Current Affairs January 2015
1. भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को 10 दिसम्बर 2014 को संयुक्त रूप से 2014 के शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दोनों को यह पुरस्कार नॉर्वे के ओस्लो में दिया गया।
भारत-पाकिस्तान को पहली बार साझा नोबेल मिला है। मलाला यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की हैं। सत्यार्थी और मलाला दोनों पुरस्कार की करीब 11 लाख डॉलर की राशि साझा करेंगे। मलाला यूसुफजई ने नोबेल की राशि मलाला फंड में दान कर दी। उन्होंने कहा कि यह रकम लड़कियों की शिक्षा के रूप में काम आएगी।
कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसूफजई के अलावा निम्न लोगों को नोबेल पुरस्कार दिया गया।
· साहित्य : फ्रांस के पैट्रिक मोडियानो (Patrick Modiano)
· फिजिक्स : जापान के इसामू अकासाकी (Isamu Akasaki), हिरोशी अमानो (Hiroshi Amano) और जापानी मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक शुजी नकामुरा (Shuji Nakamura)
· केमिस्ट्री : अमेरिका के एरिक बेटजिग (Eric Betzig), विलियम ई मोर्नर (William E. Moerner) और जर्मनी के वैज्ञानिक स्टीफन हेल (Stefan W. Hell)
· मेडिसिन : ब्रिटिश-अमेरिकी रिसर्चर जॉन ओ कीफे (John O'Keefe), नॉर्वे के एक दंपती ऐडवर्ड मोजर (Edvard Moser)और मे-ब्रिट मोजर(Britt Moser) को।
· इकोनॉमिक्स-ब्रितानी-इकॉन्मिस्ट ज्यां तिरोल (Jean Tirole)
2. क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो को 9 दिसम्बर 2014 को साल 2014 का "कन्फ्यूशियस शांति पुरस्कार" (Confucius Peace Prize) दिया गया। सम्मान पाने की दौड़ में शामिल 20 लोगों में दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुन हेई (Park Geun-hye) और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून जैसे नामचीन लोग शामिल थे। नोबेल शांति पुरस्कार का चीनी संस्करण माने जाने वाले इस सम्मान को देने की शुरुआत 2010 में हुई थी
फिदेल कास्त्रो को अमरीका विरोधी रुख़ के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। उनका जन्म 1926 में क्यूबा में हुआ था। साल 1953 में उन्होंने क्यूबा के राष्ट्रपति फुलगेंसियो बतिस्ता (Fulgencio Batista) की सत्ता के ख़िलाफ हथियार उठा लिए थे। फिदेल कास्त्रो के क्रांतिकारी आदर्शों को क्यूबा में काफी समर्थन मिला और 1959 में उनके संगठन ने बतिस्ता शासन का तख़्ता पलट दिया। बतिस्ता के शासन को भ्रष्टाचार, असमानता और अन्य तरह की परेशानियों का प्रतीक माना जाने लगा था।
3. मिस वर्ल्ड 2014 का खिताब साउथ अफ्रीका की रोलिन स्ट्रॉस (Rollin Strauss) ने जीत लिया। मिस वर्ल्ड इवेंट का 64वां एडिशन लंदन के एक्सेल में आयोजित किया गया।
रोलिन स्ट्रॉस (Rollin Strauss) को मिस वर्ल्ड 2014 का खिताब पिछले साल की विजेता मेगन यंग (Megan Young) ने पहनाया। इस इवेंट में दुनियाभर की कुल 121 सुंदरियों ने भाग लिया। मिस वर्ल्ड के इतिहास में यह तीसरी बार है जब किसी साउथ अफ्रीकन सुंदरी को यह खिताब मिला है।
भारत की कोयल राणा अंतिम 5 में अपना जगह नहीं बना सकीं, हालांकि अंतिम 11 में पहुंचने में वह सफल रहीं। मिस वर्ल्ड 2014 की फर्स्ट रनर-अप हंगरी की एडिना कलजार (Edina Kljar) जबकि सेकंड रनर-अप अमेरिका की एलिजाबेथ सैफरिट (Elizabeth Safrit) रहीं।
4. मध्य प्रदेश को गेहूं उत्पादन में उत्कृष्ट कार्य के लिए साल 2013-14 के प्रतिष्ठित कृषि कर्मण अवार्ड के लिए चुना गया है। यह लगातार तीसरा साल है, जब मध्य प्रदेश को प्रतिष्ठित कृषि कर्मण अवार्ड मिला है। इससे पहले साल 2011-12 और 2012-13 में भी मध्य प्रदेश को समग्र खाद्यान्न उत्पादन में श्रेष्ठता के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुका है। हालांकि इस बार प्रदेश को गेहूं उत्पादन में उत्कृष्ट कार्य के लिए कृषि कर्मण अवार्ड के लिए चुना गया है। पुरस्कार में दो करोड़ रुपये नकद, ट्रॉफी और प्रशस्ति-पत्र दिया जाता है।
5. भारतीय फिल्मकार रितेश बत्रा की फिल्म ‘द लंचबॉक्स’ को 18वें वार्षिक टोरंटो फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फीचर अवार्ड से सम्मानित किया गया। टोरंटो फिल्म क्रिटिक्स एसोसिएशन अवार्ड समारोह में पुरस्कार जीतने वाली यह एकलौती भारतीय फिल्म है।
साल 2013 में आई फिल्म ‘द लंचबॉक्स’ में अभिनेता इरफान खान और अभिनेत्री निमरत कौर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म का प्रदर्शन कान्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल सहित कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हो चुका है।
6. भारत की रूही सिंह ने 10 दिसम्बर 2014 को लेबनान में आयोजित एक समारोह मे मिस यूनिवर्सल पीस एंड ह्यूमनिटी (Universal Peace & Humanity) का खिताब जीता। रूही ने 145 देशों के प्रतियोगियों को हराकर यह खिताब जीता। इसी के साथ इस खिताब जीतने वाली वह भारत की पहली महिला बन गयी हैं।
7. आयरलैंड के फिल्म कलाकार डंकन कैम्पबेल (Duncan Campbell) ने 1 दिसंबर 2014 को 2014 का टर्नर पुरस्कार जीत लिया। उन्होंने यह पुरस्कार “कॉल्ड इट फॉर अदर्स” के लिए जीता।
8. 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत चुके बॉक्सर मनोज कुमार को एक बहुत बड़ी जीत मिली है जिसके तहत उन्हें एक खास समारोह में 26 नवम्बर 2014 को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा जाएगा। दरअसल मनोज को अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित नहीं किया गया था। अर्जुन पुरस्कार के लिए पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिल देव के नेतृत्व में बनाई गई चयन समिति ने बॉक्सर जय भगवान के नाम की सिफारिश की थी।
मनोज इसके खिलाफ कोर्ट पहुंच गए। दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला मनोज के पक्ष में सुनाया इसके बाद खेल मंत्रालय ने पुरस्कार के लिए उनका नामांकन स्वीकार लिया।
9. डायरेक्टर गिरीश मलिक की नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्म ‘जल’ ऑस्कर की दौड़ में शामिल हो गई है। इसके अलावा म्यूजिक डायरेक्टर ए. आर. रहमान तीसरी बार ऑस्कर में नॉमिनेट हो सकते हैं। रहमान 'बेस्ट ऑरिजनल स्कोर' कैटेगरी में 114 संभावितों की सूची में पहुंच गए हैं। दो ऑस्कर अवॉर्ड विजेता रहमान को इस बार 2 हॉलिवुड फिल्मों के लिए नॉमिनेट किया गया है- 'मिलियन डॉलर आर्म' (Million Dollar Arm) और 'द हंड्रेड-फुट जर्नी' (The Hundred-Foot Journey) । इसके अलावा बेस्ट ऑरिजनल स्कोर के लिए भारत से नॉमिनेट होने वाली दूसरी फिल्म 'कोचडयान' है, इसमें भी रहमान का ही संगीत है।
पानी की कमी से जूझते समुदाय की कहानी पर आधारित 'जल' ऑस्कर की दो कैटेगरी- बेस्ट पिक्चर और बेस्ट ओरिजनल स्कोर के लिए नॉमिनेट की गई है। ‘जल’ को भारत से स्वतंत्र एंट्री के रूप में भेजा गया है। ऑस्कर के लिए भारत की ओर से आधिकारिक एंट्री ‘लायर्स डायस’ है। उल्लेखनीय है कि ऑस्कर की अंतिम दौड़ तक पहुंच कर नाकाम रहने वाली भारतीय फिल्मों में 'मदर इंडिया' और 'लगान' हैं।
10. अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने पश्चिम अफ्रीका में फैली महामारी इबोला के खिलाफ लड़ने वाले नर्सिंग स्टाफ को 2014 के लिए 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना है। इन डॉक्टरों और नर्सों ने जान जोखिम में डालकर इबोला प्रभावित इलाकों में काम किया। मैगजीन के ऑनलाइन पोल में रीडर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस खिताब से नवाजे जाने की वकालत की थी। मैगजीन के संपादक नैन्सी गिब्स ने इबोला के खिलाफ लड़ने वालों को यह खिताब देना तय किया। आधार यह था कि कौन सबसे ज्यादा खबरों में रहा, जिन्होंने लोगों के जीवन को प्रभावित किया। साथ ही सबसे जरूरी काम करने वालों में शामिल रहा हो। इस खिताब के लिए अमेरिका के फर्ग्युसन के प्रदर्शनकारी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के व्यवसायी जैक मा, ऐपल के सीईओ टिम कुक और इराकी कुर्दिश लीडर मसूद बरजानी भी कतार में थे। पिछले साल पोप को यह खिताब मिला था।
टाइम्स पर्सन ऑफ द ईयर 2014 में, फर्ग्यूसन प्रदर्शनकारी दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने अपना प्रदर्शन अगस्त 2014 में शुरु किया था और ऐसा आंदोलन का निर्माण कर दिया की अमेरिका में जातिवाद एवं न्याय के लिए राष्ट्रीय चर्चा पुनर्जीवित हो उठी। पुलिस अधिकारी डैरेन विल्सन द्वारा 18 वर्षीय निहत्थे काले व्यक्ति माइकल ब्राउन की गोली मार कर हत्या कर देने के बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए थे।
11. इस बार हिंदी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार कथाकार और कवि डॉ. रमेश चंद्र शाह को दिया जाएगा। शाह को उनके उपन्यास 'विनायक' के लिए नवाजा जाएगा। साहित्य अकादमी ने 19 दिसम्बर 2014 को 22 भाषाओं के लिए सालाना साहित्य अकादमी पुरस्कारों का ऐलान किया, जो 9 मार्च 2015 को दिए जाएंगे। इंग्लिश में आदिल जस्सावाला को उनकी पोएट्री कलेक्शन 'ट्राइंग टु से गुडबाय' (Trying To Say Goodbye) के लिए चुना गया है।
कविता संग्रह के लिए उत्पल कुमार (बांग्ला), उर्खाव गोरा ब्रह्म (बोडो), आदिल जस्सावाला (इंग्लिश), शाद रमजान (कश्मीरी), गोपालकृष्ण रथ (उड़िया), जसविंदर (पंजाबी), गोपे कमल (सिंधी) और मुनव्वर राणा (उर्दू) चुने गए हैं।
उपन्यास के लिए शैलेंद्र सिंह (डोगरी), रमेश चंद्र शाह (हिंदी), आशा मिश्र (मैथिली), सुभाष चंद्रन (मलयालम) और पूमणि (तमिल) को नवाजा जाएगा। अश्विन मेहता (गुजराती), जी. एच. नायक (कन्नड़) और माधवी सरदेसाई (कोंकणी) को उनके निबंध संग्रह के लिए चुना गया है।
अरूपा पतंगीया कलिता (असमिया), नंद हंखिम (नेपाली), रामपाल सिंह राजपुरोहित (राजस्थानी) को उनके कहानी संग्रहों के लिए और जयंत विष्णु नारालीकर (मराठी) को आत्मकथा और राचपालेम चंद्रशेखर रेड्डी (तेलुगु) को समालोचना और जे. किस्कू (संताली) को नाटक के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। अभी मणिपुरी और संस्कृत के लिए पुरस्कारों की घोषणा नहीं हुई है, यह ऐलान जनवरी में होगा।
12. विश्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविक (पुरुष) और सेरेना विलियम्स (महिला) को वर्ष 2014 के अंतरराष्ट्रीय टेनिस संघ (आइटीएफ) के वार्षिक पुरस्कार से 18 दिसंबर 2014 को लंदन में सम्मानित किया गया। इन दोनों को अपनी अपनी श्रेणी में विश्व चैंपियन के ख़िताब से सम्मानित किया गया।
13. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किये जाने कि घोषणा केन्द्र सरकार ने 24 दिसम्बर 2014 को की। साल 1954 में स्थापित किए गए सम्मान 'भारत रत्न' से नवाज़े गए महानुभावों की संख्या अब 45 हो गई है। पिछले साल यह सम्मान विश्व में सबसे ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर तथा प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ सीएनआर राव को प्रदान किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा स्वतंत्रता सेनानी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय से पहले जिन हस्तियों को यह सम्मान प्रदान किया गया है। वो निम्न प्रकार हैं-
भारत-पाकिस्तान को पहली बार साझा नोबेल मिला है। मलाला यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की हैं। सत्यार्थी और मलाला दोनों पुरस्कार की करीब 11 लाख डॉलर की राशि साझा करेंगे। मलाला यूसुफजई ने नोबेल की राशि मलाला फंड में दान कर दी। उन्होंने कहा कि यह रकम लड़कियों की शिक्षा के रूप में काम आएगी।
कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसूफजई के अलावा निम्न लोगों को नोबेल पुरस्कार दिया गया।
· साहित्य : फ्रांस के पैट्रिक मोडियानो (Patrick Modiano)
· फिजिक्स : जापान के इसामू अकासाकी (Isamu Akasaki), हिरोशी अमानो (Hiroshi Amano) और जापानी मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक शुजी नकामुरा (Shuji Nakamura)
· केमिस्ट्री : अमेरिका के एरिक बेटजिग (Eric Betzig), विलियम ई मोर्नर (William E. Moerner) और जर्मनी के वैज्ञानिक स्टीफन हेल (Stefan W. Hell)
· मेडिसिन : ब्रिटिश-अमेरिकी रिसर्चर जॉन ओ कीफे (John O'Keefe), नॉर्वे के एक दंपती ऐडवर्ड मोजर (Edvard Moser)और मे-ब्रिट मोजर(Britt Moser) को।
· इकोनॉमिक्स-ब्रितानी-इकॉन्मिस्ट ज्यां तिरोल (Jean Tirole)
2. क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो को 9 दिसम्बर 2014 को साल 2014 का "कन्फ्यूशियस शांति पुरस्कार" (Confucius Peace Prize) दिया गया। सम्मान पाने की दौड़ में शामिल 20 लोगों में दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुन हेई (Park Geun-hye) और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून जैसे नामचीन लोग शामिल थे। नोबेल शांति पुरस्कार का चीनी संस्करण माने जाने वाले इस सम्मान को देने की शुरुआत 2010 में हुई थी
फिदेल कास्त्रो को अमरीका विरोधी रुख़ के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। उनका जन्म 1926 में क्यूबा में हुआ था। साल 1953 में उन्होंने क्यूबा के राष्ट्रपति फुलगेंसियो बतिस्ता (Fulgencio Batista) की सत्ता के ख़िलाफ हथियार उठा लिए थे। फिदेल कास्त्रो के क्रांतिकारी आदर्शों को क्यूबा में काफी समर्थन मिला और 1959 में उनके संगठन ने बतिस्ता शासन का तख़्ता पलट दिया। बतिस्ता के शासन को भ्रष्टाचार, असमानता और अन्य तरह की परेशानियों का प्रतीक माना जाने लगा था।
3. मिस वर्ल्ड 2014 का खिताब साउथ अफ्रीका की रोलिन स्ट्रॉस (Rollin Strauss) ने जीत लिया। मिस वर्ल्ड इवेंट का 64वां एडिशन लंदन के एक्सेल में आयोजित किया गया।
रोलिन स्ट्रॉस (Rollin Strauss) को मिस वर्ल्ड 2014 का खिताब पिछले साल की विजेता मेगन यंग (Megan Young) ने पहनाया। इस इवेंट में दुनियाभर की कुल 121 सुंदरियों ने भाग लिया। मिस वर्ल्ड के इतिहास में यह तीसरी बार है जब किसी साउथ अफ्रीकन सुंदरी को यह खिताब मिला है।
भारत की कोयल राणा अंतिम 5 में अपना जगह नहीं बना सकीं, हालांकि अंतिम 11 में पहुंचने में वह सफल रहीं। मिस वर्ल्ड 2014 की फर्स्ट रनर-अप हंगरी की एडिना कलजार (Edina Kljar) जबकि सेकंड रनर-अप अमेरिका की एलिजाबेथ सैफरिट (Elizabeth Safrit) रहीं।
4. मध्य प्रदेश को गेहूं उत्पादन में उत्कृष्ट कार्य के लिए साल 2013-14 के प्रतिष्ठित कृषि कर्मण अवार्ड के लिए चुना गया है। यह लगातार तीसरा साल है, जब मध्य प्रदेश को प्रतिष्ठित कृषि कर्मण अवार्ड मिला है। इससे पहले साल 2011-12 और 2012-13 में भी मध्य प्रदेश को समग्र खाद्यान्न उत्पादन में श्रेष्ठता के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुका है। हालांकि इस बार प्रदेश को गेहूं उत्पादन में उत्कृष्ट कार्य के लिए कृषि कर्मण अवार्ड के लिए चुना गया है। पुरस्कार में दो करोड़ रुपये नकद, ट्रॉफी और प्रशस्ति-पत्र दिया जाता है।
5. भारतीय फिल्मकार रितेश बत्रा की फिल्म ‘द लंचबॉक्स’ को 18वें वार्षिक टोरंटो फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ फीचर अवार्ड से सम्मानित किया गया। टोरंटो फिल्म क्रिटिक्स एसोसिएशन अवार्ड समारोह में पुरस्कार जीतने वाली यह एकलौती भारतीय फिल्म है।
साल 2013 में आई फिल्म ‘द लंचबॉक्स’ में अभिनेता इरफान खान और अभिनेत्री निमरत कौर ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। फिल्म का प्रदर्शन कान्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल सहित कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हो चुका है।
6. भारत की रूही सिंह ने 10 दिसम्बर 2014 को लेबनान में आयोजित एक समारोह मे मिस यूनिवर्सल पीस एंड ह्यूमनिटी (Universal Peace & Humanity) का खिताब जीता। रूही ने 145 देशों के प्रतियोगियों को हराकर यह खिताब जीता। इसी के साथ इस खिताब जीतने वाली वह भारत की पहली महिला बन गयी हैं।
7. आयरलैंड के फिल्म कलाकार डंकन कैम्पबेल (Duncan Campbell) ने 1 दिसंबर 2014 को 2014 का टर्नर पुरस्कार जीत लिया। उन्होंने यह पुरस्कार “कॉल्ड इट फॉर अदर्स” के लिए जीता।
8. 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीत चुके बॉक्सर मनोज कुमार को एक बहुत बड़ी जीत मिली है जिसके तहत उन्हें एक खास समारोह में 26 नवम्बर 2014 को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा जाएगा। दरअसल मनोज को अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित नहीं किया गया था। अर्जुन पुरस्कार के लिए पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिल देव के नेतृत्व में बनाई गई चयन समिति ने बॉक्सर जय भगवान के नाम की सिफारिश की थी।
मनोज इसके खिलाफ कोर्ट पहुंच गए। दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला मनोज के पक्ष में सुनाया इसके बाद खेल मंत्रालय ने पुरस्कार के लिए उनका नामांकन स्वीकार लिया।
9. डायरेक्टर गिरीश मलिक की नेशनल अवॉर्ड विनर फिल्म ‘जल’ ऑस्कर की दौड़ में शामिल हो गई है। इसके अलावा म्यूजिक डायरेक्टर ए. आर. रहमान तीसरी बार ऑस्कर में नॉमिनेट हो सकते हैं। रहमान 'बेस्ट ऑरिजनल स्कोर' कैटेगरी में 114 संभावितों की सूची में पहुंच गए हैं। दो ऑस्कर अवॉर्ड विजेता रहमान को इस बार 2 हॉलिवुड फिल्मों के लिए नॉमिनेट किया गया है- 'मिलियन डॉलर आर्म' (Million Dollar Arm) और 'द हंड्रेड-फुट जर्नी' (The Hundred-Foot Journey) । इसके अलावा बेस्ट ऑरिजनल स्कोर के लिए भारत से नॉमिनेट होने वाली दूसरी फिल्म 'कोचडयान' है, इसमें भी रहमान का ही संगीत है।
पानी की कमी से जूझते समुदाय की कहानी पर आधारित 'जल' ऑस्कर की दो कैटेगरी- बेस्ट पिक्चर और बेस्ट ओरिजनल स्कोर के लिए नॉमिनेट की गई है। ‘जल’ को भारत से स्वतंत्र एंट्री के रूप में भेजा गया है। ऑस्कर के लिए भारत की ओर से आधिकारिक एंट्री ‘लायर्स डायस’ है। उल्लेखनीय है कि ऑस्कर की अंतिम दौड़ तक पहुंच कर नाकाम रहने वाली भारतीय फिल्मों में 'मदर इंडिया' और 'लगान' हैं।
10. अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने पश्चिम अफ्रीका में फैली महामारी इबोला के खिलाफ लड़ने वाले नर्सिंग स्टाफ को 2014 के लिए 'पर्सन ऑफ द ईयर' चुना है। इन डॉक्टरों और नर्सों ने जान जोखिम में डालकर इबोला प्रभावित इलाकों में काम किया। मैगजीन के ऑनलाइन पोल में रीडर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस खिताब से नवाजे जाने की वकालत की थी। मैगजीन के संपादक नैन्सी गिब्स ने इबोला के खिलाफ लड़ने वालों को यह खिताब देना तय किया। आधार यह था कि कौन सबसे ज्यादा खबरों में रहा, जिन्होंने लोगों के जीवन को प्रभावित किया। साथ ही सबसे जरूरी काम करने वालों में शामिल रहा हो। इस खिताब के लिए अमेरिका के फर्ग्युसन के प्रदर्शनकारी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के व्यवसायी जैक मा, ऐपल के सीईओ टिम कुक और इराकी कुर्दिश लीडर मसूद बरजानी भी कतार में थे। पिछले साल पोप को यह खिताब मिला था।
टाइम्स पर्सन ऑफ द ईयर 2014 में, फर्ग्यूसन प्रदर्शनकारी दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने अपना प्रदर्शन अगस्त 2014 में शुरु किया था और ऐसा आंदोलन का निर्माण कर दिया की अमेरिका में जातिवाद एवं न्याय के लिए राष्ट्रीय चर्चा पुनर्जीवित हो उठी। पुलिस अधिकारी डैरेन विल्सन द्वारा 18 वर्षीय निहत्थे काले व्यक्ति माइकल ब्राउन की गोली मार कर हत्या कर देने के बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए थे।
11. इस बार हिंदी के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार कथाकार और कवि डॉ. रमेश चंद्र शाह को दिया जाएगा। शाह को उनके उपन्यास 'विनायक' के लिए नवाजा जाएगा। साहित्य अकादमी ने 19 दिसम्बर 2014 को 22 भाषाओं के लिए सालाना साहित्य अकादमी पुरस्कारों का ऐलान किया, जो 9 मार्च 2015 को दिए जाएंगे। इंग्लिश में आदिल जस्सावाला को उनकी पोएट्री कलेक्शन 'ट्राइंग टु से गुडबाय' (Trying To Say Goodbye) के लिए चुना गया है।
कविता संग्रह के लिए उत्पल कुमार (बांग्ला), उर्खाव गोरा ब्रह्म (बोडो), आदिल जस्सावाला (इंग्लिश), शाद रमजान (कश्मीरी), गोपालकृष्ण रथ (उड़िया), जसविंदर (पंजाबी), गोपे कमल (सिंधी) और मुनव्वर राणा (उर्दू) चुने गए हैं।
उपन्यास के लिए शैलेंद्र सिंह (डोगरी), रमेश चंद्र शाह (हिंदी), आशा मिश्र (मैथिली), सुभाष चंद्रन (मलयालम) और पूमणि (तमिल) को नवाजा जाएगा। अश्विन मेहता (गुजराती), जी. एच. नायक (कन्नड़) और माधवी सरदेसाई (कोंकणी) को उनके निबंध संग्रह के लिए चुना गया है।
अरूपा पतंगीया कलिता (असमिया), नंद हंखिम (नेपाली), रामपाल सिंह राजपुरोहित (राजस्थानी) को उनके कहानी संग्रहों के लिए और जयंत विष्णु नारालीकर (मराठी) को आत्मकथा और राचपालेम चंद्रशेखर रेड्डी (तेलुगु) को समालोचना और जे. किस्कू (संताली) को नाटक के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। अभी मणिपुरी और संस्कृत के लिए पुरस्कारों की घोषणा नहीं हुई है, यह ऐलान जनवरी में होगा।
12. विश्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविक (पुरुष) और सेरेना विलियम्स (महिला) को वर्ष 2014 के अंतरराष्ट्रीय टेनिस संघ (आइटीएफ) के वार्षिक पुरस्कार से 18 दिसंबर 2014 को लंदन में सम्मानित किया गया। इन दोनों को अपनी अपनी श्रेणी में विश्व चैंपियन के ख़िताब से सम्मानित किया गया।
13. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किये जाने कि घोषणा केन्द्र सरकार ने 24 दिसम्बर 2014 को की। साल 1954 में स्थापित किए गए सम्मान 'भारत रत्न' से नवाज़े गए महानुभावों की संख्या अब 45 हो गई है। पिछले साल यह सम्मान विश्व में सबसे ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर तथा प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ सीएनआर राव को प्रदान किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा स्वतंत्रता सेनानी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय से पहले जिन हस्तियों को यह सम्मान प्रदान किया गया है। वो निम्न प्रकार हैं-
सबसे पहले साल 1954 में तीन हस्तियों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया-
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
डॉ चंद्रशेखर वेंकटरमण और
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी
डॉ चंद्रशेखर वेंकटरमण और
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन
1955 में भी तीन हस्तीयों को यह पुरस्कार मिला
डॉ भगवान दास
सर डॉ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया और
पंडित जवाहरलाल नेहरू
1957 में
गोविंद वल्लभ पंत
1958 में
डॉ धोंडो केशव कर्वे
1961 में
डॉ बिधान चंद्र रॉय और
पुरुषोत्तम दास टंडन
1962 में
डॉ राजेंद्र प्रसाद
1963 में
डॉ ज़ाकिर हुसैन और
डॉ पांडुरंग वामन काणे
1966 में
लालबहादुर शास्त्री
1971 में
इंदिरा गांधी
1975 में
वराहगिरि वेंकट गिरि
1976 में
के कामराज
1980 में
मदर टेरेसा
1983 में
आचार्य विनोबा भावे
1987 में
खान अब्दुल गफ्फार खान
1988 में
एमजी रामचंद्रन
1990 में
डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर और
नेल्सन मंडेला
1991 में
राजीव गांधी
सरदार वल्लभ भाई पटेल और
मोरारजी देसाई
1992 में
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
जेआरडी टाटा और
सत्यजीत रे
1997 में
गुलजारी लाल नंदा
अरुणा आसफ़ अली और
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
1998 में
एमएस सुब्बूलक्ष्मी और
चिदम्बरम सुब्रमण्यम
1999 में
जयप्रकाश नारायण
रविशंकर
अमर्त्य सेन और
गोपीनाथ बोरदोलोई
2001 में
लता मंगेशकर और
उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां
2009 में
भीमसेन जोशी
2013 में
सचिन तेंदुलकर और
सीएनआर राव
2014 में
मदन मोहन मालवीय और
डॉ भगवान दास
सर डॉ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया और
पंडित जवाहरलाल नेहरू
1957 में
गोविंद वल्लभ पंत
1958 में
डॉ धोंडो केशव कर्वे
1961 में
डॉ बिधान चंद्र रॉय और
पुरुषोत्तम दास टंडन
1962 में
डॉ राजेंद्र प्रसाद
1963 में
डॉ ज़ाकिर हुसैन और
डॉ पांडुरंग वामन काणे
1966 में
लालबहादुर शास्त्री
1971 में
इंदिरा गांधी
1975 में
वराहगिरि वेंकट गिरि
1976 में
के कामराज
1980 में
मदर टेरेसा
1983 में
आचार्य विनोबा भावे
1987 में
खान अब्दुल गफ्फार खान
1988 में
एमजी रामचंद्रन
1990 में
डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर और
नेल्सन मंडेला
1991 में
राजीव गांधी
सरदार वल्लभ भाई पटेल और
मोरारजी देसाई
1992 में
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद
जेआरडी टाटा और
सत्यजीत रे
1997 में
गुलजारी लाल नंदा
अरुणा आसफ़ अली और
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
1998 में
एमएस सुब्बूलक्ष्मी और
चिदम्बरम सुब्रमण्यम
1999 में
जयप्रकाश नारायण
रविशंकर
अमर्त्य सेन और
गोपीनाथ बोरदोलोई
2001 में
लता मंगेशकर और
उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां
2009 में
भीमसेन जोशी
2013 में
सचिन तेंदुलकर और
सीएनआर राव
2014 में
मदन मोहन मालवीय और
अटल बिहारी वाजपेयी
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