भाजपा ने राम माधव के ‘अखंड भारत’ वाले बयान से झाड़ा पल्ला
नई दिल्ली : भाजपा ने आज पार्टी महासचिव राम माधव के ‘अखंड भारत’ वाले बयान से खुद को अलग कर लिया और सफाई दी कि राम माधव को अपनी राय जाहिर करने का हक है लेकिन पार्टी और सरकार के लिए भारत और पाकिस्तान दो संप्रभु देश हैं।
बहरहाल, कांग्रेस ने भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव के बयान को आड़े हाथ लिया। कांग्रेस ने कहा कि भगवा पार्टी को अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए ‘हृदय प्रतिरोपण’ कराने की जरूरत पड़ेगी। वहीं माकपा ने ‘अखंड भारत’ पर माधव की टिप्पणी को पाकिस्तान के साथ शुरू हुई बातचीत को पटरी से उतारने का ‘निश्चित तरीका’ करार दिया।
इस मुद्दे पर कई सवालों के जवाब में भाजपा प्रवक्ता एम जे अकबर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से 1999 में लाहौर में दिए गए भाषण की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान संप्रभु राष्ट्रों के तौर पर वार्ता करते हैं। अकबर ने कहा, ‘और वह तथ्य तो तथ्य है।’
यह पूछे जाने पर कि जब पार्टी और सरकार का रख इतना साफ है तो फिर एक अहम महासचिव ने ऐसे बयान क्यों दिए, इस पर उन्होंने कहा, ‘माधव एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्हें अपनी राय जाहिर करने का पूरा हक है । लेकिन सरकार के रूख पर किसी स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है।’
कांग्रेस ने माधव के ‘अखंड भारत’ के विचार, जिसमें मौजूदा पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल होंगे, को ‘शानदार’ करार दिया, लेकिन यह भी कहा कि इसके लिए भाजपा को ‘बड़े दिल’ की जरूरत पड़ेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने तंज कसते हुए कहा, ‘यह एक शानदार विचार है। यह होना चाहिए। उन्होंने भविष्य के बारे में बात की है, लेकिन देश में माहौल खराब हो रहा है। अर्थव्यवस्था की हालत लचर है और महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा इन चीजों का निदान जरूरी है और आपको तो भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों से ही समस्या है।’
उन्होंने कहा, ‘विचार अच्छा है, लेकिन वे भारत में जिस तरह के ‘कर्म’ कर रहे हैं, उस पर नियंत्रण की जरूरत है। असहिष्णुता नाम का शब्द हमारे शब्दकोषों से हटना चाहिए। सिर्फ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर जाने का मतलब यह नहीं है कि आपने असहिष्णुता छोड़ दी है।’
वडक्कन ने कहा, ‘भड़काऊ बयान देने वालों पर लगाम लगनी चाहिए। यदि आप ‘अखंड भारत’ के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बड़े दिल की जरूरत पड़ेगी और इसके लिए भाजपा को हृदय प्रतिरोपण की जरूरत होगी।’ भाकपा ने माधव के बयान को ‘काफी भड़काऊ और निंदनीय’ करार दिया।
वरिष्ठ पार्टी नेता डी. राजा ने कहा, ‘राम माधव के बयान काफी भड़काऊ और निंदनीय हैं। पाकिस्तान से वार्ता की कोशिशों को पटरी से उतारने का यह सबसे निश्चित तरीका है।’ राजा ने कहा कि माधव और आरएसएस दोनों को आज की हकीकत को समझना चाहिए कि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान संप्रभु देश हैं। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ‘अखंड भारत’ पर अपना रूख स्पष्ट करें।
बहरहाल, कांग्रेस ने भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव के बयान को आड़े हाथ लिया। कांग्रेस ने कहा कि भगवा पार्टी को अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए ‘हृदय प्रतिरोपण’ कराने की जरूरत पड़ेगी। वहीं माकपा ने ‘अखंड भारत’ पर माधव की टिप्पणी को पाकिस्तान के साथ शुरू हुई बातचीत को पटरी से उतारने का ‘निश्चित तरीका’ करार दिया।
इस मुद्दे पर कई सवालों के जवाब में भाजपा प्रवक्ता एम जे अकबर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से 1999 में लाहौर में दिए गए भाषण की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान संप्रभु राष्ट्रों के तौर पर वार्ता करते हैं। अकबर ने कहा, ‘और वह तथ्य तो तथ्य है।’
यह पूछे जाने पर कि जब पार्टी और सरकार का रख इतना साफ है तो फिर एक अहम महासचिव ने ऐसे बयान क्यों दिए, इस पर उन्होंने कहा, ‘माधव एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्हें अपनी राय जाहिर करने का पूरा हक है । लेकिन सरकार के रूख पर किसी स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है।’
कांग्रेस ने माधव के ‘अखंड भारत’ के विचार, जिसमें मौजूदा पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल होंगे, को ‘शानदार’ करार दिया, लेकिन यह भी कहा कि इसके लिए भाजपा को ‘बड़े दिल’ की जरूरत पड़ेगी।
कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने तंज कसते हुए कहा, ‘यह एक शानदार विचार है। यह होना चाहिए। उन्होंने भविष्य के बारे में बात की है, लेकिन देश में माहौल खराब हो रहा है। अर्थव्यवस्था की हालत लचर है और महिलाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा इन चीजों का निदान जरूरी है और आपको तो भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों से ही समस्या है।’
उन्होंने कहा, ‘विचार अच्छा है, लेकिन वे भारत में जिस तरह के ‘कर्म’ कर रहे हैं, उस पर नियंत्रण की जरूरत है। असहिष्णुता नाम का शब्द हमारे शब्दकोषों से हटना चाहिए। सिर्फ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर जाने का मतलब यह नहीं है कि आपने असहिष्णुता छोड़ दी है।’
वडक्कन ने कहा, ‘भड़काऊ बयान देने वालों पर लगाम लगनी चाहिए। यदि आप ‘अखंड भारत’ के बारे में सोच रहे हैं तो आपको बड़े दिल की जरूरत पड़ेगी और इसके लिए भाजपा को हृदय प्रतिरोपण की जरूरत होगी।’ भाकपा ने माधव के बयान को ‘काफी भड़काऊ और निंदनीय’ करार दिया।
वरिष्ठ पार्टी नेता डी. राजा ने कहा, ‘राम माधव के बयान काफी भड़काऊ और निंदनीय हैं। पाकिस्तान से वार्ता की कोशिशों को पटरी से उतारने का यह सबसे निश्चित तरीका है।’ राजा ने कहा कि माधव और आरएसएस दोनों को आज की हकीकत को समझना चाहिए कि भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान संप्रभु देश हैं। उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ‘अखंड भारत’ पर अपना रूख स्पष्ट करें।
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