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अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाए मीडिया आईजीएनटीयू में मीडिया परिदृश्य पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार प्रारंभ स्थानीय समाचार पत्रों और कम्युनिटी रेडियो की भूमिका को बताया अहम दस राज्यों के 102 शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे

अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक बनाए मीडिया

आईजीएनटीयू में मीडिया परिदृश्य पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार प्रारंभ

स्थानीय समाचार पत्रों और कम्युनिटी रेडियो की भूमिका को बताया अहम

दस राज्यों के 102 शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे

अमरकटंक/ प्रदीप मिश्रा - 8770089979

 भारतीय जनसंचार संस्थान के डायरेक्टर जनरल के.जी. सुरेश ने कहा है कि मीडिया को आम लोगों को उनके अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक बनाने और उन्हें राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारियां निभाने के लिए जागरूकता पैदा करनी होगी। इसमें स्थानीय भाषाओं की मीडिया और कम्युनिटी रेडियो अहम भूमिका निभा सकते हैं। श्री सुरेश शुक्रवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। 21वीं सदी में मीडिया परिदृश्य-उभरते दृष्टिकोण, देशीय तथा जनजातीय सामाजिक संप्रेषण के विशेष संदर्भ सहित विषयक सेमीनार को संबोधित करते हुए सुरेश ने कहा कि भारत में सामाचार पत्रों के स्थानीयकरण से समाचार पत्रों के साथ ही आम लोगों को काफी लाभ हुआ है। उनकी चुनौतियों को अब मीडिया के माध्यम से नीति निर्धारकों तक पहुंचाया जा सकता है। यही कारण है कि दुनिया में समाचार पत्रों का बाजार कम होने के बावजूद भारत में समाचार पत्र निरंतर प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कम्युनिटी रेडियो का जिक्र करते हुए कहा कि इससे प्रमुख रूप से जनजातियों की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सकता है। फिलहाल 206 कम्युनिटी रेडियो हैं जिन्हें बढ़ाकर 4000 किया जा सकता है। इसके लिए छात्रों को आगे आना होगा। हैदराबाद विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर प्रो. बी.पी. संजय ने मीडिया में कारपोरेट के बढ़ते हस्तक्षेप का जिक्र करते हुए कहा कि इसकी वजह से मीडिया निष्पक्ष तरीके से अपने दायित्व का निवर्हन नहीं कर पा रहा है। सोशल मीडिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके समाचारों की विश्वसनीयता न होने की वजह से इसके विकास की संभावना कम है। उन्होंने विकासात्मक समाचारों को सिर्फ 1.1 प्रतिशत प्रतिनिधित्व मिलने पर चिंता व्यक्त करते हुए पब्लिक ब्रॉडकास्टर की उपयोगिता को रेखांकित किया। निदेशक (अकादमिक) प्रो. आलोक श्रोत्रिय ने जनजातियों के विकास के लिए संयुक्त रणनीति बनाने का आह्वान करते हुए इनके ज्ञान, परंपरा और बौद्धिक संपदा को संरक्षित करने पर जोर दियज्ञं इससे पूर्व डीन प्रो. मनुकोंडा रविंद्रनाथ ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह ने किया। धन्यवाद डॉ. राघवेंद्र मिश्रा ने दिया। कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. किशोर गायकवाड़, डॉ. राधेश्याम शुक्ला, डॉ. मनीषा शर्मा, डॉ. मानस प्रतिम गोस्वामी, डॉ. कृष्णामूर्ति बी.वाई., अभिलाषा एलिस टिर्के सहित बड़ी संख्या में शिक्षकों, शोधार्थियों और छात्रों ने भाग लिया। सेमीनार में 102 शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। इस अवसर पर इन सभी शोधपत्रों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी हुआ।

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