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SC/ST एक्ट का मध्यप्रदेश में चौतरफा विरोध, मुख्यमंत्री शिवराज सहित अन्य राजनैतिक दलों के नेताओं को झेलना पड़ा जबरजस्त विरोध



भोपाल :  भोपाल : केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने के लिए एससी-एसटी ऐक्ट में किए गए संशोधन का विरोध अब बढ़ता जा रहा है। समाज का एक बड़ा वर्ग इस संशोधन का विरोध कर रहा है। शनिवार को इस विरोध की आंच मोदी और शिवराज सिंह चौहान के मंत्रियों को भी महसूस हुई। बता दें कि सवर्ण समाज 4 सितंबर को ग्वालियर में बड़ी रैली भी कर रहा है। दूसरी ओर सपाक्स समाज सम्मेलनों में भारी संख्या में उपस्थिति कांग्रेस और भाजपा नेताओं के लिए चिंताएं बढ़ा रही है। सपाक्स समाज के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी इन दिनों  मध्यप्रदेश के जिलों का लगातार तूफानी दौरा कर रहे हैं। जिस तरह त्रिवेदी के कार्यक्रमों में भीड़ एकत्रित हो रही है वो राजनीतिक दलों के लिए चर्चा और चिंता का विषय बन गए हैं ।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में सवर्ण कर्मचारियों का संगठन 'सपाक्स' केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है। यही नहीं सपाक्स ने पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगाई है। यहां यह भी बताना उचित होगा कि मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों ने जातीय आधार पर अपने संगठन बना रखे हैं, इन्हें सरकार ने मान्यता भी दी है और आईएएस अफसर भी इन संगठनों से जुड़े हैं।

केंद्र सरकार द्वारा नए प्रावधानों के साथ लागू एससीएसटी एक्ट का मध्यप्रदेश में चौतरफा विरोध हो रहा है। विरोध की चपेट में मुख्यमंत्री शिवराज, मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, प्रदेश के कई मंत्री ,सांसद और विधायक आ चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज को सीधी जिले के मझौली में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान विरोध झेलना पड़ा, उधर विदिशा जिले की गंजबासौदा में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ को काले झंडे दिखाए गए। ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर के बाहर भारी प्रदर्शन किया गया तो सागर में भाजपा कार्यालय के बाहर जहां प्रदेशाध्यक्ष अंदर बैठक ले रहे थे बाहर सपाक्स के लोगों ने भारी हंगामा किया।


ग्वालियर में ही मंत्री माया सिंह, विदिशा में केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर, भिंड में सांसद भागीरथ प्रसाद, मुरैना में मंत्री रुस्तम सिंह, अशोक नगर में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया,गुना में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत सहित कई स्थानों पर स्थानीय विधायकों और सांसदों को काले झंडे दिखाए गए और उनका घेराव किया गया और उनसे सवाल पूछा गया कि जब यह कानून संसद में पास हो रहा था तब आपने सामान्य वर्ग के लोगों का ध्यान क्यों नहीं रखा। भारी विरोध के चलते अब नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

भिंड से बीजेपी सांसद भगीरथ प्रसाद को भी अपने क्षेत्र में लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। हालत यह बनी कि संसद एसपी को लेकर पोस्ट ऑफिस के कार्यक्रम स्थल पर पंहुचे। मुरैना में शिवराज के मंत्री रुस्तम सिंह को काले झंडे दिखाए गया। लोगों ने उनका रास्ता रोका, काले झंडे दिखाए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाकर मंत्री को निकाला।

सपाक्स के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी का मानना है कि जिस तरह एट्रोसिटी एक्ट का दुरुपयोग किया जा रहा है उसका हम विरोध लगातार करते आ रहे हैं . उन्होंने कहा कि 6 सितंबर को प्रस्तावित बंद का सपाक्स नैतिक समर्थन करेगा। उन्होंने बताया कि इस एक्ट के लागू होते ही भिंड में पिछडे वर्ग की  एक महिला और जावरा में एक दुकानदार को  झूठे प्रकरण में फंसाया जा रहा है।






2 comments

Unknown said...

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Unknown said...

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