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BHOPAL NEWS : सपाक्स की मान्यता की फाइल मंत्रालय से गायब, सपाक्स के संस्थापकों ने लगाया आरोप



भोपाल : प्रदेश में ताकतवर संस्था के रूप में पहचान बना चुकी सपाक्स संथा  के बारे में यह जानकारी चौंकाने वाली है कि राज्य सरकार द्वारा उसे अभी तक मान्यता प्रदान नहीं की गई है। और तो और, सामान्य पिछड़ा और अल्पसंख्यक अधिकारियों कर्मचारियों की संस्था सपाक्स को मान्यता प्रदान करने वाली फाइल मंत्रालय से गायब बताई जा रही है।

बताया गया है कि मंत्रालय में सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थ विशेष वर्ग के एक प्रभावशाली अधिकारी की उक्त फाइल को गायब करवाने में मुख्य भूमिका रही है। संस्था के पदाधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उनकी संस्था का पंजीयन बड़ी मशक्कत के बाद संभव हो पाया था।

संस्था के रूप में पंजीयन का जब आवेदन  किया गया था उस के पहले भी उक्त फ़ाइल को डील करने वाले अधिकारी जो वर्ग विशेष से आते हैं , ने सपाक्स नाम को ख़ारिज कर दिया था। सपाक्स के संस्थापकों द्वारा तब जम कर विरोध हुआ और कहा गया कि जब अजाक्स हो सकता है तो सपाक्स नाम क्यों नही ?  काफी विरोध और दबाव के बाद सपाक्स नाम संस्था को मिल पाया। संस्था के पदाधिकारियों का दावा है कि प्रदेश के सभी जिलों में उनकी संस्था सक्रिय रूप कार्यरत है और सबसे ज्यादा सक्रिय सदस्य सपाक्स संस्था से जुड़े हैं । 

बताया गया है कि जब सपाक्स संस्था सरकार की मान्यता के लिए गई तो मंत्रालय में पदस्थ वर्ग विशेष के प्रभावशाली अधिकारी, जो सीएम के भी नजदीक बताए जाते है, ने सपाक्स की मान्यता की फ़ाइल रोक ली। इसी बीच वे  रिटायर हो गए और जैसा कि वे सरकार के चहेते है तो उन्हें संविदा भर्ती के रूप में फिर से काबिज कर दिया गया । कहा जा रहा है कि अब तो वे खुल कर सपाक्स के विरुद्ध काम कर सकते लगे क्यों कि  सरकार का पूर्ण समर्थन उनके साथ था और है। जैसे तैसे सपाक्स के तीव्र विरोध को देखते हुए संस्था के पदाधिकारी  सामान्य प्रशासन राज्य  मंत्री लाल सिंह आर्य तक सपाक्स की मान्यता की फ़ाइल पहुंचाने में कामयाब रहे ।फ़ाइल उनके अनुमोदन के बाद  फिर से मंत्रालय आई, लेकिन वर्तमान स्थिति में फाइल के कहीं अते पते नहीं है।

सपाक्स संस्था के पदाधिकारियों का आरोप है कि आखिर सरकार हमारी संस्था को संवैधानिक रूप से मान्यता  आखिर क्यों नही देना चाहती? क्या ये सपाक्स वर्ग के लोगो के अधिकारो का हनन नही है।  कब तक सरकार और बीजेपी केवल अनुसूचित वर्गों के अधिकारी और कर्मचारी के बल पर हमारा और हमारे अधिकारो का दोहन करते रहेंगे। संस्था का मानना है कि मान्यता नहीं देकर सरकार प्रदेश के 64% से अधिक लोगो के हितों का हनन कर रही है। सपाक्स ने प्रश्न किया है कि क्या कोई भी सरकार  सपाक्स समाज के सहयोग  के बिना प्रदेश और देश को सही दिशा में विकास कर सकती है ? संस्था का कहना है कि अब समय आ गया हैं जब द्वेष भाव से काम करने वाले हर नेता, अधिकारी - कर्मचारी व्यक्ति का सपाक्स वर्ग के लोग खुल कर विरोध करेंगे और अपना हक ले कर रहेंगे।

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