राज्यसभा के लिए अखिलेश दे रहे थे 100 करोड़ः माया
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने पार्टी छोड़ चुके दलित नेता अखिलेश दास पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने उन्हें राज्यसभा भेजने के लिए 100 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी। मायावती ने कहा कि राज्यसभा का दोबारा सदस्य बनाए जाने के इच्छुक अखिलेश दास ने उनसे दिल्ली में बात की थी और कहा था कि वह जितना चाहें धन ले लें।
बीएसपी सुप्रीमो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर पार्टी की ओर से दो दलित नेताओं के नाम का भी ऐलान किया। मायावती के अनुसार, 'मैंने अखिलेश दास से कहा कि 200 करोड़ रुपये देने पर भी राज्यसभा के लिए दोबारा प्रत्याशी नहीं बनाऊंगी।' उन्होंने कटाक्ष किया, 'अखिदेश दास का दुख हम समझ सकते हैं। हमें किसी एक व्यक्ति का आर्थिक सहयोग नहीं चाहिए। बीएसपी धन्नासेठों की पार्टी नहीं है। हमने गरीब और मजलूमों के थोड़े-थोड़े धन से आंदोलन को आगे बढ़ाया है।' मायावती ने कहा कि पार्टी केवल उसी व्यक्ति को टिकट देगी, जो बीएसपी के आंदोलन को आगे बढ़ाए, जमीन से जुड़ा हो और जिसमें बीएसपी के पक्ष में जनाधार लाने की क्षमता हो।
अखिलेश दास के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर मायावती ने कहा, 'अखिलेश दास पहले कांग्रेस में थे। उन्होंने कांग्रेस क्यों छोडी, यह भी आप जानते हैं। जब वह हमारी पार्टी में शामिल हुए तो कांग्रेस पर उन्होंने आरोप लगाए थे, खास तौर पर राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए थे।' मायावती ने कहा कि बीएसपी में शामिल होने के बाद अखिलेश दास ने कहा था कि उन पर भरोसा किया जाए तो वह पूरा वैश्य समाज बीएसपी के साथ जोडेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वैश्य समाज के लोगों को बीएसपी के साथ लाने के लिए उनके हाथ मजबूत होने चाहिए, इसलिए उन्हें राज्यसभा में भेजा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'हमने अखिलेश दास पर भरोसा कर उन्हें राज्यसभा भेजा लेकिन वह वायदे पर खरे नहीं उतरे। वैश्य समाज के लोगों को जोड़ना तो दूर, सत्र के दौरान वह सदन में ही मौजूद नहीं रहते थे। वह तो केवल अपना कारोबार संभाल रहे थे।' उनके आवास के सामने एसपी सरकार द्वारा फ्लाइओवर बनाए जाने के बारे में जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या सचमुच इसकी जरूरत थी या जानबूझ कर ऐसा किया गया तो मायावती बोलीं, 'यह ओछी और घटिया राजनीति का प्रतीक है। इसकी जितनी निन्दा की जाए, कम है।'
बीएसपी सुप्रीमो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर पार्टी की ओर से दो दलित नेताओं के नाम का भी ऐलान किया। मायावती के अनुसार, 'मैंने अखिलेश दास से कहा कि 200 करोड़ रुपये देने पर भी राज्यसभा के लिए दोबारा प्रत्याशी नहीं बनाऊंगी।' उन्होंने कटाक्ष किया, 'अखिदेश दास का दुख हम समझ सकते हैं। हमें किसी एक व्यक्ति का आर्थिक सहयोग नहीं चाहिए। बीएसपी धन्नासेठों की पार्टी नहीं है। हमने गरीब और मजलूमों के थोड़े-थोड़े धन से आंदोलन को आगे बढ़ाया है।' मायावती ने कहा कि पार्टी केवल उसी व्यक्ति को टिकट देगी, जो बीएसपी के आंदोलन को आगे बढ़ाए, जमीन से जुड़ा हो और जिसमें बीएसपी के पक्ष में जनाधार लाने की क्षमता हो।
अखिलेश दास के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर मायावती ने कहा, 'अखिलेश दास पहले कांग्रेस में थे। उन्होंने कांग्रेस क्यों छोडी, यह भी आप जानते हैं। जब वह हमारी पार्टी में शामिल हुए तो कांग्रेस पर उन्होंने आरोप लगाए थे, खास तौर पर राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाए थे।' मायावती ने कहा कि बीएसपी में शामिल होने के बाद अखिलेश दास ने कहा था कि उन पर भरोसा किया जाए तो वह पूरा वैश्य समाज बीएसपी के साथ जोडेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वैश्य समाज के लोगों को बीएसपी के साथ लाने के लिए उनके हाथ मजबूत होने चाहिए, इसलिए उन्हें राज्यसभा में भेजा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'हमने अखिलेश दास पर भरोसा कर उन्हें राज्यसभा भेजा लेकिन वह वायदे पर खरे नहीं उतरे। वैश्य समाज के लोगों को जोड़ना तो दूर, सत्र के दौरान वह सदन में ही मौजूद नहीं रहते थे। वह तो केवल अपना कारोबार संभाल रहे थे।' उनके आवास के सामने एसपी सरकार द्वारा फ्लाइओवर बनाए जाने के बारे में जब संवाददाताओं ने पूछा कि क्या सचमुच इसकी जरूरत थी या जानबूझ कर ऐसा किया गया तो मायावती बोलीं, 'यह ओछी और घटिया राजनीति का प्रतीक है। इसकी जितनी निन्दा की जाए, कम है।'
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य डॉ. अखिलेश दास ने 3 नवंबर को बीएसपी की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। राज्यसभा का उनका कार्यकाल 25 नवंबर को खत्म हो रहा है। बीएसपी ने राजा राम के साथ मुरादाबाद से दलित नेता वीर सिंह को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया है।
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