सपाक्स, सपाक्स समाज एवं सपाक्स युवा संगठन के द्वारा कई विधायकों को सौपा गया ज्ञापन
भोपाल : आज दिनांक 12 मई 2018 को सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी/ कर्मचारी संस्था (सपाक्स) एवं सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग कल्याण समाज संस्था (सपाक्स समाज) द्वारा पूरे प्रदेश में स्थानीय विधायकों तथा सांसदगणों को ज्ञापन देकर म.प्र. शासन द्वारा निरंतर किये जा रहे भेदभाव तथा तुष्टीकरण की नीतियों का विरोध दर्ज कराया गया.
ज्ञातव्य है कि विगत 2 वर्ष पूर्व माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने "पदोन्नति में आरक्षण" प्रकरण में म.प्र. शासन के पदोन्नति नियमों को असंवैधानिक पाते खारिज कर दिया था. एक वर्ग विशेष के तुष्टीकरण के लिये अपने नियमों के बचाव में उक्त निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय गई थी तथा आज ही के दिन मान न्यायालयणे यथास्थिति के अंतरिम आदेश पारित किये थे. तब से सरकार लगातार मात्र और मात्र यह प्रयास करती रही कि किसी भी स्थिति में इस प्रकरण में चुनाव तक फैसले को रोका जावे. मात्र इस हेतु ही सरकार ने करोड़ों रुपये व्यय किये. जबकि यह विदित है कि अंतिम निर्णय सरकार के विरुद्ध ही होना है. उ.प्र., राजस्थान और कर्नाटक में मान सर्वोच्च न्यायालय पूर्व में ही ऐसे निर्णय दे चुका है.
आज संस्थाओं के प्रतिनिधिमंडल, जिसमें लगभग 100 अधिकारी एवं कर्मचारी, समाज व युवा सम्मिलित रहे, द्वारा माननीय विश्वास सारंग जी राज्य मंत्री एवं विधायक नरेला विधानसभा भोपाल को ज्ञापन सौंपा गया. माननीय मंत्री जी द्वारा समस्त प्रतिनिधिमंडल को पर्याप्त समय देते हुए समस्त बातें ध्यान पूर्वक सुना गया तथा राज्य सरकार के समक्ष निर्णय हेतु पक्ष रखने का आश्वासन दिया गया. तत्पश्चात प्रतिनिधिमंडल माननीय विधायक श्री रामेश्वर शर्मा विधानसभा हुजूर से मिला. यह दुखद है कि मान विधायक महोदय द्वारा न तो कोई बात सुनी गई न ही किसी प्रकार की चर्चा की गई. यह स्वतः स्पष्ट है कि उन्हें बहुसंख्यक वर्ग के साथ हो रहे अन्याय से कितनी सहानुभूति है?
प्रतिनिधिमंडल मान मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता एवं माननीय विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह भोपाल मध्य विधानसभा को ज्ञापन देने हेतु उनके निवास स्थान पर भी पहुंचा किंतु दोनों ही माननीय विधायकों के स्थानीय प्रवास पर होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो सकी.
विगत 2 वर्षों से सपाक्स एवं सपाक्स समाज संस्था "पदोन्नति में आरक्षण", एट्रोसिटी एक्ट में सुधार, आरक्षित वर्ग में क्रीमी लेयर, सपाक्स वर्ग के युवाओं के साथ समानता का व्यवहार इत्यादि मुद्दों पर संघर्ष कर रहीं है.
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