दस्तक अभियान का द्वितीय चरण 17 दिसम्बर 2018 से 31 जनवरी 2019 तक बच्चों में कुपोषण, डायरिया, निमोनिया रोकने हेतु ए.एन.एम./एल.एच.व्ही. का प्रशिक्षण सम्पन्न
दस्तक अभियान का द्वितीय चरण 17 दिसम्बर 2018 से 31 जनवरी 2019 तक
बच्चों में कुपोषण, डायरिया, निमोनिया रोकने हेतु
ए.एन.एम./एल.एच.व्ही. का प्रशिक्षण सम्पन्न
अनूपपुर / प्रदीप मिश्रा -8770089979
जिले में स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग द्वारा 17 दिसम्बर 2018 से 31 जनवरी 2019 तक दस्तक अभियान चलाया जायेगा। दस्तक अभियान की सफलता हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले की चारों विकासखण्डों की 250 एएनएम/एलएचव्ही का प्रशिक्षण आयोजित किया गया है।
अभियान के अंतर्गत की जानेवाली गतिविधियों के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. एस.बी. चैधरी, युनिसेफ के संभागीय समन्वयक श्री दीपक पांडेय, जिला आई.ई.सी. सलाहकार मो.साजिद खान एवं जिला समन्वयक यूनीसेफ श्री याघवेन्द्र द्वारा जानकारी प्रदान की गई। दस्तक अभियान के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आर.पी. श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान में आशा, आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं एएनएम संयुक्त रूप से घर-घर जा कर 05 वर्ष से कम आयु के बच्चों की जानकारी प्राप्त कर विभिन्न प्रकार की बीमारियों की पहचान एवं उपचार कार्य करेंगी। उन्होंने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गंभीरता से काम करने के निर्देश दिये। महिला बाल विकास विभाग स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वित कार्ययोजना तैयार कर कुपोषण बच्चों का चिन्हाकन कर उनके उचित इलाज की व्यवस्था करेगा, साथ ही माॅ कार्यक्रम के अंतर्गत स्तनपान के चार संदेशों की भी जानकारी प्रदान की जायेगी। जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. एसबी चैधरी ने बताया कि दस्तक अभियान के अंतर्गत 05 वर्ष से कम उम्र के गम्भीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान रेफरल एवं प्रबंधन, 06 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों में गम्भीर एनीमिया की पहचान कर उनका प्रबंधन, 02 माह से 05 वर्ष तक के समस्त बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण पिलाई जायेगी। 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त रोग के नियंत्रण के लिए ओ.आर.एस. की उपयोगिता के लिए सामुदायिक जागरूकता बढाने के लिए आशा एवं आॅगनबाडी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट कर ओ.आर.एस पहुचाना और उनके बनाने की विधि को प्रदर्शन करना। माता पिता एवं परिजनों को शिशु एवं बाल आहार संबंधी समझाइस देना। एस.एन.सी.यू. एवं एन.आर.सी. में भर्ती बच्चों को छुटटी के पश्चात उनका फालोअप करना। बच्चों में दिखाई देने वाले जन्मजात गतिविधियों की पहचान करना। श्री राजेश मरावी एम.एण्ड ई. अधिकारी ने बताया कि शिशु मृत्यु दर कम करने के लिये चलाये जा रहे इस अभियान के अंतर्गत जिले के लगभग अस्सी हजार बच्चों को स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जावेंगी। दस्तक अभियान की सफलता हेतु आई.ई.सी. सलाहकार मो. साजिद खान ने व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु हाॅट बाजारों में माईकिंग, ग्राम स्तर पर दीवार लेखन एवं पंचायत विभाग के सहयोग से ग्राम में रैली एवं डुग-डुगी के माध्यम से जनजागरूकता किया जावेगा।
समा.क्र./69/मिश्रा
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