भारत को बातचीत रद्द नहीं करनी चाहिए थी: शरीफ
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि भारत को विदेश सचिव स्तर की वार्ताओं को रद्द नहीं करना चाहिए था। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के साथ वार्ता से पहले कश्मीरी नेताओं से बातचीत करने में कुछ भी नया नहीं था। 18वें सार्क सम्मेलन से पाकिस्तान लौटने के दौरान विमान में मौजूद संवाददाताओं को शरीफ ने बताया, 'बीते समय में जब भी पाकिस्तान और भारत में वार्ताएं आयोजित हुईं और हम कश्मीरी नेताओं के साथ बातचीत करते रहे। इसमें कुछ भी नया नहीं है। हमें कश्मीर के नेताओं की राय उस मुद्दे पर लेनी ही होगी, जिसका सबसे ज्यादा संबंध उन्हीं से है।'
गौरतलब है कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त द्वारा नई दिल्ली में कश्मीरी अलगाववादियों के साथ बातचीत किए जाने के कारण विदेश सचिव सुजाता सिंह की सितंबर में होने वाली इस्लामाबाद यात्रा रद्द कर दी गई थी।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान वार्ता की प्रक्रिया को आदर, सम्मान और स्वाभिमान की स्थिति के साथ आगे बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा, 'हम वार्ता में यकीन रखते हैं और इसे हर कीमत पर बरकरार रखेंगे।' शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर विवाद समेत सभी मुद्दों को हल करने के लिए एक 'अर्थपूर्ण' वार्ता चाहता है।
शरीफ की ये टिप्पणियां ठंडे पड चुके भारत-पाक संबंधों में कल गुरुवार को गर्माहट आने के बाद आई हैं, जहां मोदी और शरीफ ने हाथ मिलाए और एक दूसरे का अभिवादन किया। हालांकि भारत ने आगाह किया है कि इन 'अभिवादनों' का अर्थ कुछ ज्यादा न लगा लिया जाए। इससे एक ही दिन सार्क बैठक में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को नजरअंदाज कर दिया था।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त द्वारा नई दिल्ली में कश्मीरी अलगाववादियों के साथ बातचीत किए जाने के कारण विदेश सचिव सुजाता सिंह की सितंबर में होने वाली इस्लामाबाद यात्रा रद्द कर दी गई थी।
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान वार्ता की प्रक्रिया को आदर, सम्मान और स्वाभिमान की स्थिति के साथ आगे बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा, 'हम वार्ता में यकीन रखते हैं और इसे हर कीमत पर बरकरार रखेंगे।' शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर विवाद समेत सभी मुद्दों को हल करने के लिए एक 'अर्थपूर्ण' वार्ता चाहता है।
शरीफ की ये टिप्पणियां ठंडे पड चुके भारत-पाक संबंधों में कल गुरुवार को गर्माहट आने के बाद आई हैं, जहां मोदी और शरीफ ने हाथ मिलाए और एक दूसरे का अभिवादन किया। हालांकि भारत ने आगाह किया है कि इन 'अभिवादनों' का अर्थ कुछ ज्यादा न लगा लिया जाए। इससे एक ही दिन सार्क बैठक में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को नजरअंदाज कर दिया था।

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