मोदी के 'योग दिवस' प्रस्ताव को यूरोपीय यूनियन का समर्थन
बिस्बेन। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग दिवस के प्रस्ताव को उस समय एक बड़ा बल मिला, जब यूरोपीय संघ के अध्यक्ष हरमन वान रॉमपय ने कहा कि 28 सदस्यीय उनकी संस्था संयुक्त राष्ट्र में योग दिवस के विचार का समर्थन करती है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक ट्वीट में कहा गया है कि ईयू अध्यक्ष हरमन वान रॉमपय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि ईयू संयुक्त राष्ट्र में योग दिवस की आपकी पहल का समर्थन करता है।
यूरोपीय संघ का यह समर्थन ऐसे समय में मिला है, जब लगभग 130 देश भारत के इस प्रस्ताव के साथ आ गए हैं। इस प्रस्ताव में योग के लाभ को मान्यता देने और संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की बात शामिल है।
ब्रिस्बेन पहुंचने के दूसरे दिन मोदी ने रॉमपय के नेतृत्व वाले ईयू के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, और इस दौरान रॉपय ने कहा कि उनका समूह भारत के साथ सभी क्षेत्रों में खासतौर से व्यापार में आदान-प्रदान के लिए उत्सुक है।
मोदी ने उनसे कहा कि यूरोपीय संघ को भारत में नए आर्थिक वातावरण का लाभ उठाना चाहिए। दोनों पक्षों के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौता अभी होना बाकी है। कुछ प्रमुख बिंदुओं पर वार्ता अवरुद्ध पड़ी हुई है। इसमें ईयू की वह मांग भी शामिल है, जिसमें उसने ऑटोमोबाइल में पर्याप्त शुल्क कटौती, और शराब, स्पिरिट तथा डेयरी उप्तादों पर कर कटौती शामिल है। इसके अलावा ईयू एक मजबूत बौद्धिक संपदा व्यवस्था की भी मांग कर रहा है। ईयू-भारत के बीच व्यापार 2003 के 28.6 अरब यूरो से बढ़कर 2013 में 72.7 अरब यूरो हो गया है।
यूरोपीय संघ का यह समर्थन ऐसे समय में मिला है, जब लगभग 130 देश भारत के इस प्रस्ताव के साथ आ गए हैं। इस प्रस्ताव में योग के लाभ को मान्यता देने और संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की बात शामिल है।
ब्रिस्बेन पहुंचने के दूसरे दिन मोदी ने रॉमपय के नेतृत्व वाले ईयू के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की, और इस दौरान रॉपय ने कहा कि उनका समूह भारत के साथ सभी क्षेत्रों में खासतौर से व्यापार में आदान-प्रदान के लिए उत्सुक है।
मोदी ने उनसे कहा कि यूरोपीय संघ को भारत में नए आर्थिक वातावरण का लाभ उठाना चाहिए। दोनों पक्षों के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई है, जब भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौता अभी होना बाकी है। कुछ प्रमुख बिंदुओं पर वार्ता अवरुद्ध पड़ी हुई है। इसमें ईयू की वह मांग भी शामिल है, जिसमें उसने ऑटोमोबाइल में पर्याप्त शुल्क कटौती, और शराब, स्पिरिट तथा डेयरी उप्तादों पर कर कटौती शामिल है। इसके अलावा ईयू एक मजबूत बौद्धिक संपदा व्यवस्था की भी मांग कर रहा है। ईयू-भारत के बीच व्यापार 2003 के 28.6 अरब यूरो से बढ़कर 2013 में 72.7 अरब यूरो हो गया है।
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