कीनिया में गाय का खून पीते हैं लोग, लेकिन मारते नहीं : RSS प्रमुख
नई दिल्ली : आरएसएस प्रमुख भागवत ने गोहत्या पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। भागवत ने कहा कि अफ्रीकी देश कीनिया में लोग गाय का खून पीते हैं लेकिन उसे मारते नहीं। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कीनिया में लोग गाय का खून ऐसे निकालते हैं कि गाय की मौत न हो। उन्होंने कहा कि वहां पर लोग कठिन परिस्थितियों में गाय का खून पीते हैं लेकिन गाय को मारते नहीं।
नागपुर में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कीनिया में गोहत्या पर प्रतिबंध है।
देश भर में गोहत्या के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शन और सांप्रदायिक तनावों के बीच आरएसएस प्रमुख का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। देश के कई जगहों पर कथित गोमांस पाए जाने को लेकर सांप्रदायिक तनाव फैल गया जबकि दादरी में अखलाक नाम के व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई।
गौरतलब है कि दादरी के गांव में गोमांस खाने की अफवाह के चलते पीट-पीट कर मारे गए अखलाक का संदर्भ देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य के एक लेख में पिछले दिनों कहा गया कि वेद में गउ हत्या करने वालों को मौत की सजा देने की बात कही गई है।
मुखपत्र में ‘इस उत्पात के उसपार’ शीर्षक से लेख में आरोप लगाया गया है कि मदरसे और मुस्लिम नेता युवा मुसलमानों को देश की परंपराओं से नफरत करना सिखाते हैं। अखलाक भी इन्हीं बुरी हिदायतों के चलते शायद गाय की कुरबानी कर बैठा।
लेख के अनुसार, वेद में कहा गया है कि गउ हत्या करने वालों को मौत की सजा दी जाए। हममें से बहुतों के लिए यह जीवन मरण का प्रश्न है। गउ हत्या हिन्दुओं के लिए मान बिन्दु है। इसमें कहा गया है कि सामाजिक सद्भाव के लिए यह जरूरी है कि हम एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें।
इसमें कहा गया है कि निश्चित तौर पर भारत में न्याय प्रणाली है और किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। लेकिन बहुसंख्यक समाज की मनोदशा की चिंता भी हो।
पांचजन्य के एक अन्य लेख में हाल के दिनों में देश में कथित रूप से ‘असहिष्णुता’ के विरोध में लेखकों के एक वर्ग द्वारा सम्मान लौटाए जाने के संदर्भ में कहा गया है कि यह वर्तमान राजग सरकार के तहत देश को विकास की ओर बढ़ता देख भारत के खिलाफ कोई बड़ी साजिश है और ये कलमकार उसकी कठपुतली बने हैं।

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