डेंगू से बचाने के लिए आएगा टीका
मुंबई : देश में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच औषधि कंपनी सनोफी ने मंगलवार को कहा कि मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी का टीका 2015 की दूसरी छमाही में उपलब्ध होने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है तो यह दुनिया में डेंगू का पहला टीका होगा।
फ्रांस की दवा कंपनी सनोफी का वैक्सीन प्रभाग सनोफी पैश्चर ने इसकी घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह अपने टीके के पंजीकरण के लिये आवेदन देगी और अगर नियामकीय मंजूरी मिल जाती है तो दुनिया का पहला डेंगू टीका 2015 की दूसरी छमाही में उपलब्ध हो सकता है।
क्लिनिकल अध्ययन के अंतिम चरण के परिणाम से यह पता चलता है कि डेंगू टीका गंभीर डेंगू बीमारी से 95.5 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करता है और इससे अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 80.3 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
कंपनी के अनुसार डेंगू स्वास्थ्य के लिये गंभीर चुनौती है क्योंकि इससे भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं।
कंपनी की विज्ञप्ति के अनुसार इस टीके से डेंगू के रोकथाम में मदद मिलेगी। कंपनी ने तीसरे चरण में क्लिनिकल अध्ययन कार्यक्रम में एशिया और लातीनी अमेरिका के 10 प्रभावित देशों के 31,000 प्रतिभागियों को शामिल किया।
सनोफी पैश्चर के अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी ओलिवियर चारमेल ने कहा, ‘टीका के लाइसेंस के लिये आवेदन 2015 में देने की हमारी योजना है। आवेदन उन देशों में किया जाएगा जहां डेंगू समस्या बनती जा रही है।’
फ्रांस की दवा कंपनी सनोफी का वैक्सीन प्रभाग सनोफी पैश्चर ने इसकी घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह अपने टीके के पंजीकरण के लिये आवेदन देगी और अगर नियामकीय मंजूरी मिल जाती है तो दुनिया का पहला डेंगू टीका 2015 की दूसरी छमाही में उपलब्ध हो सकता है।
क्लिनिकल अध्ययन के अंतिम चरण के परिणाम से यह पता चलता है कि डेंगू टीका गंभीर डेंगू बीमारी से 95.5 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करता है और इससे अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम 80.3 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
कंपनी के अनुसार डेंगू स्वास्थ्य के लिये गंभीर चुनौती है क्योंकि इससे भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं।
कंपनी की विज्ञप्ति के अनुसार इस टीके से डेंगू के रोकथाम में मदद मिलेगी। कंपनी ने तीसरे चरण में क्लिनिकल अध्ययन कार्यक्रम में एशिया और लातीनी अमेरिका के 10 प्रभावित देशों के 31,000 प्रतिभागियों को शामिल किया।
सनोफी पैश्चर के अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी ओलिवियर चारमेल ने कहा, ‘टीका के लाइसेंस के लिये आवेदन 2015 में देने की हमारी योजना है। आवेदन उन देशों में किया जाएगा जहां डेंगू समस्या बनती जा रही है।’
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