इंदौर में लाइट मेट्रो का काम अगले साल जुलाई में शुरू होगा
इंदौर : इंदौर और भोपाल में लाइट मेट्रो का काम जुलाई 2015 में शुरू होगा। यह प्रोजेक्ट वर्ष 2021 तक पूरा होना है लेकिन कुछ क्षेत्र में 2018 तक लाइट मेट्रो शुरू करने की योजना है। राज्य सरकार प्रोजेक्ट की अंतरिम रिपोर्ट जनवरी में केंद्र सरकार को भेज देगी।
यह फैसला शनिवार को मुख्य सचिव अंटोनी डिसा की अध्यक्षता में भोपाल में हुई बैठक में हुआ। इंदौर में लाइट मेट्रो के चार रूट रहेंगे, जिनकी कुल लंबाई 85 किलोमीटर होगी। इनमें से मध्य क्षेत्र का 10 किमी से ज्यादा का हिस्सा अंडर ग्राउंड रहेगा।
बैठक में लाइट मेट्रो संचालित करने के लिए मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड कंपनी बनाए जाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति दी गई। कंपनी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि नगरीय प्रशासन एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय उपाध्यक्ष होंगे।
दोनों शहरों के प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 45 हजार करोड़ रुपए है। प्रारंभिक तौर पर काम की शुरुआत करने के लिए राज्य सरकार को 15 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी, जिसमें से 6 हजार करोड़ रुपए केंद्र और राज्य सरकार की पूंजी होगी। बाकी नौ हजार करोड़ रुपए का सॉफ्ट लोन लिया जाएगा, ताकि ब्याज दर 5 प्रतिशत से ज्यादा न हो।
पीपीपी पर तैयार होगा प्रोजेक्ट
लाइट मेट्रो का प्रोजेक्ट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनेगा। इसमें कंपनी के पास ही ऑपरेशन, मेंटेनेंस और इंप्लीमेंटेशन का पूरा जिम्मा होगा। राज्य सरकार की जिम्मेदारी मॉनीटरिंग की होगी।
ये रहेंगे चार रूट
कॉरिडोर 1 – सुपर कॉरिडोर पर भौंरासला चौराहे से कलेक्टोरेट। यहां से एक रूट चोइथराम चौराहा तो दूसरा छोटा रूट भंवरकुआं चौराहा होते हुए खंडवा रोड की ओर जाएगा।
कॉरिडोर 2 - सरवटे बस स्टैंड से राजेंद्र नगर तक।
कॉरिडोर 3 - गांधी नगर/बड़ा बांगड़दा से बंगाली चौराहा, एक शाखा विजय नगर तक।
कॉरिडोर 4 - सुपर कॉरिडोर पर कुमेड़ी, चंद्रगुप्त चौराहा से तीन इमली चौराहा, पालदा तक।
यह फैसला शनिवार को मुख्य सचिव अंटोनी डिसा की अध्यक्षता में भोपाल में हुई बैठक में हुआ। इंदौर में लाइट मेट्रो के चार रूट रहेंगे, जिनकी कुल लंबाई 85 किलोमीटर होगी। इनमें से मध्य क्षेत्र का 10 किमी से ज्यादा का हिस्सा अंडर ग्राउंड रहेगा।
बैठक में लाइट मेट्रो संचालित करने के लिए मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड कंपनी बनाए जाने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति दी गई। कंपनी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि नगरीय प्रशासन एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय उपाध्यक्ष होंगे।
दोनों शहरों के प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 45 हजार करोड़ रुपए है। प्रारंभिक तौर पर काम की शुरुआत करने के लिए राज्य सरकार को 15 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी, जिसमें से 6 हजार करोड़ रुपए केंद्र और राज्य सरकार की पूंजी होगी। बाकी नौ हजार करोड़ रुपए का सॉफ्ट लोन लिया जाएगा, ताकि ब्याज दर 5 प्रतिशत से ज्यादा न हो।
पीपीपी पर तैयार होगा प्रोजेक्ट
लाइट मेट्रो का प्रोजेक्ट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत बनेगा। इसमें कंपनी के पास ही ऑपरेशन, मेंटेनेंस और इंप्लीमेंटेशन का पूरा जिम्मा होगा। राज्य सरकार की जिम्मेदारी मॉनीटरिंग की होगी।
ये रहेंगे चार रूट
कॉरिडोर 1 – सुपर कॉरिडोर पर भौंरासला चौराहे से कलेक्टोरेट। यहां से एक रूट चोइथराम चौराहा तो दूसरा छोटा रूट भंवरकुआं चौराहा होते हुए खंडवा रोड की ओर जाएगा।
कॉरिडोर 2 - सरवटे बस स्टैंड से राजेंद्र नगर तक।
कॉरिडोर 3 - गांधी नगर/बड़ा बांगड़दा से बंगाली चौराहा, एक शाखा विजय नगर तक।
कॉरिडोर 4 - सुपर कॉरिडोर पर कुमेड़ी, चंद्रगुप्त चौराहा से तीन इमली चौराहा, पालदा तक।

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