नए साल पर शिक्षकों को CM शिवराज की सौगात
भोपाल : मध्यप्रदेश सरकार ने अहम फैसला लेते हुए अध्यापकों की पुरानी मांग को पूरा करते हुए उन्हें छटवें वेतनमान का लाभ देने का एलान कर दिया है। इससे शिक्षक संगठनों में खुशी है। लेकिन इस फैसले को बीजेपी की संगठन के साथ साथ प्रशासनिक स्तर पर भी जमावट के तौर पर देखा जा रहा है, जो चुनाव से तीन साल पहले ही शुरू कर दी गई है।
पिछले एक साल से अध्यापक इस मांग को करते आ रहे थे। कुछ दिनों पहले उन्होंने इसे लेकर आंदोलन भी किया। लेकिन सरकार ने तब भी मांग पूरी नहीं की। 24 दिसंबर को अध्यापकों का सम्मेलन होना था और सीएम शिवराज इसमें इसबात का एलान करने वाले थे। उन्होंने एलान किया मगर मुंबई से,
इस फैसले का लाभ प्रदेश के करीब दो लाख अध्यापकों को मिलेगा। लेकिन सरकार पर 1300 करोड़ का अतिरिक्त बोझ भी आएगा। सरकार के इस एलान के बाद शिक्षक संगठन बेहद खुश है और खुशियां बांटने वो स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के घर जा पहुंचे। उन्होंने फैसले के लिए सरकार का धन्यवाद किया ।
लेकिन यहां सवाल ये है कि, इस फैसले के बाद अब कर्मचारी संगठनों की मांगें जोर नहीं पकड़ेगी जो लंबे समय से अटकी हुई है। प्रदेश में चुनाव में अभी तीन साल का लंबा वक्त बाकी है। लेकिन इसे अभी से सरकार की प्रशासनिक जमावट के तौर पर भी देखा जा रहा है। बहरहाल आने वाले दिनों में ऐसे और भी कई फैसले देखने को मिलेंगे तो ये बात और ज्यादा पुख्ता होती नजर आएगी।
पिछले एक साल से अध्यापक इस मांग को करते आ रहे थे। कुछ दिनों पहले उन्होंने इसे लेकर आंदोलन भी किया। लेकिन सरकार ने तब भी मांग पूरी नहीं की। 24 दिसंबर को अध्यापकों का सम्मेलन होना था और सीएम शिवराज इसमें इसबात का एलान करने वाले थे। उन्होंने एलान किया मगर मुंबई से,
इस फैसले का लाभ प्रदेश के करीब दो लाख अध्यापकों को मिलेगा। लेकिन सरकार पर 1300 करोड़ का अतिरिक्त बोझ भी आएगा। सरकार के इस एलान के बाद शिक्षक संगठन बेहद खुश है और खुशियां बांटने वो स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा के घर जा पहुंचे। उन्होंने फैसले के लिए सरकार का धन्यवाद किया ।
लेकिन यहां सवाल ये है कि, इस फैसले के बाद अब कर्मचारी संगठनों की मांगें जोर नहीं पकड़ेगी जो लंबे समय से अटकी हुई है। प्रदेश में चुनाव में अभी तीन साल का लंबा वक्त बाकी है। लेकिन इसे अभी से सरकार की प्रशासनिक जमावट के तौर पर भी देखा जा रहा है। बहरहाल आने वाले दिनों में ऐसे और भी कई फैसले देखने को मिलेंगे तो ये बात और ज्यादा पुख्ता होती नजर आएगी।
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