कांग्रेस के नेता सिंघवी पर लगा चोरी का आरोप
नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता और मशहूर वकील अभिषेक मनु सिंघवी मुश्किल में फंस गए है। इनकम टैक्स डिमाटमेंट के सेटलमेंट कमीशन ने सिंघवी पर 56 करोड़ का जुर्माना ठोका है। डिपार्टमेंट ने सिंघवी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने 3 साल के इनकम में 91.95 करोड़ रुपए कम दिखाए है। इसी अपराध के बदले उनपर 56.67 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।
हलांकि इस पर कोर्ट ने अभी स्टे लगा दिया है। वहीं कांग्रेस नेता पर लगे इस आरोप पर भाजपा ने जोरदार हमला किया है। बाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि जो लोग कालेधन पर प्रवचन देते है उनके ही घर में कालाधन का यह मामला टिप ऑफ द आईसबर्ग है।
गौरतलब है कि इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी खबर में लिखा है कि सिंघवी ने आयकर और कमीशन के सामने ये दावा पेश किया था कि 3 सालों में उन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए 5 करोड़ के लैपटॉप खरीदे थे, इसलिए वह 30% डिप्रीशिएशन के हकदार हैं। जबकि कमीशन ने पाया कि सिंघवी ने अपनी सहायता के लिए 14 वकीलों की टीम रखी है। जिनके लिए लैपटॉप पर 5 करोड़ खर्च करने के लिए उनके द्वारा 40 हजार की दर से 3 साल में 1250 लैपटॉप खरीदे जाने चाहिए थे।
जो कि मौजूद नहीं है। वहीं सिंघवी भी अपने पक्ष में दस्तावेज देने में असफल रहे। उन्होंने इसके पीछ दलील देते हुए कहा कि दीमकों ने वो दस्तावेज नष्ट कर दिए। ऐसी तरह के कई अन्य मामलों के उजागर होने के बाद आयकर विभाग ने उनपर जुर्माना ठोक दिया है।
हलांकि इस पर कोर्ट ने अभी स्टे लगा दिया है। वहीं कांग्रेस नेता पर लगे इस आरोप पर भाजपा ने जोरदार हमला किया है। बाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि जो लोग कालेधन पर प्रवचन देते है उनके ही घर में कालाधन का यह मामला टिप ऑफ द आईसबर्ग है।
गौरतलब है कि इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी खबर में लिखा है कि सिंघवी ने आयकर और कमीशन के सामने ये दावा पेश किया था कि 3 सालों में उन्होंने अपने कर्मचारियों के लिए 5 करोड़ के लैपटॉप खरीदे थे, इसलिए वह 30% डिप्रीशिएशन के हकदार हैं। जबकि कमीशन ने पाया कि सिंघवी ने अपनी सहायता के लिए 14 वकीलों की टीम रखी है। जिनके लिए लैपटॉप पर 5 करोड़ खर्च करने के लिए उनके द्वारा 40 हजार की दर से 3 साल में 1250 लैपटॉप खरीदे जाने चाहिए थे।
जो कि मौजूद नहीं है। वहीं सिंघवी भी अपने पक्ष में दस्तावेज देने में असफल रहे। उन्होंने इसके पीछ दलील देते हुए कहा कि दीमकों ने वो दस्तावेज नष्ट कर दिए। ऐसी तरह के कई अन्य मामलों के उजागर होने के बाद आयकर विभाग ने उनपर जुर्माना ठोक दिया है।
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