स्तनपान जीवन का आधार‘‘ स्तनपान सप्ताह के अन्तर्गत माताओं को बताया गया मां के दूध की महत्ता
स्तनपान जीवन का आधार‘‘ स्तनपान सप्ताह के अन्तर्गत माताओं को बताया गया मां के दूध की महत्ता
अनूपपुर: /प्रदीप मिश्रा - 8770089979
स्वास्थ्य विभाग अनूपपुर द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.बी.डी.सोनवानी के मार्गदर्शन में विकासखण्ड-अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, पुष्पराजगढ़ एवं जिला चिकित्साल अनूपपुर में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इन कार्यशाला में स्तनपान एवं शिशु स्वास्थ्य के संबंध में प्रदर्शन कर स्तनपान के महत्व को बताया गया। जिला चिकित्सालय अनूपपुर के एन.आर.सी. भवन में स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत माताओं की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डाॅ. एस.आर.परस्ते, एम.ओ.डाॅ. घनीराम सिंह श्याम आई.ई.सी. सलाहकार मो. साजिद खान, एवं पोषण सलाहकार श्रीमती आरती सिंह ने उपस्थित माताओं को स्तनपान से होने वाले लाभ व हानि के बारे में बताया। एएनएमटीसी की छात्राओं ने गीत, कविता एवं प्रदर्शन के माध्यम से बताया कि माताओं को स्तनपान कराने से स्वमेव परिवार नियोजित होता है। स्तनपान से न सिर्फ नवजात शिशु को फायदा होता है बल्की उससे स्तनपान कराने वाली माॅ को भी लाभ होता है। स्तनपान से गर्भवस्था के दौरान बढ़ा हुआ वजन कम होता है। उन्होंने अपील में कहा कि, स्तनपान को बढ़ावा देते हुए प्रदेश के शिशुओं की प्राण रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान निभाए। नवजात शिशु को सर्वप्रथम गाढा पीला दूध अवश्य पिलाना चाहिए उसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है तथा बच्चा हष्ट-पुष्ट होता है। डाॅ. एस.बी. चैधरी ने स्तनपान से होने वाले फायदों को बतलाया एवं कहा कि छः माह तक सिर्फ मां का दूध ही नवजात शिशु को देना चाहिए उसके पश्चात ही पूरक आहार देना शुरू करना चाहिए। स्तनपान से माॅं को पूर्ण संतुष्टि होती है एवं बच्चों से लगाव पैदा होता है। स्तनपान बच्चे का प्रथम टीकाकरण है। स्तनपान सप्ताह के अन्तर्गत स्तनपान के संबंध में जिले के चारो विकासखण्ड़ अनूपपुर, जैतहरी, कोतमा, पुष्पराजगढ़ में आयोजित कार्यशाला में माॅ की दूध की महत्ता को बताते हुए सही जानकारी सहायक वातावरण और आत्मविश्वास ऐसे तत्व हैं जो एक माॅ को सफलतापूर्वक स्तनपान कराने में सहायक होते हैं। निचले स्तर तक स्तनपान के प्रचार-प्रसार की बात कही। नवजात शिशु को स्तनपान से एलर्जी, दस्त, सांस की तकलीफ, दमा जैसी बीमारी से निजात मिलती है साथ ही स्तन केंसर से बचाव होता है। बच्चे के जन्म के बाद शीघ्र स्तनपान कराने से कई बीमारियों से निजात मिलती है। उपस्थित महिलाओं को माॅ के दूध के बारे में विस्तृत जानकारी दी, सही जानकारी सहायक वातावरण और आत्मविश्वास ऐसे तत्व हैं जो एक माॅ को सफलतापूर्वक स्तनपान कराने में सहायक होते हैं। माॅ का पहला दूध बच्चे के लिए अमृत है। दूध में बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता होती है। माॅ का दूध देने से दूध जल्दी उतरता है। उपस्थित माताओं, पोषण पुनर्वास केन्द्र से संबंधित कार्यकर्ता को सुझाव दिया की वो स्तनपान की जानकारी गाॅव-गाॅव तक पहुॅचाए व होने वाले फायदों से माताओं एवं बहनों को समझाएॅं। इन कार्यशालाओं में ए.एन.एम., आशा कार्यकर्ता एवं काफी संख्या में मातायें उपस्थित रहें। कार्यक्रम के अन्त में सभी को स्तनपान संबंधी पम्पलेट की प्रतियाॅ बाटी गई।
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