पाकिस्तानी बोट पर रक्षा मंत्री पार्रिकर बोले- यदि वे तस्कर होते तो नौका में ब्लास्ट नहीं करते
नई
दिल्ली : पोरबंदर से करीब 365 किलोमीटर दूर बीच समुद्र में तटरक्षक बलों
की ओर से पाकिस्तानी बोट की घेराबंदी किए जाने और फिर उसमें ब्लास्ट के
मामले में रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने सोमवार को कहा कि यदि बोट में
सवार लोग तस्कर होते तो वे ब्लास्ट नहीं करते।
रक्षा मंत्री ने आज मीडिया से बातचीत में कहा कि पाकिस्तानी बोट में सवार लोग यदि तस्कर होते तो फिर वे उसे ब्लास्ट कर नहीं उड़ाते। ये तस्करी का मामला नहीं था। उन्होंने कहा कि ये बोट सामान्य रास्ते से भारतीय जलसीमा में नहीं आई थी। पार्रिकर ने सवालिया लहजे में कहा कि यदि बोट में सवार लोग तस्कर होते तो वे फिर पाक एजेंसियों के संपर्क में क्यों होते?
उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास इस पाकिस्तानी बोट के बारे में पूरी पुख्ता जानकारी थी। करीब 12-14 घंटे तक बोट पर निगरानी रखी गई थी। उन्होंने बोट मामले में बेहतर ढंग से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बलों की भूमिका की सराहना की। रक्षा मंत्री पार्रिकर ने भारतीय तटरक्षक के साथ ही इस अभियान में शामिल जवानों की प्रशंसा जो ‘बिना अनुमति वाली नौका’ की समय पर सटीक तरीके से घेराबंदी करने के अभियान में शामिल थे जिससे एक संभावित खतरा टल गया।
गौर हो कि बीते दिनों भारतीय तटरक्षकों ने अरब सागर में आधी रात में बीच समुद्र में की गई एक कार्रवाई में मछली पकड़ने वाली एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को घेर लिया था जिसमें विस्फोटक भरा हुआ था। इस घेराबंदी के बाद नौका में अचानक विस्फोट के बाद आग लग गई जिसके बाद उस पर सवार चार लोग नौका के साथ ही डूब गए। यह घटना 31 दिसम्बर की रात पोरबंदर से करीब 365 किलोमीटर दूर बीच समुद्र में हुई। इसको लेकर ऐसी अटकलें लगाई गई कि यह घटना 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले जैसी ही थी लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
भारतीय तटरक्षक के महानिरीक्षक (अभियान) केआर नौटियाल ने कहा कि सटीक गुप्तचर सूचना के आधार पर आधी रात में संदिग्ध नौका को रोकने लिए यह कार्रवाई तटरक्षक जहाजों और विमान द्वारा की गई। अरब सागर में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा पीछा किये जाने के बाद विस्फोट करने वाली रहस्यमयी नौका के मलबे और उस पर सवार चार लोगों के शव खोजने का काम चल रहा है क्योंकि यह उन लोगों के इरादे के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचने में जांचकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। तटरक्षक बल ने प्रवासी भारतीय दिवस और ‘वाइब्रेंट गुजरात’ कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए गुजरात समुद्री सीमा पर गश्त और हवाई निगरानी बढ़ा दी है। अगले सप्ताह होने जा रहे इन कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई विदेशी नेता शामिल होंगे। तटरक्षक बल के कमांडर (उत्तर पश्चिम क्षेत्र) कुलदीप सिंह शेयोरन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नौका के मलबे और इसके चालक दल के सदस्यों के शवों की खोज जारी है। मलबा और शव जांचकर्ताओं को उनके इरादे के बारे में कुछ निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद करेंगे।
तटरक्षक और अन्य सुरक्षा एजेंसियां समुद्री रास्ते से खतरे के बारे में दी गयी गुप्त सूचनाओं के मद्देनजर गत कुछ महीनों से भारतीय समुद्री सीमा और तटवर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रख रही हैं। वहीं भारतीय जल सीमा में विस्फोटकों से भरी पाकिस्तान नौका पकड़े जाने की घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने गुजरात में होने वाले वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट 2015 से पहले किसी आतंकवादी घटना को रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। भारतीय तटरक्षक, सीमा सुरक्षा बल और गुजरात पुलिस ने इस घटना के बाद अरब सागर में निगरानी बढ़ी दी है।
रक्षा मंत्री ने आज मीडिया से बातचीत में कहा कि पाकिस्तानी बोट में सवार लोग यदि तस्कर होते तो फिर वे उसे ब्लास्ट कर नहीं उड़ाते। ये तस्करी का मामला नहीं था। उन्होंने कहा कि ये बोट सामान्य रास्ते से भारतीय जलसीमा में नहीं आई थी। पार्रिकर ने सवालिया लहजे में कहा कि यदि बोट में सवार लोग तस्कर होते तो वे फिर पाक एजेंसियों के संपर्क में क्यों होते?
उन्होंने कहा कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के पास इस पाकिस्तानी बोट के बारे में पूरी पुख्ता जानकारी थी। करीब 12-14 घंटे तक बोट पर निगरानी रखी गई थी। उन्होंने बोट मामले में बेहतर ढंग से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बलों की भूमिका की सराहना की। रक्षा मंत्री पार्रिकर ने भारतीय तटरक्षक के साथ ही इस अभियान में शामिल जवानों की प्रशंसा जो ‘बिना अनुमति वाली नौका’ की समय पर सटीक तरीके से घेराबंदी करने के अभियान में शामिल थे जिससे एक संभावित खतरा टल गया।
गौर हो कि बीते दिनों भारतीय तटरक्षकों ने अरब सागर में आधी रात में बीच समुद्र में की गई एक कार्रवाई में मछली पकड़ने वाली एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका को घेर लिया था जिसमें विस्फोटक भरा हुआ था। इस घेराबंदी के बाद नौका में अचानक विस्फोट के बाद आग लग गई जिसके बाद उस पर सवार चार लोग नौका के साथ ही डूब गए। यह घटना 31 दिसम्बर की रात पोरबंदर से करीब 365 किलोमीटर दूर बीच समुद्र में हुई। इसको लेकर ऐसी अटकलें लगाई गई कि यह घटना 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले जैसी ही थी लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
भारतीय तटरक्षक के महानिरीक्षक (अभियान) केआर नौटियाल ने कहा कि सटीक गुप्तचर सूचना के आधार पर आधी रात में संदिग्ध नौका को रोकने लिए यह कार्रवाई तटरक्षक जहाजों और विमान द्वारा की गई। अरब सागर में भारतीय तटरक्षक बल द्वारा पीछा किये जाने के बाद विस्फोट करने वाली रहस्यमयी नौका के मलबे और उस पर सवार चार लोगों के शव खोजने का काम चल रहा है क्योंकि यह उन लोगों के इरादे के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचने में जांचकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। तटरक्षक बल ने प्रवासी भारतीय दिवस और ‘वाइब्रेंट गुजरात’ कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए गुजरात समुद्री सीमा पर गश्त और हवाई निगरानी बढ़ा दी है। अगले सप्ताह होने जा रहे इन कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई विदेशी नेता शामिल होंगे। तटरक्षक बल के कमांडर (उत्तर पश्चिम क्षेत्र) कुलदीप सिंह शेयोरन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नौका के मलबे और इसके चालक दल के सदस्यों के शवों की खोज जारी है। मलबा और शव जांचकर्ताओं को उनके इरादे के बारे में कुछ निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद करेंगे।
तटरक्षक और अन्य सुरक्षा एजेंसियां समुद्री रास्ते से खतरे के बारे में दी गयी गुप्त सूचनाओं के मद्देनजर गत कुछ महीनों से भारतीय समुद्री सीमा और तटवर्ती क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रख रही हैं। वहीं भारतीय जल सीमा में विस्फोटकों से भरी पाकिस्तान नौका पकड़े जाने की घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने गुजरात में होने वाले वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इंवेस्टर्स सम्मिट 2015 से पहले किसी आतंकवादी घटना को रोकने के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। भारतीय तटरक्षक, सीमा सुरक्षा बल और गुजरात पुलिस ने इस घटना के बाद अरब सागर में निगरानी बढ़ी दी है।
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