संविदा कर्मियों की हड़ताल का 26वां दिन : हाथी के पैरों से कुचला संविदा का पुतला
भोपाल/मंंदसौर। नियमितकरण की मांग को लेकर बीते 19 फरवरी से काम बंद हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल का आज 26 वां दिन है। कर्मचारी लगातार मांगे पूरी करने पर अड़े हुए है। सरकार के द्वारा बर्खास्तगी के आदेश के बावजूद प्रदेश के संविदाकर्मी सरकार के आगे झुकने को तैयार नही है।दिनों दिन उनका विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है, इसका असर हड़ताल के 25 वें दिन देखने को मिला।गुरुवार को मंदसौर में संविदाकर्मियों ने हाथी को मगरूर मप्र शासन का रूप देकर विरोध प्रदर्शन किया गया। मगरूर शासन के रूप में हाथी ने संविदा कर्मचारी के रूप में बने पुतले को पैरों से कुचला, सुंड से उठाकर कर कई बार पटका।
दरअसल, गुरुवार को 38 विभागों में विभिन्न पदों पर पदस्थ लगभग डेढ़ हजार कर्मचारी भी अब इस हड़ताल में शामिल हो गए है।कर्मचारी रोज नए नए तरीकों से सरकार का विरोध कर रहे है। कभी व्हीलचेयर पर तो कभी आधी रोटी बनाकर तो कभी थाली बजाकर। इसी कडी में गुरुवार को संविदाकर्मियों ने मगरूर शासन के रूप में हाथी ने संविदा कर्मचारी के रूप में बने पुतले को पैरों से कुचला और सुंड से उठाकर कर कई बार पटका। संविदा पुतले के हाथों में नियमितीकरण सहित अन्य मांगे थे, पुतले के साथ मांगों को भी मगरूर हाथी ने कुचल दिया।
इसके साथ ही शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने आदेश दिए है कि संविदाकर्मियों को 10 वर्ष की सेवा के बाद समान काम, समान वेतन और नियमितकरण किया जाए, लेकिन न्यायालय के आदेश क बावजूद शिवराज सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर रही है। अगर सरकार ने हमारी मांगे नही मानी तो ये आंदोलन यूं ही चलता रहेगा।
ये है मांगे
नियमितिकरण के साथ ही अप्रेजल प्रक्रिया बंद करने और पूर्व में निष्कासित संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने खाली पदों पर संविलियन करने की मांग की है।
कर्मचारियों का आरोप
कर्मचारियों का आरोप है कि संविदा कर्मचारी अधिकारी विभिन्न विभागों में करीब 15-20 साल से कार्यरत हैं और अपने नियमितीकरण एवं समान कार्य, समान वेतन की मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं। शासन द्वारा आश्वासन दिया जाकर कोई कार्रवाई आज तक नहीं की गई है। संविदा कर्मचारी अपने आप को शोषित और ठगा सा महसूस कर रहे हैं, जबकि शासन ने बगैर कोई परीक्षा दिए भर्ती किए गए संविदा गुरुजियों एवं शिक्षाकर्मियों को नियमित कर दिया है।हमारी मांग है कि सभी सविंदा कर्मचारियों को एनएचएम, अन्य परियोजनाओं, स्वास्थ्य में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, संविलियन किया जाए एवं सेवा से निष्कासित कर्मचारियों की बहाली की जाए। जब तक मांग पूरी नहीं होगी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हड़ताल से वापस नहीं आएंगे।
अल्टीमेटम का कोई असर नही
हड़ताल के चलते पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है।जिसके चलते नेशनल हेल्थ मिशन ने कर्मचारियों को शुक्रवार को अल्टीमेटम दिया था। एनएचएम द्वारा कहा गया था कि अगर 12 मार्च तक काम पर नहीं लौटे तो कर्मचारियों के अनुबंध खत्म कर सेवाएं समाप्त कर दिया जाएगा। ।इसके पहले भी एनएचएम ने कर्मचारियों को चेतावनी दी थी, लेकिन इसके बावजूद कर्मचारियों ने हड़ताल को जारी रखी। जिसका असर पूरे प्रदेश पर पड़ रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा रहा है असर
हड़ताल के कारण पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। शासकीय अस्पतालों में इन दिनों टीबी विभाग के दवा वितरण, मलेरिया विभाग, कुपोषण केंद्र, गंभीर चिकित्सा एसएनसीयू इकाई, आरसीएच शाखा, आरबीएसके , निशुल्क दवा वितरण ,टीकाकरण जैसी योजनाएं पूरी तरह ठप हो गई है। इसके साथ ही हड़ताल के चलते गुरुवार को महिला दिवस के अवसर पर शुरू होने वाले महिला स्वास्थ्य शिविर की तारीख आगे बढ़ा दी गई है। जिसके कारण प्रदेश भर में लाखों महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो सका। इसीकारण शुक्रवार को लेकर स्वास्थ विभाग और और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने कर्मचारियों को नोटिस जारी कर आंदोलनरत कर्मचारियो को 12 मार्च तक काम पर लौटने को कहा है।विभाग ने कहा है कि इमरजेंसी सेवाओं पर वापस न आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जाएंगी।लेकिन इस चेतावनी के बावजूद आज शनिवार को भी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल जारी रखी है।
गौरतलब है कि प्रदेश भर के करीब ढाई लाख संविदाकर्मी नियमितकरण को लेकर लंबे समय से सरकार से मांग कर रहे जिसका भरोसा सरकार ने 2013 के विधानसभा चुनाव मे भी दिया था पर आज तक इनकी नियमतिकरण नही हुई है लिहाजा अब अमरण अनशन पर बैठे कर्मचारीयो ने सरकार के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है।संविदाकर्मी ने साफ तौर पर सरकार को चेताया है कि कमल के फूल पर विश्वास करके गलती हुई पर आने वाले अब विधानसभा के चुनाव मे प्रदेश भर के संविदाकर्मी सरकार से लड़ने के लिए तैयार है।
कार्यक्रम की रुपरेखा-
- 16 मार्च को सम्पूर्ण मध्यप्रदेश का संविदा समाज प्रत्येक जिला में धरनास्थल पर एक दिन उपवास करेगा।
- 17 मार्च को सम्पूर्ण जिलों में धरना स्थल मंच सुबह 08 बजे से कन्या भोजन और कन्या पैर पूजन कर आन्दोलन करेगा।
- 18 मार्च को सभी जिलों में धरना स्थलों पर सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ होगा।
- 19 मार्च को सभी 51 जिलो में शहीद यात्राओँ का आयोजन होगा। जिसमें ग्वालियर में महारानी लक्ष्मी बाई अमर शहीद संविदा यात्रा मुरैना में अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल यात्रा और अलीराजपुर के भंवरा में अमर शहीद चंद्रशेखर संविदा यात्रा निकालेंगे। इसी प्रकार अन्य जिलो में वहां के स्वतन्त्रता सेनानियों के नाम पर शहीद यात्राएं निकालकर और माल्यार्पण करेंगे।
- 20 मार्च से 24 मार्च तक धऱना प्रदर्शन करने के बाद भी यदि सरकार हमारी मांगे नही मानी तो 25 मार्च को ढाई लाख संविदा कर्मी भोपाल मे अपने परिवार के साथ आकर संविदा ग्राम की रचना करेंगे और अपनी मांगो को लेकर अं
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