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कृषि विभाग के प्रयासों से संकर धान का रकबा बढ़ा विकासखंड जैतहरी के लगभग 2500 किसानो ने 1500 हेक्टेयर रकबे में लगायी उन्नत संकर धान

कृषि विभाग के प्रयासों से संकर धान का रकबा बढ़ा

विकासखंड जैतहरी के लगभग 2500 किसानो ने 1500 हेक्टेयर रकबे में लगायी उन्नत संकर धान

अनूपपुर  / प्रदीप मिश्रा - 8770089979

कृषि को लाभ का धंधा बनाने एवं युवा ऊर्जा को इस व्यवसाय हेतु आकृष्ट करने हेतु शासन द्वारा सतत रूप से प्रयास किए जा रहे हैं। जहां एक ओर कृषि से वर्तमान में जुड़े हुए लोगों को आधुनिक तकनीकी अपनाने एवं उचित पोषक तत्वों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ इन प्रयासों के परिणामों से युवा शक्ति इस क्षेत्र में आगे आकर सहभागिता निभाने हेतु प्रेरित हो रही है। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन एवं उप संचालक कृषि एनडी गुप्ता के नेतृत्व में विभाग का मैदानी अमला कृषकों को प्रेरित करने हेतु सतत रूप से प्रयास कर रहा है। इसी का नतीजा है कि वर्तमान खरीफ फसल में जैतहरी विकासखंड के लगभग 2500 कृषकों ने धान उत्पादन की उन्नत तकनीकी का प्रयोग एवं उन्नत किस्म की संकर धान का रोपण किया है। क्षेत्रीय कृषि विस्तार अधिकारी एसके मिश्रा ने बताया कि विभाग के सहयोग एवं प्रयासों से जैतहरी विकासखंड के लगभग 140 जागरूक किसानो द्वारा संकर धान पौध की नर्सरी तैयार की गयी जिससे तैयार पौध से लगभग 2500 किसान लाभान्वित हुए एवं जैतहरी विकासखंड के लगभग 1500 हेक्टेयर रकबे में इस वर्ष संकर धान का रोपण किया गया है। उप संचालक कृषि एनडी गुप्ता का कहना है कि संकर धान एवं श्री पद्धति से धान की खेती पर उत्पादन में 2 से ढाई गुना की वृद्धि हो सकती है। आपने बताया उक्त प्रयासों के फलस्वरूप क्षेत्र की औसत उत्पादकता में 10 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की वृद्धि की आशा है। उक्त प्रयास और परिणाम अन्य कृषकों को भी प्रेरित करेंगे और अधिक से अधिक संख्या में कृषक उक्त आधुनिक एवं वैज्ञानिक तकनीकी का प्रयोग करेंगे जिससे उत्पादन में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी। कृषि प्रधान क्षेत्र होने के नाते कृषि आज भी क्षेत्र की आजीविका का मुख्य साधन है, जिला प्रशासन द्वारा उक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए शासन की मंशानुसार उन्नत कृषि तरीकों को अपनाने हेतु जागरूकता अभियान चलाए गए एवं प्रगतिशील कृषकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एवं समय समय पर तकनीकी सलाह से एक विकसित कृषि मॉडल समस्त कृषकों के समक्ष रखा गया ताकि अन्य किसान भाई भी इन सफलताओं से प्रेरित हों एवं उन्नत तकनीकी का प्रयोग कर अधिक से अधिक संख्या में लाभान्वित हो सकें।

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