1978 से ही जेल में बंद हैं, 106 साल का पिता और 80 साल का बेटा
ग्वालियर : मध्यप्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने ग्वालियर जेल का दौरा किया. इस दौरान वे 106 साल के कैदी को जेल में देखकर चौंक गए. बुजुर्ग सालिगराम का 80 साल का बेटा कमलेश भी जेल में बंद है.
दरसअल, गहमंत्री बाबूलाल गौर ने गुरूवार को ग्वालियर सेंट्रल जेल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. यहां 106 साल का कैदी सालगिराम गृहमंत्री बाबूलाल गौर के सामने आया, तो वे उसे देखकर चौंक गए.
गृहमंत्री गौर ने उम्र के इस पडाव पर बुजुर्ग सालगिराम को जेल में देखकर तुरंत जेलर जेल अधीक्षक दिनेश नारगावे से उसके रिहा करने का कानूनी रास्ता पूछा. वहीं, 106 साल तक की उम्र में यह कैदी ग्वालियर जेल में कैसे और उसका बैकग्राउंड क्या है, यह जानने के लिए जेलर से बातचीत की. जेल अधीक्षक नारगावे ने बताया कि पिता-पुत्र 1978 से ही जेल में बंद हैं.
अब एक साल बाद सालिगराम की रिहाई होनी है. ऐसे कई उम्रदराज कैदी जेल में बंद हैं, लेकिन जेल नियमों और कोर्ट से सजा पाने के बाद उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता है.
हालांकि, गौर ने जब सालिगिराम से नाम पूछा तो उसने केवल अपना नाम ही बता पाया. बुजुर्ग सालिगराम के साथ उसका 80 साल का पुत्र कमलेश भी जेल में बंद है.
बुजुर्ग पुत्र ने गृहमंत्री को बताया कि वे शिवपुरी के निवासी हैं. दोनों को पड़ोसी की हत्या के मामले में दोनों को उम्र कैद हुई थी. कैदी कमलेश ने बताया कि वैसे दोनों ही आदतन अपराधी नहीं थे, लेकिन झगड़े के समय आवेश में पड़ोसी की हत्या हो गई.
बताया गया कि कुछ दिनों पहले हाईकोर्ट से सालिगराम को जमानत भी मिल गई थी, लेकिन अभियोजन पक्ष की अपील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सजा सुना दी. तब से वह जेल में हैं.
दरसअल, गहमंत्री बाबूलाल गौर ने गुरूवार को ग्वालियर सेंट्रल जेल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. यहां 106 साल का कैदी सालगिराम गृहमंत्री बाबूलाल गौर के सामने आया, तो वे उसे देखकर चौंक गए.
गृहमंत्री गौर ने उम्र के इस पडाव पर बुजुर्ग सालगिराम को जेल में देखकर तुरंत जेलर जेल अधीक्षक दिनेश नारगावे से उसके रिहा करने का कानूनी रास्ता पूछा. वहीं, 106 साल तक की उम्र में यह कैदी ग्वालियर जेल में कैसे और उसका बैकग्राउंड क्या है, यह जानने के लिए जेलर से बातचीत की. जेल अधीक्षक नारगावे ने बताया कि पिता-पुत्र 1978 से ही जेल में बंद हैं.
अब एक साल बाद सालिगराम की रिहाई होनी है. ऐसे कई उम्रदराज कैदी जेल में बंद हैं, लेकिन जेल नियमों और कोर्ट से सजा पाने के बाद उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता है.
हालांकि, गौर ने जब सालिगिराम से नाम पूछा तो उसने केवल अपना नाम ही बता पाया. बुजुर्ग सालिगराम के साथ उसका 80 साल का पुत्र कमलेश भी जेल में बंद है.
बुजुर्ग पुत्र ने गृहमंत्री को बताया कि वे शिवपुरी के निवासी हैं. दोनों को पड़ोसी की हत्या के मामले में दोनों को उम्र कैद हुई थी. कैदी कमलेश ने बताया कि वैसे दोनों ही आदतन अपराधी नहीं थे, लेकिन झगड़े के समय आवेश में पड़ोसी की हत्या हो गई.
बताया गया कि कुछ दिनों पहले हाईकोर्ट से सालिगराम को जमानत भी मिल गई थी, लेकिन अभियोजन पक्ष की अपील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सजा सुना दी. तब से वह जेल में हैं.
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