वित्त मंत्री लॉन्च करेंगे किसान विकास पत्र योजना
नई दिल्ली : करीब तीन साल बाद 'किसान विकास पत्र' यानी केवीपी को नए कलेवर में मंगलवार को फिर से लॉन्च किया जा रहा है। इस बार किसान विकास पत्र को 1000, 5000, 10000 और 50000 रुपए के निवेश पर खरीदा जा सकता है। इनमें निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं होगी। इसमें किया गया निवेश सौ महीनों में दोगुना हो जाएगा।
बजट में हुई थी घोषणा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई में पेश बजट में इसे फिर से लॉन्च किए जाने की घोषणा की थी। श्यामला गोपीनाथ की रिपोर्ट सामने आने के बाद दिसंबर 2011 में इस पर रोक लगा दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि इस स्कीम का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग के लिए किया जा रहा था।
अनगिनत बार ट्रांसफर की सुविधा
इसके सर्टिफिकेट सिंगल या ज्वाइंट नामों से जारी किए जाएंगे। ये सर्टिफिकेट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को अनगिनत बार ट्रांसफर किए जा सकेंगे। इसके अलावा, एक पोस्ट ऑफिस से देश में कहीं भी ट्रांसफर करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके अलावा इसके साथ नॉमिनेशन का विकल्प भी होगा। इसके अलावा किसान विकास पत्र को गिरवी रख कर बैंकों से कर्ज लिया जा सकेगा।
ढाई साल बाद कैश कराने की सुविधा
इस बार लॉन्च किसान विकास पत्र की खासियत यह होगी कि अगर निवेशक चाहे तो इसे दो साल और छह महीने के लॉक इन पीरियड के बाद भुना सकेगा। इसके बाद इसे हर छह महीने की अवधि के बाद पूर्व निश्चित मैच्योरिटी वैल्यू पर भुनाया जा सकेगा।
पोस्ट ऑफिस में होंगे उपलब्ध
शुरुआत में किसान विकास पत्र बिक्री के लिए पोस्ट ऑफिसों में उपलब्ध होंगे, लेकिन जल्दी ही इन्हें सरकारी बैंकों की चुनिंदा शाखाओं के जरिए भी लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा।
साल 1988 में पहली बार हुआ था लॉन्च
किसान विकास पत्र को पहली बार एक अप्रैल 1988 को लॉन्च किया गया था। उस समय इसका मैच्योरिटी पीरियड साढ़े पांच साल था, यानि इतनी अवधि में इसमें लगाए गए पैसे दोगुने हो जाते थे। बाद में जब ब्याज दरें घटीं, तो मैच्योरिटी पीरियड बढ़ने लगा। साल 2011 में जब इसे बंद किया गया, तो इसका मैच्योरिटी पीरियड सात साल 11 महीने था।
बजट में हुई थी घोषणा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जुलाई में पेश बजट में इसे फिर से लॉन्च किए जाने की घोषणा की थी। श्यामला गोपीनाथ की रिपोर्ट सामने आने के बाद दिसंबर 2011 में इस पर रोक लगा दी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि इस स्कीम का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग के लिए किया जा रहा था।
अनगिनत बार ट्रांसफर की सुविधा
इसके सर्टिफिकेट सिंगल या ज्वाइंट नामों से जारी किए जाएंगे। ये सर्टिफिकेट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को अनगिनत बार ट्रांसफर किए जा सकेंगे। इसके अलावा, एक पोस्ट ऑफिस से देश में कहीं भी ट्रांसफर करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इसके अलावा इसके साथ नॉमिनेशन का विकल्प भी होगा। इसके अलावा किसान विकास पत्र को गिरवी रख कर बैंकों से कर्ज लिया जा सकेगा।
ढाई साल बाद कैश कराने की सुविधा
इस बार लॉन्च किसान विकास पत्र की खासियत यह होगी कि अगर निवेशक चाहे तो इसे दो साल और छह महीने के लॉक इन पीरियड के बाद भुना सकेगा। इसके बाद इसे हर छह महीने की अवधि के बाद पूर्व निश्चित मैच्योरिटी वैल्यू पर भुनाया जा सकेगा।
पोस्ट ऑफिस में होंगे उपलब्ध
शुरुआत में किसान विकास पत्र बिक्री के लिए पोस्ट ऑफिसों में उपलब्ध होंगे, लेकिन जल्दी ही इन्हें सरकारी बैंकों की चुनिंदा शाखाओं के जरिए भी लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा।
साल 1988 में पहली बार हुआ था लॉन्च
किसान विकास पत्र को पहली बार एक अप्रैल 1988 को लॉन्च किया गया था। उस समय इसका मैच्योरिटी पीरियड साढ़े पांच साल था, यानि इतनी अवधि में इसमें लगाए गए पैसे दोगुने हो जाते थे। बाद में जब ब्याज दरें घटीं, तो मैच्योरिटी पीरियड बढ़ने लगा। साल 2011 में जब इसे बंद किया गया, तो इसका मैच्योरिटी पीरियड सात साल 11 महीने था।
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