ने पथराव किया जिससे सैन्य वाहनों को नुकसान पहुंचा।
शोपियां के गनोवपुरा गांव में पथराव कर रही भीड़ पर सैन्यकर्मी की गोलीबारी में दो नागरिक मारे गए थे। बाद में राज्य की मुख्यमंत्री ने इस घटना की जांच के आदेश दिये थे।मेजर आदित्य सहित समेत 10 गढ़वाल राइफल्स के जवानों के खिलाफ रणबीर दंड संहिता की धारा 302 और 307 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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