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आज भी लालटेन युग में जी रहे बबंधर गांव के कुछ रहवासी । Rewa News




राहुल तिवारी एमपी ऑनलाइन न्यूज़ संवाददाता
रीवा /जवा : आजादी के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी जवा विकासखंड के ग्राम  पंचायत गौहाना के बबंधर गांव के कुछ घरो में बिजली नहीं पहुंची है। बिजली के रूप में यहां के लोग सिर्फ सूरज की ही रोशनी देखी है। बिजली नहीं होने के कारण यहां के रहवासी विकास से कोसों दूर हैं। आधुनिक सुविधाएं यहां हैं ही नहीं। मध्यप्रदेश राज्य को विद्युत सप्लाई राज्य का दर्जा दिया गया है, इसके बावजूद सुदूर अंचलों में आज भी लालटेन व दीये की रोशनी में लोग रात गुजारने को मजबूर हैं। बिजली को तरसता ऐसा ही एक गांव बबंधर का एक मोहल्ला भी है। बिजली नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है। रात के समय उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। बारिश के दिनों में रात के समय जहरीले जीव-जंतुओं का भी डर बना रहता है। यहां के लोग बिजली की बाट जोहते-जोहते थक चुके हैं। कृषि का क्षेत्र होने के साथ सरकार के द्वारा यहां के खेतों में तो बिजली पहुंचा दी गई पर सरकार इन घरों में बिजली पहुंचाना भूल गई, जब भी नई सरकार बनी, यहां के रहवासियों को उम्मीदें बंधी की शायद अब उनके घर तक बिजली पहुंच जाए, लेकिन हर बार उन्हें उपेक्षा ही मिली।

आधुनिकता से कोसों दूर
आज के आधुनिक युग में बिजली की उपयोगिता के बिना आधुनिकीकरण का सपना साकार नहीं हो सकता। आज लोग टेलीविजन और इंटरनेट के माध्यम से आधुनिक हो गए हैं। ऐसे में बिजली के अभाव में इस मोहल्ले के  लोग आधुनिकता से आज भी कोसों दूर हैं। कई लोगों ने टीवी तक नहीं देखा इस टोला में ऐसे कई वृद्ध और बच्चे हैं जिन्होंने आज तक टेलीविजन को देखा तक नहीं है। संचार सुविधाओं की कमी के चलते यहां के लोग आधुनिक दुनिया से दूर होने के साथ ही उससे परीचित भी नहीं हैं। यहां के रहवासियों की जिंदगी में सुविधाएं जैसी कोई चीज नहीं है।


कई बार लगा चुके हैं गुहार
ग्राम के राहुल तिवारी,राजेश तिवारी का  कहना है कि उनके द्वारा कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से बिजली की समस्या से अवगत कराया गया। बावजूद इसके आज तक यहां बिजली नहीं पहुंची।


छला महसूस कर रहे ये लोग
चुनाव आते ही प्रत्याशियों द्वारा ग्रामीणों को बिजली मुहैया कराने का आश्वासन देकर वोट बटोरने की होड़ लग जाती है। उन्हें बिजली का सपना दिखाया जाता है। लेकिन चुनाव जीतते ही मुद्दा ठंडे बस्ते में चला जाता है। ऐसा शुरू से होता रहा है। इसके यहां के ग्रामीण स्वयं को छला हुआ महसूस करते हैं। युवा नेता तरुणेंद्र द्विवेदी का कहना है कि यहां बीपीएल, परिवार होने के बावजूद सरकार की विद्युतीकरण योजना का लाभ अभी तक नहीं मिला है। सरकार की बिजली को लेकर सभी योजनाएं यहां कागजी ही साबित हुई हैं।

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