शीला की दमदार मौजूदगी वापसी के संकेत
नई दिल्ली: नेहरू जयंती के मौके पर शीला दीक्षित की दमदार मौजूदगी ने साफ कर दिया कि पार्टी उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका दे सकती है। तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में विरोधियों ने भले पूर्व मुख्यमंत्री से कन्नी काटने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पार्टी आलाकमान से पूरी तवज्जो मिली। इसी के साथ नेहरू जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित इस समारोह ने पार्टीजनों से एक जुट होने और संगठन को मजबूत बनाने के साथ ही जनता से जुडऩे का मैसेज भी दिया है।
एक दिन पहले तक प्रदेश नेतृत्व शीला के समर्थन में विधायकों की बैटिंग को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहा था। लेकिन तालकटोरा में नेहरू जयंती मना रही कांग्रेस की रैली में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की दमदार उपस्थिति से कई सवालों के जवाब खुद-ब-खुद मिल गए। शीला की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने समारोह के दौरान कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी कांग्रेसियों को धर्मनिरपेक्षता, बहुलवाद और प्रगतिशीलता नेहरू के आदर्शों के प्रति अडिग रहने की शपथ दिलाई।
मंच पर विराजमान नेताओं में शीला पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंहके बगल में बैठी थीं और पूरे समारोह के दौरान सोनिया से गुफ्तगू करती नजर आईं। हालांकि प्रदेश नेतृत्व के साथ चल रहा छत्तीस का आंकड़ा यहां भी साफ नजर आया। पूरे समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री की कभी उनके सहयोगी रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और कांग्रेस विधायक दल के नेता हारून यूसुफ से संवादहीनता बरकरार रही। जबकि समारोह खत्म होने के बाद उनके वफादार पूर्व विधायकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया।
एक दिन पहले तक प्रदेश नेतृत्व शीला के समर्थन में विधायकों की बैटिंग को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहा था। लेकिन तालकटोरा में नेहरू जयंती मना रही कांग्रेस की रैली में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की दमदार उपस्थिति से कई सवालों के जवाब खुद-ब-खुद मिल गए। शीला की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने समारोह के दौरान कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी कांग्रेसियों को धर्मनिरपेक्षता, बहुलवाद और प्रगतिशीलता नेहरू के आदर्शों के प्रति अडिग रहने की शपथ दिलाई।
मंच पर विराजमान नेताओं में शीला पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंहके बगल में बैठी थीं और पूरे समारोह के दौरान सोनिया से गुफ्तगू करती नजर आईं। हालांकि प्रदेश नेतृत्व के साथ चल रहा छत्तीस का आंकड़ा यहां भी साफ नजर आया। पूरे समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री की कभी उनके सहयोगी रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और कांग्रेस विधायक दल के नेता हारून यूसुफ से संवादहीनता बरकरार रही। जबकि समारोह खत्म होने के बाद उनके वफादार पूर्व विधायकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया।
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