कलेक्टर ने की आमजन से जल संरक्षण में सहभागी बनने की अपील
रायसेन : जिले में जल संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए 15 मार्च से सात दिवसीय जल चेतना सप्ताह मनाया जा रहा है। जल चेतना सप्ताह के तहत जिले भर में प्राचीन जल स्त्रोतों के महत्व से आमजन को अवगत कराने के साथ ही इनके संरक्षण व संवर्धन का कार्य भी किया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने आमजन से अपील करते हुए कहा है कि जल संरक्षण का कार्य प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। सुखद भविष्य के लिए हम सभी को अपने-अपने स्तर पर जल संरक्षण का प्रयास करना होगा। उन्होंने सभी से जल संरक्षण अभियान से जुड़ने की अपील की है।
कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि पृथ्वी रूपी बैंक में जल, संचित निधि के रूप में है। इस बैंक से जितना जल निकाला जाए उतना ही उसमें भरा भी जाना चाहिए, तब संतुलन बना रहेगा। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध पानी के दोहन से भूजल स्तर लगातार नीचे जाता जा रहा है जो एक गंभीर चिंता का विषय है। इसका मुख्य कारण जल के प्रति हमारा असंवेदनशील होना और उसके प्रति सम्मान का अभाव है।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और संवर्धन के अनेक तरीके हैं। जिसमें पानी की गति को कम करना ताकि अधिक से अधिक पानी भूमि के अंदर जा सके। दूसरा छोटी-छोटी जल संरचनाओं का निर्माण करना। यह कोई बड़ी धनराशि खर्च करने वाले या लागत वाले कार्य नहीं है। हर व्यक्ति अपने-अपने स्तर पर जल संरक्षण के लिए कुछ न कुछ अवश्य कर सकता है। उन्होंने कहा कि नदियों के पुर्नजीवन के लिए उनके पास खेतों में छोटे-छोटे बंधान बनाने मात्र से ही नदी के जल स्तर में वृद्धि होती है और नदी का स्त्रोत सतत् प्रवाहित रहता है। उन्होंने कहा कि एक ओर सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, जल स्त्रोतों को स्वच्छ बनाए रखना। किसी भी तरह की गंदगी उनमें नहीं जाने देना। अशुद्ध जल मानव जीवन के लिए नुकसान दायक है।
कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने बताया कि जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में प्राचीन जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिए एक मुहिम चलाई जा रही है। जिसमें प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों सहित स्थानीय जनमानस व जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जा रहा है। जल संरक्षण के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले ग्रामीणों से 22 मार्च विश्व जल दिवस पर उनके अनुभव सुने जाएंगे साथ ही ऐसे लोगों का प्रशासन द्वारा सम्मान भी किया जाएगा।
व्हाट्सएप्प पर दे सकते हैं सुझाव
जल चेतना से जुड़ने के लिए व्हाट्सएप्प नंबर 7089792100 पर आम जन के सुझाव आमंत्रित किये जाएंगे। इसमे जिले के किसी भी अंचल से कोई भी व्यक्ति जल संकट, संरक्षण व संवर्धन से जुड़ी जानकारी दे सकते हैं। इस पर आने वाले विचारों व कार्यो को सम्बंधित कमेटी द्वारा अवलोकन पश्चात विश्व जल दिवस पर होने वाले आयोजन में वक्तव्य के लिए चयनित भी किया जाएगा। इसके अलावा लोगों को रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के लाभ बताये जाएंगे साथ ही जल संरक्षण से जुड़ी डाक्यूमेंट्री फिल्में ग्रामीणों को दिखाई जाएंगी।
कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि पृथ्वी रूपी बैंक में जल, संचित निधि के रूप में है। इस बैंक से जितना जल निकाला जाए उतना ही उसमें भरा भी जाना चाहिए, तब संतुलन बना रहेगा। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध पानी के दोहन से भूजल स्तर लगातार नीचे जाता जा रहा है जो एक गंभीर चिंता का विषय है। इसका मुख्य कारण जल के प्रति हमारा असंवेदनशील होना और उसके प्रति सम्मान का अभाव है।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और संवर्धन के अनेक तरीके हैं। जिसमें पानी की गति को कम करना ताकि अधिक से अधिक पानी भूमि के अंदर जा सके। दूसरा छोटी-छोटी जल संरचनाओं का निर्माण करना। यह कोई बड़ी धनराशि खर्च करने वाले या लागत वाले कार्य नहीं है। हर व्यक्ति अपने-अपने स्तर पर जल संरक्षण के लिए कुछ न कुछ अवश्य कर सकता है। उन्होंने कहा कि नदियों के पुर्नजीवन के लिए उनके पास खेतों में छोटे-छोटे बंधान बनाने मात्र से ही नदी के जल स्तर में वृद्धि होती है और नदी का स्त्रोत सतत् प्रवाहित रहता है। उन्होंने कहा कि एक ओर सबसे महत्वपूर्ण कार्य है, जल स्त्रोतों को स्वच्छ बनाए रखना। किसी भी तरह की गंदगी उनमें नहीं जाने देना। अशुद्ध जल मानव जीवन के लिए नुकसान दायक है।
कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने बताया कि जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में प्राचीन जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिए एक मुहिम चलाई जा रही है। जिसमें प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों सहित स्थानीय जनमानस व जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जा रहा है। जल संरक्षण के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य करने वाले ग्रामीणों से 22 मार्च विश्व जल दिवस पर उनके अनुभव सुने जाएंगे साथ ही ऐसे लोगों का प्रशासन द्वारा सम्मान भी किया जाएगा।
व्हाट्सएप्प पर दे सकते हैं सुझाव
जल चेतना से जुड़ने के लिए व्हाट्सएप्प नंबर 7089792100 पर आम जन के सुझाव आमंत्रित किये जाएंगे। इसमे जिले के किसी भी अंचल से कोई भी व्यक्ति जल संकट, संरक्षण व संवर्धन से जुड़ी जानकारी दे सकते हैं। इस पर आने वाले विचारों व कार्यो को सम्बंधित कमेटी द्वारा अवलोकन पश्चात विश्व जल दिवस पर होने वाले आयोजन में वक्तव्य के लिए चयनित भी किया जाएगा। इसके अलावा लोगों को रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के लाभ बताये जाएंगे साथ ही जल संरक्षण से जुड़ी डाक्यूमेंट्री फिल्में ग्रामीणों को दिखाई जाएंगी।
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