रोड न होने पर 250 ग्रामीणों ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु। Satna News
सतना : सतना जिले के रामनगर तहसील स्थित करौंदी कोलहाई खारा बड़ा इटमा जजनगरा ग्राम के ग्रामीणों ने आवागमन के लिए रास्ता नही होने से व्यथित होकर ट्विटर एवं राष्ट्रपति कार्यालय के पोर्टल में आवेदन कर सामुहिक इच्छा मृत्यु की मांग की है। बता दे दो दिन पूर्व में करौंदी निवासी राजभान विश्वकर्मा ने दो माह से ट्रांसफार्मर जला होने साथ ही आवागमन की रास्ता नही होने पर राष्ट्रपति कार्यालय में आवेदन कर इच्छा मृत्यु की मांग की थी, मांग कर रहे ग्रामीणों की अगुआई करने वाले सुभाष पाण्डेय ने बताया हम सभी ग्रामीणों द्वारा अनेकों बार आवेदन ज्ञापन के माध्यम से रोड की मांग की गई लेकिन शासन-प्रशासन से झूठे आश्वासन के अलावा कुछ नही मिला है। हमे रोड के आड़ में जनप्रतिनिधियों के द्वारा ठगा जा रहा है। हमारी उम्मीदें अब शासन प्रशासन से टूट चुकी है। मात्र 9 डिसमिल जमीन का अधिग्रहण नही होने की बजह से हम सभी सुविधाओं से बंचित हैं। घुट-घुट के मरने से अच्छा है, हम अपने प्राण त्याग दें, एक ही दिन का कष्ट होगा। जिस तरह की कार्य प्रणाली शासन की है वैसे में कोई आशार नही दिख रहे हैं। शासन की पूरी मंशा समझ में आ रही है, इसलिए महामहिम राष्ट्रपति जी हमें अनुमति दें।
प्रभावित 90 फीसदी लोग बाणसागर विस्थापित
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बाणसागर बांध निर्माण के दौरान हमे पहले ही बनी बनाई गृहस्ती से अलग किया गया लेकिन हम सभी लोग यहां जैसे तैसे मेहनत मजदूरी करके जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मूलभूत सुविधाओं से आज तक बंचित हैं। बांध निर्माण के दौरान हमे बलिदान की भेंट तो चढ़ाया गया लेकिन मूलभूत सुविधाओं से बंचित आज के दौर में रखे हैं। गांव में प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था की गयी लेकिन हायर सेकंडरी के लिए गांव से बाहर बच्चों को पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है। राशन दुकान, बृद्धा पेंशन के लिए खेतो के मेड़ो से अन्य गांव जाना पड़ता है, जिससे आवागमन में असुविधा होती है। हमें आज तक भूमि स्वामी होने का पट्टा नही दिया गया, जैसे -तैसे हम सब अपना गुजर बसर कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी नही खुली रोड
बता दे पिछले वर्षों में जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान प्रदेश के मुखिया सहित मंत्री, प्रशासनिक अधिकारियों के मौजूदगी में सुभाष पाण्डेय के अगुआई में पांच सैकड़ा ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया था, और अपनी सभी समास्याओं से अवगत कराया गया था। जिसपर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा एक माह में रोड खुलवाने का आश्वासन दिया गया था। इसके बाद अभी तक महज आश्वासन में ही ग्रामीणों का गुजर बसर हो रहा है। बिगत सप्ताह पूर्व रोड नही होने की बजह से रामभान के पिता की मृत्यु सही समय में उपचार नहीं हो पाने से हो गई है।
किसानों ने मवेशियों के चारागाह की समास्या बताई
ग्रामों में चारागाह की भूमि के आभाव होने की बजह से एक मात्र करौंदी का जंगल पहाड़ था जहाँ पुस्तैनी से बड़ा इटमा खारा के पशु गौवंश आते-जाते रहे, लेकिन 25 वर्ष पूर्व आम रास्ता बंद हो जाने से आस-पास के गांव में आवारा पशुओं की संख्या बढ़ रही है। जिससे किसानों की खेती चौपट हो रही है। अगर रास्ता पुन: चालू हो जाता है तो चरनोई इफरात मात्रा में हो जाएगी, जिसमें हम किसानों को खेती में सुविधा होगी। आवारा पशुओं की बजह से किसान परिवार अपना प्रमुख व्यवसाय खेती छोड़ मजदूरी करने पर बिबस हो गए हैं। भूतपूर्व सरपंच राकेश पाण्डेय के कार्यकाल में रोड का मुरमीकरन हुआ था साथ ही राजस्व के नक्शे में लाल श्याही दे रोड को अंकित किया गया था, साथ ही आने बाले कार्यकालों के दौरान कुछ भूमियों का अत्यजन की कायार्वाही की गई थी। मात्र 9 डिसमिल में अत्यजन की कायार्वाही न होने की बजह से रास्ता अवरुद्ध हो गया है।
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